कानपुर: कोरोना संक्रमित जज को नहीं मिला उचित इलाज, शिकायत की तो मैनेजर भड़क गया
जज की सलाह पर अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
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कानपुर के जिला जज को कोरोना हो गया. वह इलाज के लिए सीएमओ के साथ जिस प्राइवेट अस्पताल में गए वहां के हालात देख कर इतना खिन्न हुए कि सीएमओ से FIR दर्ज करने को कहा.
तस्वीर कानपुर के एलएलआर अस्पताल की है. (प्रतीकात्मक फोटो-पीटीआई)
जज आरपी सिंह के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर हम रविवार को हॉस्पिटल गए. उन्होंने इसकी जानकारी पहले ही हॉस्पिटल के मैनेजर अमित नारायण को दे दी थी. जब मैं और जज आरपी सिंह लिफ्ट से ऊपरी मंजिल पर जा रहे थे तो लिफ्ट काफी देर के लिए अटक गई.मिश्रा ने आरोप लगाया कि जब वह लिफ्ट से बाहर आए तो उन्होंने देखा कि कोविड- 19 के मरीजों की देखभाल के लिए वहां पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं है. वहां पर जज सिंह की जांच के लिए कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी मौजूद नहीं था. इस दौरान कोरोना के कुछ मरीजों के परिवारवालों ने भी अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर शिकायत की. फोन पर भड़क गया मैनेजर इस बदइंतजामी की सूचना अस्पताल के मैनेजर को दी गई तो वह भड़क गया. नवभारत टाइम्स अखबार की खबर के मुताबिक, मरीजों की समस्या सुनने और अस्पताल का हाल देख कर सीएमओ ने वहां मौजूद स्टाफ से पूछताछ की तो उन्हें कोई सीधा जवाब नहीं मिला. फिर उन्होंने अस्पताल के मैनेजर अमित नारायण को फोन मिलाया. सीएमओ ने अमित को अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं के बारे में बताया. इस पर मैनेजर अमित नारायण ने सीएमओ से कहा-
जो करना है वह करो, जाओ मेरा अस्पताल सीज करा दो, मुझे जेल भेज दो.यह सब जानने के बाद जज आरपी सिंह ने सीएमओ को सलाह दी कि अस्पताल के खिलाफ फौरन लापरवाही का मामला दर्ज कराएं. इसके बाद सीएमओ पनकी पुलिस स्टेशन गए और अस्पताल के खिलाफ लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई. इस मामले पर कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण का कहना है कि नारायणा मेडिकल कॉलेज के मैनेजर अमित नारायण, डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर ली गई है. हालांकि अस्पताल के किसी स्टाफ मेंबर का नाम इसमें नहीं है.