भारत और EFTA के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, किसको-क्या फायदा होगा?
India-EFTA Trade Deal: इस करार में आने वाले पंद्रह सालों में लगभग अस्सी हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. और क्या-क्या होगा?

भारत ने यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (European Free Trade Association-EFTA) के चार देशों के साथ एग्रीमेंट पर साइन किया है. ये एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) है. 7 मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस समझौते को मंजूरी मिल गई थी. बता दें कि समझौते में शामिल चार देश आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं.
समझौते में क्या-क्या है?इंडिया टुडे से जुड़ीं गीता मोहन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और EFTA जनवरी 2008 से ही आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर चर्चा कर रहे थे. समझौते को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि समझौता लागू होने के बाद भारत ने EFTA से पहले दस सालों में करीब 41 हजार करोड़ रुपए और अगले पांच सालों में बाकी के 41 हजार करोड़ रुपए निवेश करने की बात कही है. समझौते के तहत व्यापार की जाने वाली चीजों में अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को कम या खत्म किया जाएगा.
इस समझौते के तहत चौदह चीजों को लेकर सहमति बनी है. जिसमें उत्पत्ति के नियम, सेवाओं में व्यापार, निवेश में बढ़ावा और सहयोग देना, सरकारी खरीद, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPRs), व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं.
ये डील क्यों जरूरी है?इस डील के तहत भारत ये निर्यात की जाने वाली लगभग सभी चीजों में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत फायदा मिलेगा. इसे लेकर एक अधिकारी ने बताया,
'भारत में बनने वाले लगभग सभी कृषि उत्पादों को EFTA में शामिल चार देशों की एक बड़ी मार्केट में हिस्सा मिलेगा. साथ ही फार्मा सेक्टर, मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियों और प्रोसेस्ड फूड भी एक बड़ा मार्केट कैप्चर कर सकती है.'
उन्होंने आगे बताया,
'डेयरी प्रोडक्ट, और जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पाद, सोया समेत कई और चीजों को इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है. इसका मतलब इन प्रोडक्ट्स पर किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी.'
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क्या होता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट?फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत होने वाले समझौते में शामिल दो पार्टनर एक दूसरे के देशों में आयात, निर्यात होने वाली चीजों में कस्टम ड्यूटी या तो कम कर देते हैं या तो हटा देते हैं. साथ ही आयात-निर्यात के नियमों में भी सख्ती नहीं बरती जाती है.
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