AR-15 राइफल में कितना दम है? डॉनल्ड ट्रंप पर चलाई गई थी, अब तस्वीर सामने आई है
डॉनल्ड ट्रंप पर हमला करने वाले शख्स का नाम थॉमस मैथ्यू क्रुक्स था. उसने रैली के इलाके में बनी एक बिल्डिंग से शूट किया था. राइफल का नाम था AR-15. अमेरिकी एजेंसी ने राइफल के साथ शूटर के बैकपैक और उसकी कार में मौजूद विस्फोटकों की तस्वीरें भी जारी की हैं.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पर बीती 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान जानलेवा हमला (Donald Trump Attack) हुआ. एक शख्स ने स्नाइपर राइफल से उन पर गोलियां चलाई थीं. एक गोली उनके कान को छूती हुई निकल गई. हमले में डॉनल्ड ट्रंप मामूली घायल हुए. इस घटना के डेढ़ महीने बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने उस राइफल की तस्वीर जारी की है जिससे पूर्व राष्ट्रपति को निशाना बनाया गया.
ट्रंप पर हमला करने वाले शख्स का नाम थॉमस मैथ्यू क्रुक्स था. उसने रैली के इलाके में बनी एक बिल्डिंग से शूट किया था. राइफल का नाम था AR-15. अमेरिकी एजेंसी ने राइफल के साथ शूटर के बैकपैक और उसकी कार में मौजूद विस्फोटकों की तस्वीरें भी जारी की हैं.
तस्वीरों के जरिये बताया गया है कि राइफल को दो हिस्सों में बांटा गया था. इसके बाद हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने इसे अपने बैग में डाला और भीड़ के बीच से बाहर निकला. इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक FBI ने एक बयान में बताया,
“शुरू में थॉमस क्रुक्स की कार के बूट स्पेस में दो IED पाए गए थे. इसका रिसीवर उस वक्त 'ऑफ' था. इस डिवाइस को जिस तरह से बनाया गया था उसमें कई तरह की समस्याएं थीं.”
FBI ने उस एयर कंडीशनिंग यूनिट की तस्वीरें भी साझा कीं जिनका इस्तेमाल आरोपी ने AGR बिल्डिंग में चढ़ने के लिए किया था. FBI ने कहा,
“क्रुक्स ने फोटो के दाईं ओर स्थित टैन मशीन पर चढ़कर छत पर प्रवेश किया.”
तस्वीरों के अलावा एजेंसी के अधिकारियों ने हत्या के प्रयास से पहले के दिनों में थॉमस क्रुक्स से संबंधित नई जानकारियां भी साझा कीं. FBI के पिट्सबर्ग फील्ड ऑफिस के स्पेशल एजेंट इनचार्ज केविन रोजेक ने बताया कि शूटर ने ट्रंप और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, दोनों के कार्यक्रमों के बारे में ऑनलाइन सर्च किए थे. उसने पिछले पांच सालों में विस्फोटकों के बारे में जानकारी जुटाई थी और बटलर रैली को निशाना बनाया था, क्योंकि वो उसे अवसर मानता था.
ऑनलाइन क्या सर्च किया था?रोजेक ने जानकारी दी कि रैली से करीब एक हफ्ते पहले, 6 जुलाई को थॉमस क्रूक्स ने ऑनलाइन सर्च किया था कि 'बटलर फार्म शो में ट्रंप कहां से बोलेंगे'. इसके अलावा उसने 'बटलर फार्म शो पोडियम' और 'बटलर फार्म शो की तस्वीरें' को भी सर्च किया था. दो दिन बाद उसने 'AFR इंटरनेशनल' सर्च किया. ये वही फर्म है जिसकी बिल्डिंग पर चढ़कर क्रुक्स ने ट्रंप पर गोली चलाई थी. 9 जुलाई को क्रुक्स ने 'बैलिस्टिक कैलकुलेटर' सर्च किया और अगले दिन उसने 'मौसम' और 'बटलर' सर्च किया था.
ट्रंप पर हुए हमले के बाद कई तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरीज़ की बात कही जा रही थी. लेकिन FBI के अधिकारियों ने हमले को लेकर किसी भी तरह की साजिश को खारिज कर दिया. साथ ही ये भी कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को निशाना बनाने वाला वहां कोई दूसरा शूटर मौजूद नहीं था. FBI ने अपनी जांच में लगभग एक हजार लोगों से पूछताछ की. लेकिन एजेंसी अभी तक हमले के पीछे का मकसद नहीं पता लगा पाई है.
AR-15 कितनी खतरनाक है?AR-15 स्टाइल एक हल्की सेमी-ऑटोमेटिक राइफल है. माने इसमें एक बार में मल्टीपल शॉट्स फायर किए जा सकते हैं. ये ‘मॉडर्न स्पोर्टिंग राइफल' की कैटेगरी में आती है. माने वो राइफल जिनका इस्तेमाल ज्यादातर प्रतियोगिताओं और शिकार के मकसद से किया जाता है. AR-15 में AR का मतलब है Arma Lite.
ये राइफल अपनी सटीकता के लिए पहचानी जाती हैं. AR-15 काफी तेजी से बुलेट फायर करती है. इसमें से फायर किए गए शॉट्स हैंडगन से तीन गुना तेजी से निकलते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में मास शूटिंग के हाई-प्रोफाइल मामलों में इस गन का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है. मई 2022 में एक पूर्व छात्र ने टेक्सास के उवाल्डे में रॉब एलीमेंट्री स्कूल में 19 बच्चों और दो शिक्षकों को मारने के लिए AR-15 का ही इस्तेमाल किया था. इस हथियार का इस्तेमाल अक्टूबर 2017 में लास वेगास में भी किया गया था जहां एक बंदूकधारी ने एक म्यूजिक फेस्टिवल में 60 लोगों की हत्या कर दी थी.
अमेरिका में AR-15 या कोई भी बंदूक/राइफल खरीदना काफी आसान है. राज्य के आधार पर कोई भी बंदूक की दुकान पर जाकर एक वैलिड आईडी दिखाने के बाद ये राइफल खरीद सकता है. बशर्ते वो शख्स अपनी पृष्ठभूमि की जांच पास कर सके. 2023 में एक सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि 20 में से एक अमेरिकी वयस्क के पास कम से कम एक AR-15 राइफल मौजूद है.
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