G20 डिनर में ममता-नीतीश गए तो INDIA में मचा घमासान, ये आरोप बवाल करवाएंगे!
'आसमान नहीं गिर जाता...' से लेकर 'नीतीश ने खिड़की खोल रखी है' जैसे बयान आ रहे...

भारत में पहली बार आयोजित G20 Summit खत्म हो गया. इस ग्लोबल इवेंट की उपलब्धियों पर एक्सपर्ट विश्लेषण करेंगे. लेकिन इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति की ओर से आयोजित डिनर में जाने को लेकर विपक्षी नेताओं के बीच बवाल मचा हुआ है. पहले विपक्ष के नेताओं को नहीं बुलाने के लिए सरकार को घेरा गया. अब कांग्रेस ने डिनर में शामिल होने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सुना दिया. लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि ममता बनर्जी अगर नहीं जातीं तो आसमान नहीं गिर जाता. इधर, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी कह दिया कि नीतीश कुमार ने NDA के लिए विकल्प खोल रखा है.
विपक्ष से डिनर में कौन-कौन गया?G20 समिट के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 सितंबर को डिनर का आयोजन किया था. इसमें ममता बनर्जी के अलावा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी हिस्सा लिया था. इस डिनर में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत नहीं गए. हालांकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू डिनर में पहुंचे. लेकिन अब कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि ये मोदी सरकार के खिलाफ ममता के स्टैंड को कमजोर करेगा.
10 सितंबर को कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अधीर ने कहा,
"जब गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों ने डिनर में हिस्सा नहीं लिया, तब दीदी (ममता बनर्जी) एक दिन पहले दिल्ली पहुंच गईं. उन्होंने एक ही कमरे में गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ डिनर में हिस्सा लिया. मुझे आश्चर्य हो रहा है, ऐसा क्या था कि उन्हें इन नेताओं के साथ डिनर पार्टी के लिए दिल्ली जाना पड़ा."
इस बयान पर TMC ने अधीर रंजन पर वापस निशाना साधा. समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, TMC के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा कि सभी जानते हैं कि ममता बनर्जी INDIA गठबंधन बनाने के पीछे एक महत्वपूर्ण हाथ हैं और कोई उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि चौधरी ये तय नहीं करेंगे कि राज्य की मुख्यमंत्री एक डिनर में शामिल होंगी या नहीं.
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दरअसल, राष्ट्रपति के इस डिनर के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण दिया गया था. समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस खास डिनर में 170 लोगों को निमंत्रण मिला था. इनमें G20 समिट में हिस्सा लेने आए विदेशी नेताओं के अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कैबिनेट मंत्रियों को भी बुलाया गया था. हालांकि इस डिनर में विपक्ष के किसी नेता को नहीं बुलाया गया था. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को नहीं बुलाए जाने पर कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार पर सवाल भी उठाया था. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने तो यहां तक कह दिया कि ऐसा सिर्फ उन देशों में हो सकता है जहां कोई लोकतंत्र नहीं हो या कोई विपक्ष न हो.
नीतीश ने दरवाजा खोला हुआ है- किशोरइधर, इस डिनर में नीतीश कुमार के जाने पर प्रशांत किशोर ने उन पर आरोप ही लगा दिया. 10 सितंबर को बिहार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उनके जाने में कोई दिक्कत नहीं है, कोई भी जा सकता है. लेकिन पत्रकारों को ये पूछना चाहिए कि पिछले आठ साल में तो आप कभी नहीं गए. किशोर ने सवाल करते हुए कहा,
"जब बीजेपी के साथ थे, तब नहीं गए थे. ये नीतीश कुमार का अपनी राजनीति करने का तरीका है. एक दरवाजे को खोलते हैं तो पीछे से एक खिड़की भी, दोनों को खोलकर रखते हैं. कब किसकी जरूरत पड़ जाए, उसके हिसाब से चल रहे. INDIA उनके लिए दरवाजा है और खिड़की जो आप देख रहे वो हैं हरिवंश जी (राज्यसभा के उपसभापति), जिनके जरिये बीजेपी से उनका संबंध बना हुआ है."
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जैसे कमरे में रोशनी आने के लिए हमलोग एक रोशनदान छोड़ देते हैं, उसी तरह ये (नीतीश कुमार) वहां जाकर मेसेज देने की कोशिश कर रहे हैं कि हम आपकी इतनी इज्जत करते हैं. कोई नीतीश जी से पूछे कि पिछले साल क्यों नहीं गए. ये उनका INDIA वालों पर दबाव बनाने का तरीका है कि अगर आप हमें भाव नहीं देंगे तो हम उधर भी जा सकते हैं. नीतीश कुमार की विश्वसनीयता आज की तारीख में यही है कि हर कोई उनको जान गया है.
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प्रशांत किशोर जेडीयू के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. "पार्टी लाइन से अलग" राय रखने के कारण जनवरी 2020 में जेडीयू ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था. किशोर ने नीतीश कुमार को लेकर ऐसा दावा पहले भी किया था. 28 जुलाई को समस्तीपुर की एक जनसभा में किशोर ने कहा था कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ बातचीत के लिए दरवाजे बंद नहीं किए हैं. उन्होंने कहा था कि अगर नीतीश कुमार ने NDA छोड़ दिया है तो जेडीयू नेता हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति पद पर क्यों बैठे हुए हैं.
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