पूरे एशिया कप में 60 रन, पर फाइनल में सेंचुरी जड़ने वाले लिटन दास टीम में कैसे आए?
लड़के ने वनडे और टेस्ट क्रिकेट दोनों में डेब्यू इंडिया के खिलाफ ही किया था.
लिटन दास ने एशिया कप के फाइनल में सेंचुरी मारी.
सौरभ
28 सितंबर 2018 (Updated: 28 सितंबर 2018, 04:10 PM IST)
एशिया कप का फाइनल. भारत वर्सेज बांग्लादेश. बांग्लादेश की पहले आई बैटिंग. ओपनिंग आए लिटन दास और मेहंदी हसन. वो लिटन दास जिसने एशिया कप के पिछले 5 मैचों में कुल 60 रन बनाए थे. वो लिटन दास जिसने वनडे क्रिकेट में एक भी फिफ्टी नहीं मारी थी. मगर इस मैच में इस बंदे ने सारी कसर पूरी कर दी. हर भारतीय बॉलर की क्लास लगाई. पहली फिफ्टी नहीं, पहली सेंचुरी ही जड़ डाली. बांग्लादेश को ऐसी शुरुआत दिला डाली, जैसी इस टीम को उम्मीद भी नहीं रही होगी. वनडे में सबसे तेज शतक मारने वाले बांग्लादेशी बल्लेबाज बन गए. 87 बॉल पर सेंचुरी जड़ी. उनके पहले तमीम और सौम्य ने 94 बॉल पर शतक मारा था. 121 रन बनाए. 117 बॉलों पर. 12 चौकों और 2 छक्कों की मदद से.
लिटन दास के 121 रनों की पारी के बावजूद बांग्लादेश की टीम सिर्फ 222 रन स्कोर बोर्ड पर लगा पाई है. लिटन के अलावा मेहदी हसन ने 32 और सौम्य सरकार ने 33 रनों की पारियां खेली हैं.
अब आपको बताते हैं कौन हैं ये लिटन दास. लिटन बांग्लादेश के दिनाजपुर के रहने वाले हैं. 13 अक्टूबर 1994 को वो इसी शहर में एक हिंदू परिवार में जन्मे थे. लिटन दास इसी लीग में अपने खेल की वजह से लाइमलाइट में आए. सन 2014-15 के सीजन में. बंदे ने इस सीरीज में 5 शतक जड़े. वो भी सिर्फ 7 मैचों में. कुल 1024 रन बनाए. 85 के एवरेज से. उन्हीं के खेल की वजह से ही उनकी टीम रंगपुर डिवीजन ने इस बांग्लादेश की रणजी ट्रॉफी पर कब्जा किया. इस परफॉर्मेंस से लिटन बांग्लादेश के सेलेक्टरों की नजरों में चढ़ गए. बिना देरी उनको नैशनल टीम में जगह मिल गई. टेस्ट टीम में. जून 2015 में इंडिया के खिलाफ लिटन का डेब्यू हुआ. इसी सीरीज में 18 जून को लिटन का वनडे डेब्यू भी हो गया. हालांकि वो यहां अपनी छाप नहीं छोड़ पाए. टीम से बाहर हो गए.

मगर फिर बांग्लादेश क्रिकेट लीग में उन्होंने फिर एक बार कमाल किया. जनवरी 2017 में डबल सेंचुरी जड़ दी. 219 रन बनाए. इससे उनकी फिर एक बार टीम में वापसी हो गई. 2017-18 बांग्लादेश क्रिकेट लीग में एक बार फिर वो सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. 6 मैचों में 779 रन बनाए. इन अच्छी परफॉर्मेंस के साथ ही एक और वजह थी जिन्होंने लिटन की टीम में जगह पक्की की. वो ये कि मार्च 2017 में बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज मुश्फिकुर रहीम ने विकेट कीपिंग नहीं करने की घोषणा की. बोले मैं सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर खेलना चाहता हूं. इस पर बांग्लादेश क्रिकेट ने लिटन पर भरोसा जताया. लिटन इस भरोसे लायक हैं, वो उन्होंने इस मैच में साबित किया है.
उन्हें बांग्लादेश क्रिकेट का फ्यूचर बताया जा रहा है. हालांकि उन्हें अभी बहुत कुछ प्रूफ करना है. जैसे उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 84 मैचों में 66.50 के एवरेज से 4212 रन बनाए हैं. 12 शतक, 20 हाफ सेंचुरी मारी है. वैसा ही इंटरनैशनल क्रिकेट में करना होगा. खैर करना तो बांग्लादेश के और प्लेयरों को भी होगा. वो इसलिए क्योंकि इस मैच में लिटन के अलावा सभी बल्लेबाज तो जैसे विकेट गिरवाने का कॉम्पिटीशन कर रहे हों. मतलब सबको छक्का ही मारना था. जो छक्के मारने के चक्कर में आउट नहीं हुए वो रनआउट होकर कसर पूरी कर दिए. इसी वजह से बांग्लादेश इतनी अच्छी शुरुआत होने के बावजूद 222 रन ही बना सकी.
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