The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • bjp mp pratap simha stopped by mysuru village people from participating in a ram mandir ceremony

'दलित विरोधी हो' कहकर BJP सांसद को मंदिर के शिलान्यास में जाने से रोक दिया!

कर्नाटक के एक गांव में राम मंदिर का शिलान्यास था. इसी गांव के पत्थर से अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित हुई मूर्ति बनाई गई है. यहां एक मंदिर के शिलान्यास में बीजेपी सांसद पहुंचे थे.

Advertisement
bjp mp pratap simha stopped by villagers
लोकसभा में मैसूरु-कोडगु का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रताप सिम्हा (फोटो: फेसबुक और वीडियो का स्क्रीनशॉट)
pic
सुरभि गुप्ता
22 जनवरी 2024 (Published: 05:54 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कर्नाटक के एक गांव में BJP सांसद प्रताप सिम्हा (Pratap Simha) को लोगों ने एक मंदिर के शिलान्यास में जाने से रोका. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक प्रताप सिम्हा को ग्रामीणों ने ‘दलित विरोधी’ कहकर गांव से चले जाने के लिए कह दिया. वहीं प्रताप सिम्हा का आरोप है कि कांग्रेस के कुछ लोगों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उन्हें कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया.

ये भी पढ़ें- कौन है वो BJP सांसद, जिसके नाम का पास लेकर संसद में घुसे दोनों घुसपैठिये?

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले, गुज्जेगौदानापुरा गांव में एक मंदिर का शिलान्यास समारोह किया गया. मैसूर जिले के हारोहल्ली पंचायत में आने वाले इस गांव के ही पत्थर से अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित हुई 'राम लला' की मूर्ति तैयार की गई है. गर्भगृह में रखी गई वो मूर्ति, जिसे मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है.

गांव के लोगों ने BJP सांसद से कहा- 'चले जाइए'

ये पत्थर एक दलित किसान रामदास की जमीन से आया था. रामदास ने गांव में राम मंदिर बनाने के लिए जमीन भी दान की है. 22 जनवरी को इसी मंदिर का शिलान्यास समारोह किया गया. गांव वालों के साथ पूर्व मंत्री एस.आर महेश और स्थानीय विधायक जीटी देवेगौड़ा सहित निर्वाचित प्रतिनिधि कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. लेकिन BJP सांसद प्रताप सिम्हा से गांव के लोगों ने वहां से चले जाने के लिए कहा.

पूर्व तालुक पंचायत सदस्य सुरेश ने कहा,

"प्रताप सिम्हा ने 10 सालों में कभी गांव का दौरा नहीं किया. अब राजनीतिक कारणों से वो आए. भाजपा विधायक सहित अन्य निर्वाचित प्रतिनिधि यहां आए और कार्यक्रम में शामिल हुए. लेकिन उन्होंने (प्रताप सिम्हा ने) कभी हमारी बात सुनने की जहमत नहीं उठाई. हम नहीं चाहते कि वो यहां आएं.”

गांव के ही स्वामी हारोहल्ली ने कहा कि गांव के लोग सांसद से नाखुश हैं. उन्होंने कहा,

“पिछले साल महिषा दशहरा के दौरान, प्रताप सिम्हा ने दलित समुदाय और उसके नेताओं के खिलाफ बातें की थीं. उनके कहने पर हमारे गांव के कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कभी भी गांव जाने की जहमत नहीं उठाई और न ही कभी हमारी समस्याएं पूछीं. लेकिन अब, लोकसभा चुनाव से पहले, वो अचानक से आ गए.”

स्वामी हारोहल्ली ने कहा,

"JD(S) नेताओं के अलावा, यहां तक कि BJP विधायक टीएस श्रीवत्स ने भी गांव का दौरा किया है. लोगों से बात की है, लेकिन प्रताप सिम्हा ने कभी भी गांव के लोगों से मिलने की जहमत नहीं उठाई."

वीडियो वायरल, क्या बोले प्रताप सिम्हा?

ग्रामीणों का गुस्सा देख प्रताप सिम्हा कुछ मिनट बाद चले गए. हालांकि, जीटी देवेगौड़ा और अन्य नेताओं ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया है.

वहीं प्रताप सिम्हा ने कहा कि किसान रामदास और उनके बेटे ने उन्हें बुलाया था, लेकिन कांग्रेस के चार लोग आकर ड्रामा करने लगे. प्रताब सिम्हा ने मीडियाकर्मियों को बताया कि कांग्रेस के लोगों ने मुझे कार्यक्रम में जाने से रोका, ये सब पॉलिटिक्स के लिए किया गया. 

ये भी पढ़ें- संसद सुरक्षा चूक: सागर को पास दिलवाने वाले BJP सांसद ने क्या बताया?

Advertisement