21 जुलाई 2021 (Updated: 21 जुलाई 2021, 10:13 AM IST) कॉमेंट्स
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य में स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. इस बदलाव के तहत अब वो लोग भी जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी बन सकते हैं जिन्होंने राज्य की महिला के साथ विवाह किया है. साथ ही उनके बच्चे भी यहां के स्थायी निवासी बन सकते हैं.
जब तक कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए लागू था, तब अगर कोई कश्मीरी महिला राज्य से बाहर शादी करती तो उसके पति और बच्चों के राज्य की स्थायी नागरिकता नहीं मिलती थी. हालांकि महिला राज्य की स्थायी निवासी रहती थी. वहीं अगर कोई कश्मीरी पुरुष, राज्य से बाहर की महिला के साथ शादी करता था तो उसकी पत्नी और बच्चों को भी राज्य का स्थायी निवासी माना जाता था.
लेकिन अब जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने 20 जुलाई, 2021 को जारी की गई अधिसूचना में महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर अधिकार दे दिए हैं. अब केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन, स्थानीय महिला के उस जीवनसाथी को भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट इश्यू करेगा जो राज्य से बाहर का है.
https://twitter.com/ani/status/1417706606087729158
डोमिसाइल क्या होता है?
डोमिसाइल का अर्थ होता है अधिवास या निवास स्थान. दरअसल अधिकतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुछ सुविधाएं उन्ही लोगों को मिलती हैं जो वहां के मूल निवासी होते हैं. या तो आपका जन्म वहां का होना चाहिए या फिर आपको सबूत देना होता है कि आप वहां लंबे समय से रह रहे हैं. अलग-अलग राज्यों में इसके लिए अलग-अलग नियम हो सकते हैं. जम्मू कश्मीर में भी स्थायी निवास के नियम अलग रहे हैं.
पहले अलग थे कानून
आपको बता दें कि अनुच्छेद 35ए से जम्मू कश्मीर की सरकार और वहां की विधानसभा को ही स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार था. अनुच्छेद 35ए, अनुच्छेद 370 का ही एक हिस्सा था जिसके चलके भारत के किसी अन्य राज्य का नागरिक ना तो जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीद सकता था और ना ही वहां स्थायी नागरिक बनकर रह सकता था.
18 मई 2020 को सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में नया डोमिसाइल एक्ट लागू किया था. सरकार ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में किसी भी सरकारी पद पर नियुक्ति के लिए यहां का स्थानीय निवासी होना मुख्य पात्रता है.
https://twitter.com/DrJitendraSingh/status/1262684747320356865
आपको बता दें कि पिछले साल नया डोमिसाइल एक्ट लागू किए जाने के बाद पाकिस्तान ने इसका विरोध किया था और कहा था कि भारत का यह नया डोमिसाइल एक्ट जम्मू-कश्मीर की आबादी को बदलने के लिए है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत का ये नया नियम पूरी तरह गैरकानूनी है और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के दोनों देशों के बीच हुए एग्रीमेंट का खुला उल्लंघन है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 व 35ए हटाने का प्रस्ताव रखा था. 6 अगस्त को इसी प्रस्ताव को लोकसभा में रखा गया था, जो दोनों सदनों में चर्चा के बाद पास हो गया था. और अनुच्छेद 370 व 35 ए को रद्द कर दिया गया था. अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था.