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भारत के 'चीता प्रोजेक्ट' के विदेशी एक्सपर्ट की मौत, सऊदी अरब के अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए

भारत में ‘Cheetah Project’ के तहत लाए गए कुछ चीतों की मौत हो गई. इसके बावजूद Vincent van der Merwe ने भरोसा बनाए रखा. उनका मानना था कि भारत चीता संरक्षण के मामले में दुनिया का अग्रणी देश बन सकता है.

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Vincent Van Merwe
विन्सेंट वैन डेर मर्वे. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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रवीश पाल सिंह
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20 मार्च 2025 (Published: 09:46 AM IST) कॉमेंट्स
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साउथ अफ्रीका के 'चीता एक्सपर्ट' विन्सेंट वैन डेर मर्वे सऊदी अरब के रियाद (Vincent Van Merwe Dead) में मृत पाए गए हैं. विन्सेंट वही व्यक्ति हैं जिन्होंने 'प्रोजेक्ट चीता' को लेकर भारत सरकार को सलाह दी थी. 16 मार्च की शाम को उनका शव उनके अपार्टमेंट से मिला. उनके सिर पर चोट के निशान थे. सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वो फर्श पर गिर गए थे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनके आत्महत्या की भी आशंका जताई गई है.

विन्सेंट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीतों की जनसंख्या बढ़ाने के लिए काम कर रहे थे. उनकी उम्र 42 साल थी. वो ‘द मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव’ (TMI) और उसके ‘चीता मेटापॉपुलेशन प्रोजेक्ट’ के निदेशक भी थे. उन्होंने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर ‘प्रोजेक्ट चीता’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 

ये योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजक्ट्स में से एक है. वो नामीबियाई और साउथ अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों को यहां के अनुकूल ढालने के लिए काम कर रहे थे. 2022 में 8 चीतों को भारत लाया गया था. 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा जत्था लाया गया. इनमें से कई चीतों और उनके बच्चों की मौत हो गई. विन्सेंट ने अफ्रीका और एशिया में भी चीतों को फिर से बसाने के कई प्रोजेक्ट्स में काम किया. 

ये भी पढ़ें: चीता प्रोजेक्ट के 2 विदेशी एक्सपर्ट ने SC को लिखे लेटर से नाम वापस लिया, बड़ा आरोप भी लगाया

सऊदी अरब में क्या कर रहे थे?

विन्सेंट सऊदी अरब की सरकार के साथ भी जुड़े थे. वहां चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए काम कर रहे थे. हाल ही में वहां की सरकार ने उनके साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट एक साल के लिए बढ़ाया था. उनका ‘चीता मेटापॉपुलेशन प्रोजेक्ट’ दक्षिण अफ्रीका के 41 रिजर्व में 217 चीतों से शुरू हुआ था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अब ये प्रोजेक्ट 75 रिजर्व में 537 चीतों तक फैल चुका है. इसमें मलेवी, जाम्बिया, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक और भारत जैसे देश शामिल हैं.

भारत में ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत लाए गए कुछ चीतों की मौत हो गई. इसके बावजूद विन्सेंट ने भरोसा बनाए रखा. उनका मानना था कि भारत चीता संरक्षण के मामले में दुनिया का अग्रणी देश बन सकता है. 

वीडियो: पीएम मोदी ने नामीबिया से आए जिस चीता को कूनो में छोड़ा उसकी मौत कैसे हो गई?

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