पुलिस-पत्रकारों के बीच मैच हुआ, 'गैंग्सटर' खेल गया, डीएम-एसपी ने सम्मान भी दे दिया!
फिर पूछने पर जो कहा, वो रोचक है.
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उत्तर प्रदेश के जिला महोबा में पत्रकारों और पुलिस के बीच एक क्रिकेट मैच हुआ था. पत्रकारों की तरफ से मैच खेल रहे एक शख्स के ऊपर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज था. मैच हुआ और मैच के बाद उस शख्स को महोबा के जिलाधिकारी और एसपी ने पुरस्कृत भी किया. अब घटना को लेकर आयोजक और अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं.
गैंगस्टर को अधिकारियों ने सम्मानित कियास्थानीय सूत्रों के मुताबिक, महोबा के जिला स्पोर्ट्स स्टेडियम में रविवार 15 जनवरी को एक क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के मैच का आयोजन हर साल करवाया जाता है. इस साल हुआ ये क्रिकेट मैच पुलिस इलेवन और प्रेस क्लब के बीच खेला गया था. पुलिस ने पत्रकारों को चार विकेट से हराकर मैच ट्राफी अपने नाम कर ली थी. मगर मैच चर्चा का विषय तब बना, जब पता चला कि पत्रकारों की तरफ से खेल रहे एक शख्स के ऊपर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज है. आरोपी मैच में सात गेंद खेल कर आउट हो गया था. मैच के बाद आरोपित शख्स को जिलाधिकारी मनोज कुमार और एसपी सुधा सिंह ने पुरस्कृत भी किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिसवालों को आरोपी के बारे में जानकारी नहीं थी. पत्रकार टीम ने मैच जीतने के लिए तीन-चार बाहरी लोगों को खिलाया था.

आरोपी का नाम समीर है. हमीरपुर में आरोपी के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज है. आरोप है कि कोरोना के दौरान समीर ने लूट की वारदात को अंजाम दिया था. साथ ही साल 2017 में विधानसभा के चौथे चरण के मतदान के दौरान महोबा में विधानसभा चुनाव के दौरान फायरिंग भी हुई थी, जिसमें समीर का नाम आरोपियों की लिस्ट में था.

जब हमने जिले की एसपी सुधा सिंह से बात की तो उन्होंने बताया,
“इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है. जो खिलवा रहे थे आप उनसे पूछिए. हर इंसान जो सम्मान लेने आता है हम उसका कैरेक्टर वेरिफिकेशन नहीं करवाते हैं. ये जिम्मेदारी उनकी है जिन्होंने उसे टीम में शामिल किया और ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि जो शख्स प्रेस क्लब की टीम में शामिल होगा उसका कैरेक्टर वेरिफिकेशन करवाया जाएगा.”
इसके बाद हमने मैच के आयोजक और स्थानीय प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय मिश्रा से इस बारे में बात की. उनका कहना है,
“आरोपी होना सब कुछ नहीं होता. लोग आपसी रंजिश में झूठे आरोप लगवा देते हैं.”
सीएम योगी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे तो सीएम योगी के ऊपर भी कई मुकदमे दर्ज हैं. मगर जब तक आरोपी के खिलाफ जब तक न्यायालय अपने फैसले में उसे दोषी करार नहीं देता है, तब तक व्यक्ति के ऊपर सवाल नहीं उठा सकते हैं.
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