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छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल के खिलाफ FIR, महादेव बेटिंग ऐप मामले में केस दर्ज

महादेव सट्टा ऐप के मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री Bhupesh Baghel के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. हाल ही में कांग्रेस की तरफ से उन्हें लोकसभा उम्मीदवार भी बनाया गया है.

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महादेव बेटिंग ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
17 मार्च 2024 (Updated: 17 मार्च 2024, 07:21 PM IST)
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महादेव बेटिंग ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. भूपेश बघेल के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी जैसी धाराएं लगाई हैं. साथ ही भ्रष्टाचार निवारण की धारा 7 और 11 के तहत भी FIR दर्ज की है.  FIR में भूपेश बघेल के अलावा महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 लोगों के नाम शामिल हैं. 

इंडिया टुडे से जुड़ी सुमी राजाप्पन की रिपोर्ट की मुताबिक महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामला तब सुर्खियों में आया, जब ED ने दावा किया कि उसने एक कैश कूरियर के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है. जिसमें खुलासा हुआ है कि भूपेश बघेल ने UAE में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपए लिए थे. वहीं महादेव बुक के मालिक को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया.

ED की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा था, एक व्यक्ति दावा कर रहा है कि वह महादेव ऐप का मालिक है. आश्चर्य की बात यह है कि महीनों से इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ED को यह बात अभी तक पता नहीं थी. और दो दिन पहले तक ED उसे मैनेजर बता रही थी. छत्तीसगढ़ की जनता सब समझ रही है. वह भाजपा और उसकी सहयोगी ED को चुनाव में करारा जवाब देगी.  बता दें कि भूपेश बघेल को राजनांदगांव से कांग्रेस ने लोकसभा का टिकट दिया है.

क्या है महादेव बेटिंग ऐप?

महादेव  बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया ऐप है. इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे. ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी. अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले. इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था. इसमें यूजर को शुरुआत में फायदा और बाद में भारी नुकसान होता था. फायदे का 80 प्रतिशत हिस्सा सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल अपने पास रखते थे. सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है. जिसमें एल्गोरिदम यह तय करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30 प्रतिशत ग्राहक ही जीते.

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वीडियो: CM भूपेश बघेल के गांव पहुंचा लल्लनटॉप, गांव वालों ने पूरा सच बता दिया

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