वंदे भारत ट्रेन के भगवा रंग पर सवाल उठे, रेल मंत्री बोले- 'ये तो वैज्ञानिक सोच', क्या नियम बता दिया?
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भगवा रंग की वंदे भारत ट्रेन के पीछे कौन सा विज्ञान बताया? क्यों ऐसा किया गया सबकुछ समझाया है

भगवा रंग की वंदे भारत ट्रेन (Orange colour Vande Bharat Train) के लॉन्च के साथ ही BJP पर आरोप लगे कि इसे शुरू करने के पीछे कुछ राजनीति है. अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस दावे को खारिज किया है. बताया कि नए रंग की ये ट्रेनें यूरोप से इंस्पायर होकर शुरू की गई हैं. उन्होंने दावा किया कि इस रंग का चयन वैज्ञानिक सोच से किया गया था.
पत्रकारों के साथ बातचीत में अश्विनी वैष्णव ने कहा,
मानव आंखों के लिए दो रंग सबसे ज्यादा विजिबल माने जाते हैं- पीला और नारंगी. यूरोप में लगभग 80 फीसदी ट्रेनों में या तो नारंगी या पीले और नारंगी रंग का कॉम्बिनेशन होता है. चांदी जैसे कई और रंग भी हैं जो पीले और नारंगी जैसे चमकीले होते हैं लेकिन मानव आंखों की विजिबिलिटी से लिहाज से ये दो रंग ही सबसे अच्छे माने जाते हैं.
उन्होंने आगे कहा,
इसी वजह से विमानों और जहाजों में ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग के होते हैं. यहां तक कि रेस्क्यू नाव और लाइफ जैकेट भी नारंगी रंग के होते हैं.
बता दें, भारतीय रेलवे ने 24 सितंबर को केरल के कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के बीच अपनी पहली नारंगी-ग्रे रंग की वंदे भारत ट्रेन शुरू की. उस दिन PM नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में नौ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी. कासरगोड-तिरुवनंतपुरम 31वीं वंदे भारत ट्रेन है. ये 19 अगस्त को तमिलनाडु के चेन्नई के पेरंबूर में रेल कोच निर्माता इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ट्रायल रन के लिए ट्रैक पर उतरी थी.
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तब ICF के महाप्रबंधक BG माल्या ने कहा था कि राष्ट्रीय ध्वज में भगवा रंग से इंस्पायर होकर नए कलर स्कीम के साथ एक्सपेरिमेंट किया गया है. इस साल जुलाई में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा था कि ये रंग भारतीय तिरंगे से प्रेरित है.