रेल में इस आदमी के खाने में हर बार छिपकली निकल आती थी, अंत में जो बात पता चली उससे सब सन्न रह गए
एक और बात भी पता चली कि हर बार खाने में निकलने वाला जीव 'छिपकली' नहीं एक विशेष प्रकार की मछली थी.
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जांच में पता चला कि शिकायत फर्जी थी. (फोटो: ट्विटर)
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे ही एक यात्री हैं 70 वर्षीय सुरेन्दर पाल. ट्रेन में सफर कर रहे थे. भूख लगने पर उन्होंने खरीदी बिरयानी. लेकिन वे अपनी बिरयानी से खुश नहीं थे. उन्होंने रेलवे से शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बिरयानी में छिपकली पाई गई है. कायदे से देखें तो ये शिकायत गंभीर थी. लेकिन जबलपुर के सीनियर डीसीएम वसंत कुमार शर्मा को ये शिकायत पची नहीं. उन्हें खटका हुआ कि इस आदमी को उन्होंने पहले भी देखा है. सेम शिकायत के मामले में.

सुरेंदर पाल ने पहले भी समोसे में छिपकली होेने की शिकायत दर्ज कराई थी. (फोटो: ट्विटर)
उन्होंने मामले की जांच अपने मातहत को सौंप दी. एक वैसी ही पुरानी कंप्लेन करने वाले की फोटो उन्होंने गुंटकल के सीनियर डीसीएम से शेयर की. गुंटकल स्टेशन आंध्रप्रदेश में है. गुंटकल स्टेशन पर जब जांच हुई तो पता चला कि इसी आदमी ने 14 जुलाई को भी एक शिकायत दर्ज कराई थी. रेलवे के समोसे में छिपकली पाए जाने के संबंध में. कड़ाई से पूछताछ करने पर पता चला कि खाने में कोई छिपकली नहीं थी. वह मानसिक बीमारी के इलाज में यूज की जाने वाली मछली थी. पाल ने इस ट्रिक का इस्तेमाल मुफ्त खाने के लिए किया था.
गुंटकल डीआरएम ने ट्विटर पर कहानी शेयर की है-
संयुक्त अभियान में एक झूठे व्यक्ति को पकड़ा गया जो खाने में छिपकली होने का दावा कर रेलवे कैटरिंग से पैसे मांग रहा था. उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. उसने यही ट्रिक जबलपुर डिविजन में भी यूज की थी. ऐसे लोगों से सावधान रहें जो रेलवे की छवि खराब करते हैं.
सुरेंदर पाल से जब रेलवे के अधिकारियों ने पूछा तो उन्होंने कहा-Guntakal Division In joint operation one conman was caught who was fleecing the Railway Caterers by claiming lizard in food. He confessed his crime. He did similar trick in Jabalpur Division. Please beware of such elements, who bring Railways in bad light.@SCRailwayIndia
— DRM Guntakal (@drmgtl) July 23, 2019
pic.twitter.com/pZCX8LfzUd
मैंने गलत किया है. मैं एक बुजुर्ग आदमी हूं. मेरी मानसिक स्थिति सही नहीं है. मुझे ब्लड कैंसर है. मुझे जाने दिया जाए. पंजाब में एक आयुर्वेदिक दवा है. मैंने खाने में मछली का इस्तेमाल किया है जो हड्डी की बीमारियों और मानसिक बीमारी के इलाज में काम आती है.पाल पर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया गया. उनपर रेलवे की ठवि खराब करने के लिए जुर्माना लगाया गया. बस चेतावनी देकर छोड़ दिया गया कि आगे वे कभी इस तरह की हरकत नहीं करेंगे.
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