नाम- नरसिम्हा रेड्डी, काम- सरकारी चपरासी, संपत्ति- 100 करोड़ से ज़्यादा
एक और झटका लगेगा, जब इस आदमी की सैलरी जानेंगे.

भ्रष्टाचार के एक चौंकाने वाले मामले में आंध्र प्रदेश के एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक ऑफिस अटेंडर के पास से 100 करोड़ रुपए से ज़्यादा की प्रॉपर्टी बरामद की है. आरोपी सरकारी कर्मचारी का नाम के. नरसिम्हा रेड्डी है. वो नेल्लोर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के दफ्तर में ऑफिस सबऑर्डिनेट कम अटेंडेंट के तौर पर काम कर रहा था.
नरसिम्हा रेड्डी के भ्रष्टाचार के बारे में पक्की जानकारी मिलने पर ACB के अधिकारियों ने उसके ठिकानों पर रेड मारी. इन रेड्स में उन्हें सोने और हीरे की जूलरी समेत करोड़ों की संपत्ति मिली. ACB ने कुछ 6 ठिकानों पर छापे मिले, जहां उन्हें:-
2 किलो सोना7 किलो चांदी7.70 लाख कैश50 करोड़ से ज़्यादा कीमत की खेती वाली ज़मीन17 प्लॉटऔर एक पेंटहाउस बिल्डिंग का पता चला.
और इतना कुछ उस सरकारी कर्मचारी के पास है, जिसे महीने में 40 हज़ार रुपए की सैलरी मिलती है.

रेड्डी के ठिकानों से मिले संपत्तियों के दस्तावेज.
इन संपत्तियों की कागजों के अलावा ACB अधिकारियों को एक करोड़ रुपए के लाइफ इंश्यॉरेंस, 10 लाख रुपए की LIC पॉलिसीज़ और 20 लाख रुपए के बैंक डिपॉजिट का भी पता चला. अधिकारियों के मुताबिक रेड्डी 1992 से नेल्लोर इलाके में ज़मीने खरीद रहा है और पिछले 10 सालों में उसने सोने और चांदी की खरीदी ज़्यादा कर दी थी.
नरसिम्हा रेड्डी ने अटेंडर के तौर पर अपनी सरकारी नौकरी 22 अक्टूबर 1984 को नेल्लोर के DTC ऑफिस में शुरू की थी. पिछले 34 साल से वो एक ही ऑफिस में एक ही पोजीशन पर काम कर रहा है. ACB के डीजी आरपी ठाकुर के मुताबिक रेड्डी ने कभी कोई प्रमोशन नहीं लिया और अटेंडर/ ऑफिस सबऑर्डिनेट के तौर पर काम करता है.
इस व्यस्त ट्रांसपोर्ट ऑफिस में वो ऐसा आदमी है, जिसके सभी से कॉन्टैक्ट्स हैं. कथित तौर पर उसने प्रमोशन के लिए इसी वजह से इनकार कर दिया था, क्योंकि सिर्फ चपरासी रहते हुए ही वो इतना पैसा कमाए ले रहा था. ACB ने रेड्डी को अरेस्ट करके कोर्ट में पेश किया.
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