The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Delhi University Vice Chancellor yogesh tyagi Suspended By President Ram nath kovind Over Misconduct, probe ordered against him

राष्ट्रपति ने किस वजह से DU के VC को सस्पेंड करके उन पर जांच बिठा दी है

कैंपस में कई दिनों से चल रही खींचतान हुई खत्म.

Advertisement
Img The Lallantop
भारत के राष्ट्रपति को फांसी की सजा को माफ करने की संवैधानिक शक्ति मिली है. लेकिन कोई भी फैसला लेने के लिए वह सरकार की अनुमति के लिए बाध्य हैं. (फोटो-पीटीआई)
pic
अमित
28 अक्तूबर 2020 (Updated: 28 अक्तूबर 2020, 03:30 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में वीसी को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार बुधवार, 28 अक्टूबर को खत्म हो गया. राष्ट्रपति के आदेश पर डीयू के कुलपति योगेश त्यागी को निलंबित कर दिया गया है. शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है. वीसी और प्रो वीसी के बीच चल रहे टकराव से ये तो तय था कि कोई एक ही कुर्सी पर टिकेगा. आइए जानते हैं पूरा मामला.
एक नियुक्ति को लेकर बिगड़ा मामला
दिल्ली यूनिवर्सिटी के वीसी योगेश त्यागी 2 जुलाई, 2020 को आपातकालीन चिकित्सा परिस्थितियों में एम्स में भर्ती हुए. इसकी वजह से वह अवकाश पर चले गए. इस बीच सरकार ने 17 जुलाई को प्रो वीसी पीसी जोशी को वाइस चांसलर का कार्यभार सौंप दिया. पिछले सप्ताह गुरुवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया था, जब योगेश त्यागी ने अवकाश पर रहते हुए ही जोशी को प्रो वीसी के पद से हटाकर, उनकी जगह यूनिवर्सिटी के नॉन कॉलेजिएट वुमेंस एजुकेशन बोर्ड की डायरेक्टर गीता भट्ट को नियुक्त कर दिया था.
अभी यह सब चल ही रहा था कि इस बीच पीसी जोशी ने नए रजिस्ट्रार विकास गुप्ता की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी. विकास गुप्ता का इंटरव्यू हो चुका था और कार्यकारी परिषद ने उनकी नियुक्ति को बुधवार को मंजूरी भी दे दी थी. उसी दिन वीसी योगेश त्यागी ने पीसी झा को कार्यवाहक रजिस्ट्रार और साउथ कैंपस का निदेशक नियुक्त करने को मंजूरी देते हुए अधिसूचना जारी कर दी.
इस तरह एक ही दिन में यूनिवर्सिटी में एक ही पोस्ट पर दो लोगों की नियुक्ति कर दी गई. अब सवाल यह उठा कि आखिर कौन-सी नियुक्ति सही मानी जाए. मामला मंत्रालय तक पहुंचा.
Sale(320)
डीयू में चल रही लगातार टकराव की स्थिति के बीच वीसी को राष्ट्रपति ने तब तक के लिए सस्पेंड कर दिया है, जब तक जांच पूरी न हो जाए.

मंत्रालय के दखल के बाद भी डटे रहे कार्यवाहक रजिस्ट्रार मंत्रालय ने वाइस चांसलर और प्रो वाइस चांसलर के बीच चल रहे अधिकारों के टकराव में दखल दिया. मंत्रालय ने कहा कि त्यागी द्वारा की गईं नियुक्तियां 'अवैध' हैं, क्योंकि वो अवकाश पर हैं. इस फैसले से लगा कि मामले का हल निकल गया है. लेकिन अधिकारों का टकराव तब और बढ़ गया, जब योगेश त्यागी द्वारा नियुक्त कार्यवाहक रजिस्ट्रार पीसी झा ने खुद को 'कार्यवाहक रजिस्ट्रार' बताते हुए मंत्रालय को पत्र लिख दिया. पत्र में लिखा था कि त्यागी द्वारा लिए गए सभी निर्णय विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार हैं. मंत्रालय ने पत्र पर आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय को पीसी झा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया है.

Advertisement