कंगना रनौत का पुतला फूंक रहे थे किसान, UP पुलिस छीनकर भाग गई, वीडियो देखिए
UP News: किसानों ने Kangana Ranaut के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान वहां लाशें लटकी थीं, वहां रेप हो रहे थे.

भाजपा सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के किसान आंदोलन पर दिए गए बयान का विरोध जारी है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के हापुड़ में किसानों का एक समूह रनौत का पुतला जलाने के लिए इकट्ठा हुआ था. लेकिन मौके पर कुछ अलग ही दृश्य हो गया. जब UP पुलिस और किसानों के बीच खींचतान की स्थिति बन गई. आखिर में पुलिस ने किसानों से पुतला छीन लिया और भाग गए.
27 अगस्त की इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि किसान कंगना के विरोध में नारे लगा रहे हैं. किसान जैसे ही गाड़ी से पुतला निकालते हैं, पुलिसवाले उसे छीनने लगते हैं. किसान भी पुतले को बचाने की कोशिश करते हैं. खींचतान होती है. खींचतान में पुतले के दो टुकड़े हो जाते हैं. वीडियो देखें.
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Kangana Ranaut का बयानइंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ये लोग भारतीय किसान यूनियन (लोकहित) से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कंगना के उस बयान का विरोध किया जिसमें उन्होंने कहा था,
"जो बांग्लादेश में हुआ है, वो यहां होते हुए भी देर नहीं लगनी थी. अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व इतना मजबूत नहीं होता. किसान आंदोलन के दौरान वहां लाशें लटकी थीं, वहां रेप हो रहे थे. और जब किसानों के हितकारी बिल वापस लिए गए तो पूरा देश चौंक गया. लेकिन वे किसान आज भी वहां बैठे हुए हैं. उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि ये बिल वापस होगा."
हालांकि, बाद में उनकी पार्टी BJP ने उनके इस बयान से खुद को अलग कर लिया. और कहा कि ये कंगना का निजी बयान है. पार्टी ने अपने बयान में कहा,
किसानों की 3 मांगे"BJP कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है. पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वो बयान देने के लिए अधिकृत हैं."
पुतला छीने जाने के बाद भारतीय किसान यूनियन (लोकहित) के राष्ट्रीय प्रवक्ता हरीश हूण ने मीडिया से कहा,
"एक टीवी इंटरव्यू में मंडी से BJP सांसद कंगना रनौत ने किसानों को बलात्कारी और हत्यारा कहा. किसान, जो देश के 140 करोड़ लोगों को खिलाते हैं, उनके लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. जब हम यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तो पुलिस ने हमारी कार से पुतले को चोरी से उतार लिया. हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे और उनका पुतला जलाना चाहते थे, जो हमारा अधिकार है."
उन्होंने सरकार से तीन मांगे की. उन्होंने कहा कि कंगना को खुले मंच से किसानों से माफी मांगनी चाहिए. भाजपा को उन्हें निलंबित करना चाहिए अन्यथा उनकी टिप्पणी को पार्टी का रुख माना जाएगा. और पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए.
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