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डॉक्टर रेप केस: RG कर मेडिकल कॉलेज की नई प्रिंसिपल को भी निकाला गया, क्या किया था?

प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स की मांग ये थी कि हॉस्पिटल में तोड़-फोड़ के दिन प्रशासनिक पद पर जितने भी अधिकारी थे, उनको हटाया जाए. 14 अगस्त की देर रात आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर्स के प्रदर्शन के बीच भीड़ ने वहां तोड़-फोड़ की थी.

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Kolkata rg kar rape case
कोलकाता में छात्रों का प्रदर्शन जारी है. (फोटो- पीटीआई)
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साकेत आनंद
21 अगस्त 2024 (Updated: 21 अगस्त 2024, 11:57 PM IST) कॉमेंट्स
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कोलकाता में डॉक्टर रेप और मर्डर के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar medical college) की नई प्रिंसिपल डॉ सुहरिता पॉल को हटा दिया गया है. इसके अलावा, अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट और चेस्ट डिपार्टमेंट के प्रमुख को भी हटाया गया है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ छात्रों के विरोध मार्च के बाद राज्य सरकार ने ये फैसले लिए हैं. जानकारी के मुताबिक, प्रोफेसर मानस कुमार बंधोपाध्याय अब आरजी कर मेडिकल कॉलेज के नए प्रिंसिपल होंगे. इससे पहले वे बारासात गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल थे.

इंडिया टुडे से जुड़े इंद्रजीत कुंडू की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 अगस्त को प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स ने स्वास्थ्य अधिकारियों से मुलाकात की. इस दौरान कई मांगें रखी गईं. इनमें एक मांग ये थी कि हॉस्पिटल में तोड़-फोड़ के दिन प्रशासनिक पद पर जितने भी अधिकारी थे, उनको हटाया जाए. 14 अगस्त की देर रात आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर्स के प्रदर्शन के बीच भीड़ ने वहां तोड़-फोड़ की थी. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा था.

रिपोर्ट बताती है कि अब प्रोफेसर सुहरिता पॉल को बारासात गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बनाया गया है. ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा. वहीं आरजी कर अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट बुलबुल मुखोपाध्याय को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. अब उन्हें अस्पताल में फिजियोलॉजी विभाग का प्रोफेसर बनाया गया है.

वहीं, चेस्ट मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर अरुनाभा दत्ता चौधरी को आरजी कर अस्पताल से हटाकर मालदा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है.

ये भी पढ़ें- डॉक्टर रेप केस वाले अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल ने लाशें बेचीं?

डॉक्टर रेप-मर्डर केस के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद डॉ सुहरिता पॉल को प्रिंसिपल बनाया गया था. हालांकि, इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद डॉ घोष को कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में हो गई थी. सरकार के इस फैसले पर भी काफी विवाद हुआ था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. और डॉ संदीप घोष को अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर भेज दिया था.

इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी डॉ संदीप घोष से अब तक 6 बार लंबी पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई 22 अगस्त को अपनी जांच रिपोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंपेगी.

इस बीच, एक और जानकारी ये आई है कि हाई कोर्ट ने डॉ संदीप घोष की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने बारे में खबरें प्रकाशित करने पर रोक लगाने की मांग की थी. डॉ घोष ने याचिका में 'मीडिया ट्रायल' का आरोप लगाया था.

वीडियो: “दारू के नशे में?” कोलकाता डॉक्टर की मौत की असली कहानी क्या है? सब समझ लीजिए

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