बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार, BJP के इन नेताओं को मिली जगह
एनडीए के साथ सरकार बनाने के 40 दिन बाद नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया.
लोकसभा चुनाव से पहले 15 मार्च को बिहार की एनडीए सरकार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार (Bihar cabinet expansion) किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले इस मंत्रिमंडल में 21 नए मंत्रियों को जगह दी गई है. कैबिनेट में बीजेपी के 12 नेताओं और जेडीयू के 9 नेताओं को जगह दी गई है. राज्य की पूर्व उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी मंत्री पद की शपथ ली. डेढ़ महीने पहले महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. अब करीब 40 दिन बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है.
बीजेपी कोटे से बने मंत्रीरेणु देवी
मंगल पांडेय
नीतीश मिश्रा
नीरज कुमार सिंह
नितीन नवीन
दिलीप जायसवाल
संतोष सिंह
जनक राम
केदार प्रसाद गुप्ता
हरी सहनी
कृष्णनंदन पासवान
सुरेन्द्र मेहता
अशोक चौधरी
लेसी सिंह
महेश्वर हजारी
जयंत राज
सुनील कुमार
जमा खान
शीला मंडल
रत्नेश सदा
मदन सहनी
16 मार्च को मंत्रियों को विभागों की जिम्मेदारी दी जाएगी. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद नीतीश कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 30 हो गई है. इससे पहले कैबिनेट में सिर्फ 9 मंत्री थे. मुख्यमंत्री और दोनों उप-मुख्यमंत्रियों के पास अभी कई सारे विभाग हैं. मसलन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास गृह मंत्रालय समेत कुल 5 विभाग हैं. वहीं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के पास 9-9 विभाग हैं. जेडीयू कोटे से बने नए मंत्रियों में ज्यादातर पुरानी सरकार (आरजेडी के साथ गठबंधन) में भी मंत्री थे.
मंगल पांडे बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. पुरानी सरकार में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे. तीन बार एमएलसी रहे हैं.
अशोक चौधरी पिछली सरकार में भवन निर्माण मंत्री थे. बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. साल 2020 में मंत्री नियुक्त होने के बाद उन्हें MLC बनाया गया था. शेखपुरा जिले के बरबीघा से आते हैं. बरबीघा से ही पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे. बाद में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने. 2018 में कांग्रेस छोड़ JDU में शामिल हुए थे.
लेसी सिंह पिछली सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग संभाल रही थीं. पूर्णिया जिले की धमदाहा सीट से विधायक हैं. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. अपने पति और समता पार्टी के नेता मधुसूदन सिंह की हत्या के बाद राजनीति में आई थीं.
कैबिनेट में एकमात्र मुस्लिम मंत्री जमा खान बने हैं. खान साल 2020 में कैमूर की चैनपुर सीट से बीएसपी के टिकट पर विधायक बने थे. लेकिन कुछ ही महीनों में वे जेडीयू में शामिल हो गए थे. फिर बिहार सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री भी बना दिए गए. मंत्री बनाए जाने के दौरान नीतीश कुमार पर खूब सवाल उठे थे. क्योंकि जमा खान के खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित कई सारे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
3 फरवरी को जब विभागों का बंटवारा हुआ था, तब जदयू कोटे से मंत्री विजय चौधरी को शिक्षा समेत कुल 6 विभाग और बिजेन्द्र यादव को ऊर्जा समेत कुल 5 विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी. श्रवण कुमार के पास 3 विभागों का प्रभार है. इसके अलावा जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन को दो और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को एक मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी.
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