The Lallantop
Advertisement

गुजरात में लोगों ने भड़ककर गौशाला की गाय खोल दी, जाकर सरकारी ऑफिस में घुस गईं!

घटना का वीडियो वायरल हुआ, जानिए नेताओं ने क्या कहा?

Advertisement
gujarat cow shelter trust protest banaskantha
सरकारी दफ्तरों और सड़कों पर छोड़ी गई गायें (फोटो-ट्विटर)
26 सितंबर 2022 (Updated: 26 सितंबर 2022, 23:47 IST)
Updated: 26 सितंबर 2022 23:47 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

गुजरात में पशुओं के लिए फंड ना मिलने से भड़के ट्रस्टों ने गुस्सा जाहिर करने का नया तरीका निकाला. कई सरकारी दफ्तरों और सड़कों पर हजारों की संख्या में गायों को खुला छोड़ दिया गया. घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. शुक्रवार, 23 सितंबर को पाटण और बनासकांठा जैसे जिलों में मवेशियों को सड़कों पर छोड़ा गया. रविवार, 25 सितंबर को कच्छ में शेल्टर चलाने वालों ने सरकार को चाबियां सौंपते हुए कहा कि वो चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देंगे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के खिलाफ आंदोलन में शामिल ये ट्रस्ट लगभग 1,750 गौशालाएं चलाते हैं जिनमें 4.5 लाख से ज्यादा मवेशी हैं. सोमवार से राज्य में आंदोलन के तेज होने की संभावना है.

गुजरात सरकार ने पूरा नहीं किया वादा!

मार्च में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Chief Minister Bhupendra Patel) ने ऐलान किया था कि बजट में गौ माता और आश्रय गृहों को चलाने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं लेकिन गौशाला चलाने वाले ट्रस्टों का दावा है कि ये पैसा उन तक नहीं पहुंचा.  

गुजरात गौ सेवा संघ के महासचिव विपुल माली ने कहा

“राज्य सरकार, सीएम और कई मंत्रियों के वादों के बावजूद आज तक एक भी पैसा जारी नहीं किया गया है. 500 करोड़ के फंड के ऐलान के बाद डोनेशन भी कम हो गई है. हम बीजेपी के साथ-साथ चुनावों का भी बहिष्कार करेंगे.”

मामले पर गुजरात के पशुपालन मंत्री  राघवजी पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा

“सीएम चाहते हैं कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल किया जाए. मैंने रविवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी. हमने बजट की घोषणा की थी लेकिन प्रशासनिक उलझनों के चलते फंड जारी नहीं किया गया. जल्द ही समस्या का समाधान निकाला जाएगा.”

सूत्रों के हवालों से छापी गई खबरें दावा करती हैं कि बनासकांठा से कुछ भाजपा नेता राज्य सरकार के साथ मुद्दे पर चर्चा करने के लिए गांधीनगर पहुंचे हैं.

मांग पूरी न हुई तो निकलेगी यात्रा

संगठन की तरफ से ऐलान किया गया कि अगर राज्य सरकार ने 30 सितंबर तक उनकी मांगें पूरी नहीं की तो राज्य भर में गौ अधिकार यात्रा शुरू की जाएगी. ये यात्रा 1 अक्टूबर को बनासकांठा के थरड़ से शुरू होगी जिसमें सैकड़ों धर्मगुरु और गौ भक्त भी में शामिल होंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है.

गुजरात के गौ सेवा संघ का दावा है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 70 लोगों को कुछ समय के लिए हिरासत में भी लिया गया था. गौ सेवा संघ ऐसी गौशालाएं चलाता है जिनमें बीमार और ज्यादा उम्र के मवेशियों की देखभाल की जाती है.

अप्रैल में ही गुजरात सरकार आवारा पशुओं को कंट्रोल करने के लिए कानून लेकर आई थी. मालधारी समुदाय के विरोध प्रदर्शन के चलते हाल ही में कानून को विधानसभा में वापस ले लिया गया. आवारा पशुओं को कंट्रोल करने और पशु शेल्टर स्थापित करने में देरी के चलते हाई कोर्ट में गुजरात सरकार के खिलाफ याचिका भी दायर की गई है. 

देखें वीडियो- गुजरात विधानसभा चुनाव में BJP क्या बिसात बिछा रही है?

thumbnail

Advertisement