भड़के एकनाथ शिंदे, सवाल किया - "दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने वालों को कैसे सपोर्ट कर रही शिवसेना?"
"बालासाहेब की शिवसेना को बचाते हुए अगर मर भी जाऊं तो भी भाग्यशाली."

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना के दोनों गुटों की तरफ से बयानबाजी तेज हो गई है. एक तरफ जहां शिवसेना सांसद संजय राउत असम में बैठे बागी विधायकों पर हमलावर हैं. वहीं दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे भी सीएम उद्धव ठाकरे और महा विकासअघाडी (MVA) सरकार पर निशाना साध रहे हैं. एकनाथ शिंदे ने अब बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना उन लोगों को समर्थन कर रही है, जिनके संबंध अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से हैं. ट्विटर पर लगाए इस आरोप में उन्होंने शिवसेना सांसद संजय राउत को टैग किया है.
शिंदे ने 26 जून की रात एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा,
“हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उनलोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका सीधा संबंध दाऊद (दाऊद इब्राहिम) से है, जिसने मुंबई में बम ब्लास्ट कर निर्दोष लोगों को मार डाला. इसका विरोध करने के लिए हम यह कदम उठा रहे हैं. अगर इससे हमारी मौत भी जाती है तो हमें इसकी परवाह नहीं है.”
एक और ट्वीट में शिंदे ने लिखा,
"अगर हम हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व और उनकी शिवसेना को बचाते हुए मर भी जाते हैं तो हम खुद को भाग्यशाली मानेंगे."
एकनाथ शिंदे का इशारा महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की तरफ था. नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस साल फरवरी में नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था. ये मामला कथित रूप से दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़ी संपत्तियों की खरीद-बिक्री का था.
संजय राउत का विवादित बयान!इससे पहले संजय राउत ने भी बागी विधायकों पर कई आरोप लगाए. 26 जून को राउत का एक बयान सामने आया जिसमें वे कह रहे हैं कि असम में जो 40 विधायक हैं वे जिंदा लाश की तरह हैं. संजय राउत ने एक सभा में कहा,
"अब यहां उन विधायकों के सिर्फ आत्माविहीन शरीर आएंगे, जिसे हम पोस्टमॉर्टम के लिए विधानसभा में भेजेंगे. उनकी बॉडी यहां आएगी लेकिन उनकी आत्मा मर चुकी होगी. वे जानते हैं कि जो आग लग चुकी है उससे क्या हो सकता है."
इधर, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले एकनाथ शिंदे ने रेडिसन ब्लू होटल में विधायकों की बैठक बुलाई है. महाराष्ट्र में सियासी संकट के मामले पर आज कोर्ट में सुनवाई होनी है. कोर्ट में बागी विधायकों की ओर से दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इसमें एकनाथ शिंदे और 15 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के नोटिस को चुनौती दी गई है. एक और याचिका शिवसेना विधायक दल के नेता और चीफ व्हिप की नियुक्तियों में बदलाव के खिलाफ दायर हुई है.