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बिलकिस बानो के बलात्कारी छूटने से पहले ही 1000 दिन से ज्यादा जेल से बाहर रहे

गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो के बलात्कारियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में जायज ठहराया है.

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Bilkis Bano case
बिलकिस बानो गैंगरेप के सभी दोषी. (फोटो: आजतक)
18 अक्तूबर 2022 (Updated: 18 अक्तूबर 2022, 18:49 IST)
Updated: 18 अक्तूबर 2022 18:49 IST
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बिलकिस बानो (Bilkis Bano) गैंगरेप मामले में रिहा हो चुके सभी 11 दोषी सजा के दौरान 1000 दिन से ज्यादा परोल पर बाहर रहे. उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 बलात्कारी इस साल 15 अगस्त को रिहा हो गए थे. गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने कहा कि सभी दोषियों को 'अच्छे व्यवहार' के कारण रिहा किया गया. बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या मामले में CBI की विशेष अदालत ने जनवरी 2008 में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट के डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि सभी दोषी 14 साल की सजा के दौरान एक हजार दिन से ज्यादा बाहर ही रहे. इनमें से एक दोषी ने 1576 दिन जेल से बाहर बिताए. दोषी रमेशभाई रुपाभाई चंदाना को इन 14 सालों के दौरान 1198 दिनों की परोल मिली और 378 दिन फरलो (कैदी को मिली छुट्टी, जो सजा में ही गिनी जाएगी) भी मिली. दो और दोषी राजूभाई बाबूलाल सोनी और प्रदीप रमनलाल मोधिया 1200 दिन से ज्यादा बाहर रहे.

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद इन अपराधियों को छोड़ा गया. जबकि CBI और विशेष अदालत ने उनकी रिहाई का विरोध किया था. डॉक्यूमेंट्स बताते हैं कि अपराधियों को छोड़ने के लिए राज्य सरकार की अनुमति मांगने के दो हफ्ते के भीतर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 जुलाई को ये मंजूरी दे दी थी.

29 नवंबर को सुनवाई

इधर, अपराधियों को छोड़े जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई थीं. इसी के जवाब में गुजरात सरकार ने हलफनामा दायर किया. सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्टूबर को याचिकाकर्ताओं को सरकार के हलफनामे पर जवाब देने का समय देते हुए सुनवाई की तारीख 29 नवंबर तय कर दी. गुजरात सरकार ने हलफनामे में कहा कि दोषियों के 'अच्छे व्यवहार' को ध्यान में रखते हुए उन्हें रिहा किया गया.

साल 2002 में गुजरात दंगों के दौरान दाहोद में इन अपराधियों ने बिलकिस बानो का गैंगरेप किया था. ये घटना 3 मार्च 2002 की है. बिलकिस तब 5 महीने की गर्भवती थीं और गोद में 3 साल की एक बेटी भी थी. अपराधियों ने उनकी 3 साल की बेटी को पटक-पटककर मार डाला था. जनवरी 2008 में मुंबई की एक CBI अदालत ने गैंगरेप के आरोप में सभी 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा था.

वीडियो: बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के लिए गुजरात सरकार ने क्या खेल किया?

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