आंध्र प्रदेश के CM की बहन शर्मिला कांग्रेस में शामिल, भाई से इतनी दूरी कैसे बनी?
पिता की राजनीतिक विरासत की लड़ाई इस मोड़ आई.

आंध्र प्रदेश (andhra pradesh) के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) की बहन वाईएस शर्मिला (Y. S. Sharmila) कांग्रेस में शामिल हो गई हैं. वाईएसआर तेलंगाना (YSR Telangana) पार्टी की मुखिया वाईएस शर्मिला दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुईं.
पार्टी का भी विलय कियावाईएस शर्मिला, YSRCP के मुखिया और आंध्र प्रदेश के CM वाईएस जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन हैं और अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी की बेटी हैं. भाई जगन मोहन से 'राजनीतिक विरासत को लेकर हुई अनबन के बाद, उन्होंने जुलाई 2021 में YSR तेलंगाना पार्टी (YRSTP) की शुरुआत की थी.
न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक, कांग्रेस में औपचारिक रूप से शामिल होने के मौके पर शर्मिला ने कहा,
"आज YSR तेलंगाना पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. मुझे बहुत खुशी हो रही है कि YSR तेलंगाना पार्टी आज से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अंग बनने जा रही है. मेरे लिए ये खुशी की बात है कि YSR तेलंगाना पार्टी अब कांग्रेस से अलग नहीं रहेगी. तेलुगु लोगों के महान नेता YS राजशेखर रेड्डी ने न सिर्फ पूरे जीवन कांग्रेस की सेवा की, बल्कि कांग्रेस की सेवा करते हुए अपना जीवन दे दिया. और आज ये खुशी की बात है कि उनकी बेटी उनके पदचिह्नों पर है."
अपनी पार्टी के कांग्रेस में विलय की घोषणा के बाद शर्मिला ने कहा कि उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी वो उसे निभाएंगी. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें खुशी है कि वह तेलंगाना में कांग्रेस की जीत का हिस्सा थीं. कांग्रेस की तारीफ़ में शर्मिला बोलीं कि कांग्रेस देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है.
उन्होंने कहा,
“कांग्रेस अभी भी हमारे देश की सबसे बड़ी सेक्युलर पार्टी है. कांग्रेस ने भारत की असली संस्कृति को हमेशा बनाए रखा है. कांग्रेस पार्टी ने हमारा देश बनाया है. क्योंकि ये सभी समुदायों की सेवा करती है और सभी वर्गों के लोगों को एकजुट करती है.”
शर्मिला ने ये भी कहा कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना उनके पिता का सपना था और उन्हें इसमें योगदान देकर खुशी होगी.
CM ने की थी मनाने की कोशिशहिंदी अखबार जनसत्ता की एक खबर के मुताबिक, वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अपनी बहन वाईएस शर्मिला को मनाने के लिए अपने चाचा और YSRCP के पूर्व सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी को भेजा. लेकिन बातचीत असफल रही. अखबार के एक सूत्र ने कहा,
"शर्मिला ने 31 दिसंबर और 1 जनवरी को हुई बैठकों में YSRCP में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया था."
जुलाई 2021 में YRSTP बनाने के साथ ही शर्मिला, राजनीतिक रूप से अपने भाई और उनकी पार्टी से अलग हो गई थीं. माना जाता है कि जगन मोहन की पार्टी में शर्मिला के पास कोई ताकत नहीं थी. और शर्मिला अपने पिता की राजनीतिक विरासत में अपनी भी हिस्सेदारी चाहती थीं. लेकिन इसमें असफल रहने पर उन्होंने अपने भाई से रास्ते अलग कर लिए थे.
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