ऋतिक का हकलाना बंद करने वाले मशहूर फिल्ममेकर जे. ओम प्रकाश नहीं रहे
ऋतिक के खासे करीब रहे उनके उनके नाना ने ही उन्हें फिल्मों में पहला मौका दिया था.
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तीन अलग-अलग मौकों पर अपने नाना जे.ओम प्रकाश के साथ ऋतिक रौशन.
अभी हम सुषमा स्वराज की मौत की खबर से उबरे भी नहीं थे कि एक और भयावह खबर आ गई. मशहूर फिल्ममेकर जे. ओम प्रकाश भी नहीं रहे. 7 अगस्त की सुबह 8 बजे मुंबई में उनकी डेथ हो गई. वो काफी बूढ़े हो गए थे लेकिन उन्हें कोई बीमारी नहीं थी. ओम प्रकाश 93 साल के थे. उनकी मौत की खबर की पुष्टि एक्टर दीपक पराशर ने ट्विटर पर की. 7 अगस्त की दोपहर 12:30 पर विले पारले के पवन हंस क्रेमेटोरियम में उनका दाह संस्कार कर दिया गया. वहां जे. ओम प्रकाश को आखिरी विदाई देने अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और अभिषेक बच्चन जैसे सितारे पहुंचे थे.
My dearest uncle “Mr J Om Prakash”passed away about an hour ago 😞 So saddened as he joins his friend, my Mamaji “Mr Mohan Kumar “in heaven ! Their contributions to Indian cinema is a gift they left behind for us ! Took this pic few months ago when went to see him ! Om Shanti ! pic.twitter.com/rRuODYcQ2Z
— Deepak Parashar (@dparasherdp) August 7, 2019
जे. ओम प्रकाश 24 जनवरी, 1927 को पंजाब के सियालकोट (अब पाकिस्तान में) पैदा हुए थे. उन्होंने अपने करियर में 17 फिल्में डायरेक्ट कीं और 15 से ज़्यादा फिल्मों से बतौर प्रोड्यूसर भी जुड़े रह चुके हैं. ओम प्रकाश के करियर की पहली फिल्म थी सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ 'आप की कसम' (1974). इस फिल्म में राजेश खन्ना के साथ मुमताज़, संजीव कुमार, ए.के. हंगल और असरानी जैसे कलाकारों ने भी काम किया था. ये फिल्म बड़ी हिट रही थी. आगे उन्होंने राजेश खन्ना के साथ 'आशिक हूं बहारों का' (1977) और 'आखिर क्यों?' (1985) जैसी फिल्मों में भी काम किया. इसके अलावा ओम प्रकाश ने जीतेंद्र के साथ भी तीन फिल्में 'अपनापन' (1977), 'आशा' (1980) और 'अर्पण' (1983) बनाईं. उनकी रिलीज़ होने वाली आखिरी फिल्म थी राहुल रॉय, आशीष कौल और रूबैना खान स्टारर 'अफसाना दिलवालों का', जो 2001 में रिलीज़ हुई थी.

फिल्म 'आपकी कसम' की शूटिंग के दौरान राजेश खन्ना और मुमताज़ के साथ जे. ओम प्रकाश (बीच में).
ओम प्रकाश ने 14 साल तक फिल्में प्रोड्यूस करने के बाद अपनी पहली फिल्म डायरेक्ट की थी. अपने प्रोडक्शन पीरियड में उन्होंने 'आस का पंक्षी' (1961), 'आई मिलन की बेला' (1964), 'आया सावन झूम के' (1969) जैसी रोमैंटिक और गुलज़ार डायरेक्टेड 'आंधी' (1975) जैसी क्रिटिकली अक्लेम्ड फिल्में प्रोड्यूस कीं. 1980 में उनके प्रोडक्शन में बनी फिल्म 'आशा' में उनके पोते ऋतिक रौशन पहली बार फिल्मी पर्दे पर दिखाई दिए थे. 1995 में उन्हें फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया का चेयरमैन बना दिया गया, जो कि फिल्म प्रोड्यूसर्स, डिस्ट्रिब्यूटर्स, और स्टूडियोज़ का सबसे बड़ा संस्थान है.

ऋतिक और उनके बच्चों ह्रेहान और ह्रिदान के साथ जे. ओम प्रकाश.
जे. ओम प्रकाश की बेटी पिंकी की शादी फिल्म एक्टर राकेश रौशन के साथ हुई. वही राकेश जिन्हें ओम प्रकाश ने 'आक्रमण' (1975), 'आखिर क्यों?' (1985) और 'भगवान दादा' (1986) जैसी फिल्मों में डायरेक्ट किया. इस नाते ओम प्रकाश ऋतिक रौशन के नाना लगते थे. और उनके खासे करीब भी थे. ऋतिक ने बताया कि उनके नाना ने ही उन्हें अपनी कमजोरी स्वीकार कर उस पर काम करना सिखाया. बचपन में जब ऋतिक हकलाते थे, तब ओम प्रकाश ही उनके स्पीच थेरेपिस्ट हुआ करते थे. ऋतिक ने फिल्म 'सुपर 30' के प्रमोशन के दौरान जे. ओम प्रकाश के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर डालते हुए ये सारी बातें बताई थीं. और उसके कुछ ही दिन बाद जे. ओम प्रकाश का निधन हो गया. उनकी आत्मा को शांति मिले.
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