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"मैं पहले मर जाऊं..."- इजरायल के हमलों से दहले गाजा के लोगों ने क्या-क्या बताया?

इजरायल-हमास युद्ध को 5 दिन हो गए हैं. इजरायल ने 12 अक्टूबर की सुबह एक बार फिर गाजा पट्टी पर हवाई हमला किया. इसमें करीब 51 लोगों की जान चली गई है. यहां बिजली-पानी जैसी जरूरी चीजें भी नहीं हैं. इस युद्ध से दोनों तरफ के लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.

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Israel-Hamas War: Palestinian people said this the worst war till now, nowhere is safe.
इजरायल-हमास युद्ध में अभी तक दोनों तरफ के करीब 2100 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. (फोटो क्रेडिट - रॉयटर्स)
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प्रज्ञा
12 अक्तूबर 2023 (Published: 02:05 PM IST)
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इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) को 5 दिन हो चुके हैं. इस बीच इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी में बमबारी जारी है. इस लड़ाई के मद्देनजर इजराइल में आपातकालीन राष्ट्रीय एकता सरकार का गठन हो चुका है. वहीं इजरायल की तरफ से गाजा पट्टी में अभी भी बमबारी जारी है. गाजा में बिजली, पानी और ईंधन जैसी जरूरी चीजें नहीं पहुंच पा रही हैं और इन परिस्थितियों में लोग वहां फंसे हुए हैं. उन्होंने अपनी समस्याएं मीडिया को बताई हैं.

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'मेरे लिए ये ज़िंदगी नहीं है'

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेमाल इलाके के रहने वाले सलाह हनाउनेह ने बताया,  

"हम अपने घरों में थे तब हमें पता चला कि हमें तुरंत ही अपने-अपने घर छोड़कर बाहर जाना होगा. हमने अपने परिवारों को साथ लेकर भागना शुरू किया. हम शरणार्थी हो गए हैं. हमें कोई सुरक्षा देना वाला नहीं है. ये कैसा जीवन है. मेरे लिए ये जिंदगी नहीं है."

वहीं, मलबा हटा रहे मोहम्मद अल नज्जर ने कहा,

"वो सीढ़ियों के बगल में छिप रहे थे. उन्हें लगा वे यहां सुरक्षित होंगे. इजरायल ने उन्हें टारगेट कर के मार डाला."

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एक स्कूल में अपनी जान बचाने के लिए छिपीं पीड़िता ने बताया,

"अगर हम घर में रहेंगे तो मारे जाएंगे. हम बाहर जाएंगे तो मारे जाएंगे. मेरा भाई इधर से उधर भटकता रहा. लेकिन आखिरकार मारा गया. उसकी रूह को शांति मिले. मेरे पास केवल 2 लोग बचे हैं. अल्लाह और लोगों को मुझसे न छीने. मैं उनसे पहले मर जाऊं. मेरे अंदर अब और किसी को खोने की हिम्मत नहीं बची है."

'इससे बद्तर कुछ नहीं देखा'

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 35 साल के यमन हमद ने बताया,

"मैंने पिछले सालों में हुई सभी घुसपैठें और युद्ध देखे हैं. लेकिन इस बार जो हो रहा है उससे बद्तर कुछ भी नहीं देखा."

हमद 4 बच्चों के पिता हैं. उनका घर गाजा के बेइत हनून शहर में था, जो इजरायली हवाई हमले में बर्बाद हो गया. बेइत हनून शहर के ही रहने वाले अला अल-कफरनेह इन हमलों से बचने के लिए अपनी प्रेग्नेंट बीवी, पिता, भाइयों, कज़िन और सास-ससुर के साथ जान बचा कर भागे. उन्होंने कहा,

"हम खतरे से बचकर मौत के मुंह में आ गए हैं. मेरे पास घर नहीं है. कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है."

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इजरायल ने गाजा पट्टी पर 12 अक्टूबर को एक बार फिर हवाई हमला बोला. इसमें कम से कम 51 लोगों की मौत हुई और करीब 281 लोग घायल हुए. 

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