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स्वाति मालीवाल भ्रष्टाचार के केस में फंस गईं, कोर्ट ने कहा - "घूस लेकर नौकरी दी"

"DCW को सिर्फ इसलिए मनमानी नियुक्तियां करने का अधिकार नहीं मिल सकता कि वो दिल्ली सरकार के साथ काम करता है"

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corruption charges on swati maliwal dcw chief
स्वाति मालीवाल. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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दुष्यंत कुमार
9 दिसंबर 2022 (Updated: 9 दिसंबर 2022, 10:56 PM IST) कॉमेंट्स
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दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता और दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ लाभ के पद के मामले में आरोप तय कर दिए हैं. स्वाति मालीवाल समेत कुल चार महिलाओं को आरोपियों बनाया गया है. अन्य आरोपियों में प्रमिला गुप्ता, सरिका चौधरी और फरहीन मलिक शामिल हैं. गुरुवार, 8 दिसंबर के अपने एक आदेश में राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है स्वाति मालीवाल ने अपने पद का दुरुपयोग कर आयोग में 'अवैध' तरीके से लोगों की नियुक्ति करवाई. आरोप है कि इस काम के बदले स्वाति मालीवाल और बाकी आरोपियों को आर्थिक लाभ दिया गया.

स्वाति मालीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप तय

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक आरोप तय करते हुए कोर्ट ने कहा कि ये नियुक्तियां 6 अगस्त, 2015 से लेकर 1 अगस्त, 2016 के बीच की गईं. मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज दिग विनय सिंह ने कहा कि स्वाति मालीवाल और बाकी आरोपियों पर पद के दुरुपयोग का 'शक काफी मजबूत' है और प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए 'पर्याप्त चीजें' मौजूद हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने स्वाति मालीवाल और अन्य आरोपियों पर IPC की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप तय कर दिए.

खबर के मुताबिक अभियोजन के आरोपों पर कोर्ट ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग को सिर्फ इसलिए मनमानी नियुक्तियां करने का अधिकार नहीं मिल सकता कि वो दिल्ली सरकार के साथ काम करता है. कोर्ट में मालीवाल और बाकी आरोपियों पर आरोप लगा कि उन्होंने DCW में अपने करीबी लोगों को नियुक्तियां दीं. इनमें AAP के कार्यकर्ता भी शामिल थे. कोर्ट ने कहा,

"इसलिए आरोपी ये दावा नहीं कर सकतीं कि उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल कर आर्थिक लाभ नहीं लिया, या ऐसा करने (नियुक्ति करने) के पीछे कोई गलत इरादा नहीं था... अगर ये मान लिया जाए कि DCW एक स्वायत्त संस्था है और पद भी उसी ने बनाया है, या नियुक्ति की प्रक्रिया और शर्तें भी उसी ने बनाई हैं, तब भी प्रथम दृष्टया उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस बनता है. उन्होंने सरकार से फंड लिया है. DCW में मनमाने तरीके से पद नहीं बनाए जा सकते, ना ही अपने करीबियों के लिए नियमों का उल्लंघन किया जा सकता है. अपने लोगों के हितों को तरजीह और भाईभतीजावाद भी एक तरह का भ्रष्टाचार है."

बीजेपी नेता और DCW की पूर्व चेयरमैन बरखा शुक्ला सिंह के लगाए आरोपों के बाद 2016 में स्वाति मालीवाल पर ये मामला दर्ज हुआ था. बरखा का दावा है कि स्वाति ने नियमित प्रक्रिया की अनदेखी कर AAP कार्यकर्ताओं और करीबी लोगों को DCW में अलग-अलग पदों पर नौकरियां दिलवाई थीं. बीजेपी नेता ने कहा कि इससे वे कैंडिडेट नौकरी से वंचित हो गए जो इसके हकदार थे. 

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने कहा कि अगस्त 2015 से अगस्त 2016 के बीच DCW में कुल 87 नियुक्तियां हुईं और नौकरी पाने वाले ज्यादातर लोग स्वाति मालीवाल के लोग थे. उनमें से 71 को कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया था. बाकी को महिला आयोग की सर्विस 'डायल 181' के लिए अपॉइंटमेंट दिया गया.

मामले पर स्वाति मालीवाल की ओर से कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन एक ट्वीट किया है, जिसे उनके जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.

उन्होंने ट्वीट किया है,

“ईमानदारी से काम करने वालों को अपनी ईमानदारी सिद्ध करती पड़ती है और चोर देश में मज़े मारते हैं.”

मालीवाल ने आगे कहा कि सैंकड़ों बच्चियों को तस्करी से बचाया, शराब- ड्रग माफिया पकड़वाए, गरीबों के साथ खड़ी हुई, बस यही उनका गुनाह है, ऐसा स्वाति मालीवाल ने कहा. 

पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष पर पद के गलत इस्तेमाल का आरोप क्यों लगा?

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