यूपी में एक और पत्रकार की हत्या, लाठी-डंडे से पीटा और फिर गोली मारी
पुलिस ने हत्या के पीछे की जो वजह बताई, वो परिवार को नामंजूर है.

कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब इसी तरह का मामला बलिया ज़िले से आया है. यहां फेफना गांव में 24 अगस्त की रात एक पत्रकार की हत्या कर दी गई. नाम रतन सिंह था. एक प्राइवेट चैनल में काम करते थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रतन सिंह को लाठी-डंडों से पीटा गया और गोली मारी गई.
'इंडिया टुडे' के अनिल अकेला की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 अगस्त की रात रतन सिंह अपने घर लौट रहे थे. तभी कुछ लोगों ने उनका पीछा किया. उन्होंने जान बचाने के लिए गांव के प्रधान के घर जाकर छिपने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उन्हें दौड़ाकर गोली मार दी.
पुलिस का क्या कहना है?
बलिया पुलिस के मुताबिक, ये मामला पुरानी आपसी रंजिश का है. पुलिस ने कहा,
"10 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, इनमें से छह की गिरफ्तारी की जा चुकी है. घटना का कारण 26 दिसंबर 2019 के दिन दोनों पक्षों के बीच हुई मारपीट है. उस वक्त दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई थी. वर्तमान घटना में शामिल पांच आरोपियों का पहले की घटना में भी नाम था. दूसरे पक्ष के दिनेश सिंह ने जो FIR दर्ज कराई थी, उसमें रतन सिंह के ऊपर भी आरोप लगाए थे, जांच में जिनकी नामजदगी गलत पाई गई थी. उस मामले के संबंध में प्रभावी कार्रवाई न करने और लापरवाही बरतने के कारण प्रभारी निरीक्षक फेफना को निलंबित कर दिया गया है."
— Ballia Police (@balliapolice) August 25, 2020
जनपद बलिया में हुई पत्रकार हत्या प्रकरण में प्रेस नोट -- @Uppolice @adgzonevaranasi @CMOfficeUP @UPGovt @balliapolice @dubey_ips @ABPNews @aajtak @ZeeNews @News18UP @Bharatsamachar6 @news24tvchannel @ndtv @dgpup @ETVBharatUP @ETVUPpolitics pic.twitter.com/wCSDGqQ7Tq
— Dig Range Azamgarh (@digazamgarh) August 25, 2020
इसके अलावा डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि ज़मीन पर रखी पुआल और भूसी की वजह से 24 अगस्त को लड़ाई हुई थी. उन्होंने कहा,
"ज़मीन पर पहले से ही पुआल रखा हुआ था, जिस पर लाकर आरोपी पक्ष की तरफ से भूसी रख दी गई थी. मृतक पक्ष की तरफ से अपनी ज़मीन बताते हुए उस भूसी को वहां से हटाया गया, जिसके बाद विपक्षी ने पुआल को तितर-बितर कर दिया. इस कड़ी में दोनों पक्षों में वहां पर लड़ाई हुई, जिसके क्रम में चली गोली में पत्रकार रतन सिंह की मौके पर मृत्यु हो गई."
DIG ने ये भी कहा कि पड़ोसी से ज़मीनी विवाद और पुरानी आपसी रंजिश की वजह से ये हत्या हुई है, इसके पीछे किसी भी तरह से पत्रकारिता कारण नहीं है.
पत्रकार रतन सिंह जी की हत्या के सम्बंध में पुलिस उपमहानिरीक्षक परिक्षेत्र आज़मगढ़ की बाईट । @Uppolice @adgzonevaranasi @digazamgarh @ZeeNews @ABPNews @news24tvchannel @samachar_bharat @ndtvindia @myogiadityanath @CMOfficeUP @ANI pic.twitter.com/8k3toEPYMd
— Ballia Police (@balliapolice) August 24, 2020
वहीं पुलिस की इन बातों को मृतक के पिता ने गलत बताया है. पत्रकार गौरव सिंह सेंगर ने मृतक के पिता का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वो कहते दिख रहे हैं कि ज़मीन पर पुआल या भूसी का कोई मामला नहीं था, ज़मीन पर कुछ नहीं है. आगे कहा,
"कुछ नहीं रखा गया है ज़मीन पर. पुलिस एकदम झूठी कहानी बना रही है. यहां के इनचार्ज शशीमौली इसमें शामिल हैं. ये वहां गए हैं और तुरंत वहां से गाड़ी लेकर भाग गए हैं. आज कोई विवाद भी नहीं हुआ. उसे (रतन सिंह) धोखे से बुलाकर ले गए हैं. जहां पर हत्या हुई, वहां से पुलिस थाना केवल 20 कदम की दूरी पर है.'
इस मामले में कांग्रेस कि जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर यूपी सरकार को निशाने में लिया. लिखा,बलिया- बलिया पत्रकार हत्याकांड अपडेट-
पुलिस का झूठ बेनकाब- पीड़ित पिता ने पुलिस के झूठ का किया पर्दाफाश- मृतक पत्रकार के पिता का बयान- पुलिस एकदम झूठी कहानी बना रही है-पीड़ित पिता कोई जमीनी विवाद नहीं था- पिता पुआल,भूसी का भी कोई मामला नहीं था - पिता pic.twitter.com/T0tL9LBKEv — Gaurav Singh Sengar (@sengarlive) August 24, 2020
"यूपी के सीएम सरकार की स्पीड बताते हैं और अपराध का मीटर उससे दोगुनी स्पीड से भागने लगता है.
प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्
ये यूपी में केवल दो दिनों का अपराध का मीटर है. यूपी सरकार बार-बार अपराध की घटनाओं पर पर्दा डालती है मगर अपराध चिंघाड़ते हुए प्रदेश की सड़कों पर तांडव कर रहा है."
इसके साथ ही एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें 23 अगस्त और 24 अगस्त के दिन यूपी में हुए अपराधों की लिस्ट है. यूपी कांग्रेस के भी आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया. कहा गया,यूपी के सीएम सरकार की स्पीड बताते हैं और अपराध का मीटर उससे दोगुनी स्पीड से भागने लगता है।
प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम् ये यूपी में केवल दो दिनों का अपराध का मीटर है। यूपी सरकार बार-बार अपराध की घटनाओं पर पर्दा डालती है मगर अपराध चिंघाड़ते हुए प्रदेश की सड़कों पर तांडव कर रहा है। pic.twitter.com/vaN3J5wG2T — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 25, 2020
"दिल्ली एसी में बैठकर कुछ पत्रकार यूपी सीएम को नम्बर वन होने का झूठा खिताब दे देते हैं और जंगलराज पर पर्दा डालते हैं. लेकिन झूठे प्रचार और बढ़ते जंगलराज का शिकार दिल्ली से दूर बैठा बलिया का पत्रकार होता है. थाने के पास में ही उसे घेरकर मार दिया जाता है."
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन यानी AISA ने भी ट्वीट किया. कहा, "एक हिंदी न्यूज़ चैनल के साथ काम कर रहे पत्रकार की यूपी के बलिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई. उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह बर्बाद हो गया है. जंगल राज में आम आदमी सुरक्षित नहीं है."दिल्ली एसी में बैठकर कुछ पत्रकार यूपी सीएम को नम्बर वन होने का झूठा खिताब दे देते हैं और जंगलराज पर पर्दा डालते हैं।
लेकिन झूठे प्रचार और बढ़ते जंगलराज का शिकार दिल्ली से दूर बैठा बलिया का पत्रकार होता है। थाने के पास में ही उसे घेरकर मार दिया जाता है। — UP Congress (@INCUttarPradesh) August 25, 2020
#BreakingNews A journalist working with a Hindi news channel shot dead in UP's Ballia district Total Collapse of Law & Order in Uttar Pradesh!! Common People are not Safe in Jungle Raj!! — AISA (@AISA_tweets) August 24, 2020
हालांकि अभी मामले की जांच चल रही है. गिरफ्तार हुए आरोपियों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है.
वीडियो देखें: गोली चलने से पहले और उसके बाद क्या हुआ, पत्रकार की आठ साल की बेटी ने बताया