'अम्फान' आ चुका है, पश्चिम बंगाल में दो की मौत, कई घरों को नुकसान
ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में अपना असर दिखा रहा है.

इससे पहले इंडियन मीटियरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 4.30 बजे बुलेटिन जारी कर बताया था,#WATCH
— ANI (@ANI) May 20, 2020
West Bengal: Rainfall and heavy winds in North 24 Parganas as #CycloneAmphan
made landfall. pic.twitter.com/noHLgqJhPX
सुपर साइक्लॉन अम्फान पश्चिम बंगाल तट पर दीघा और हतिया के बीच क्रॉस हो रहा है. चक्रवात के बाहरी बादल ज़मीन के इलाके के ऊपर आ चुके हैं. ज़मीन पर चक्रवात को टकराने में 2 से तीन घंटे लगेंगे.
भारी बारिश, पेड़ गिरेSuper Cyclone #Amphan
— ANI (@ANI) May 20, 2020
is crossing West Bengal Coast between Digha&Hatiya close to Sunderban. The forward sector of wall clouds has entered into the land. Landfall process will continue and take 2-3 hours to complete: IMD in a bulletin issued at 4:30 pm; Visuals from Digha pic.twitter.com/DfSq4kVC17
ओडिशा में इसका काफी असर दिख रहा है. तेज़ हवाएं चल रही हैं. बालासोर, भद्रक जैसे ज़िलों में पेड़ गिर रहे हैं. भद्रक, भुवनेश्वर और पारादीप में भारी बारिश हो रही है. अनुमान है कि समुद्र की लहरें चार से छह मीटर ऊपर उठ सकती हैं. IMD के डायरेक्टर मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि हालांकि सुपर साइक्लोन कमज़ोर पड़ा है, लेकिन ओडिशा पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा.
तूफान का केंद्र कहां है?#WestBengal
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: 2 BN NDRF teams started road clearance work with cutting equipments at Shyampur Block in Howrah district @NDRFHQ
#AmphanCyclone
#CycloneAmphanUpdate
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अम्फान का केंद्र ओडिशा के पारादीप से 600 किमी दक्षिण में, पश्चिम बंगाल के दीघा से 750 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और बांग्लादेश के खेपुरा से करीब 1,000 किमी दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम में है. 15 मई को विशाखापटनम से 900 किमी दूर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के कम दबाव और गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बनना शुरू हुआ. 17 मई को जब ये दीघा से 1200 किलोमीटर दूर था, तब साइक्लॉन में बदला. 18 मई की शाम चक्रवात 'सुपर साइक्लॉन' में बदल गया. 20 मई को मौसम विभाग ने इसे 'Extremely Severe Cyclonic Storm' मतलब काफी तीव्र चक्रवाती तूफान कहा.

भारत के पूर्व तट पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा इससे प्रभावित हो रहे हैं. वहीं बांग्लादेश तक भी इसका असर जाएगा. फोटो: TheLallantop
कैसे उठता है चक्रवाती तूफान?#WATCH
— ANI (@ANI) May 20, 2020
Rains accompanied by strong winds lash Bhubaneswar in Odisha. #Amphan
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समुद्र का कोई गर्म इलाका है. गर्मी की वजह से हवा लो एयर प्रेशर (कम वायु दाब) का क्षेत्र बनाती है. ये हवा गर्म होकर तेज़ी से ऊपर उठती है. ऊपर की नमी से मिलकर संघनन (Condensation) होता है. मतलब वही प्रक्रिया, जिससे बादल बनते हैं. हवा ऊपर उठी, तो नीचे जगह खाली हुई. इस खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे आती है और ऊपर जाती है. इससे लो प्रेशर के क्षेत्र में हवाएं गोल-गोल घूमती हैं. इसकी वजह से तेजी से बादल बनते हैं. भयंकर बारिश होती है. हवा की रफ्तार तेज़ होती है. इन बादलों के साथ हवा आगे बढ़ती है, फैलती है. नीचे से ऊपर की तरफ कोन जैसा बनता है. बीच का हिस्सा 'आई' कहलाता है, जिसके इर्द-गिर्द चक्रवात बनता है. इस हवा का व्यास हज़ारों किलोमीटर तक हो सकता है. समुद्र का पानी भी इसकी वजह से प्रभावित होता है. अलग-अलग स्पीड और जगह के आधार पर इन्हें ट्रॉपिकल डिप्रेशन, ट्रॉपिकल स्टॉर्म, हरिकेन, टाइफून, टॉरनेडो कहते हैं.

हरे रंग में गर्म हवा और लाल रंग में नम हवा. बीच की जगह, जिसे 'आई' कहते हैं. फोटो: Natural Disaster Management
2004 में भारत और आस-पास के दक्षिण एशियाई देशों बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाइलैंड ने मिलकर चक्रवाती तूफान को नाम देने का एक फॉर्मूला बनाया. अम्फान नाम 2004 में ही तय हो गया था. ये नाम थाईलैंड से निकला है. चक्रवातों के नाम कैसे रखे जातें हैं, इस बारे में आप यहां पढ़ सकते हैं.
अम्फान से कितना नुकसान होगा?
अम्फान से सबसे ज़्यादा पश्चिम बंगाल और ओडिशा इससे प्रभावित होंगे. हालांकि इसका असर सिक्किम, असम और मेघालय पर भी पड़ेगा. ओडिशा के जगतसिंहपुर, भद्रक, बालासोर, केंद्रपारा और पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर, उत्तरी 24 परगना-दक्षिणी 24 परगना इलाकों पर सबसे ज़्यादा असर पड़ेगा. कोलकाता, हुगली, हावड़ा में हवाओं की रफ्तार 110 किमी से 130 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है.

तूफान से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले इलाके. फोटो: TheLallantop
नुकसान के बारे में अभी ठीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद ये सबसे बड़ा तूफान है. 1999 के तूफान ने ओडिशा को बर्बाद कर दिया था और इसमें करीब 9,000 लोगों की मौत हुई थी.
अम्फान से निपटने के लिए क्या तैयारियां हैं?#WATCH
— ANI (@ANI) May 20, 2020
Very strong winds at Odisha's Kendrapara, as cyclone 'AMPHAN' is expected to make landfall near Sunderbans in West Bengal today evening. pic.twitter.com/AHD2Wuo0ky
ओडिशा ने करीब डेढ़ लाख लोगों और पश्चिम बंगाल ने करीब पांच लाख लोगों को तटीय इलाकों से निकाला है. 19 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर उच्च स्तरीय बैठक भी की. नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) ने राहत-बचाव कार्य को लेकर प्रेजेंटेशन दिया. केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकारों के संपर्क में है. तूफान के वक्त बिजली सप्लाई और टेलीकॉम केबल, एंटीना, टॉवर को काफी नुकसान होता है. ऊर्जा मंत्रालय और संचार मंत्रालय इसके लिए मिलकर काम कर रहे हैं. टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा गया है कि वो डीजल के साथ पर्याप्त जनरेटर रखें.
More than 5 Lakh people have been evacuated in West Bengal and 1,58,640 people in Odisha: SN Pradhan, NDRF chief #SuperCycloneAmphan
— ANI (@ANI) May 20, 2020
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भुवनेश्वर-कोलकाता में 24 घंटे का कंट्रोल रूमOdisha: Trees uprooted in Paradip as wind speed touches 102 km/ph. #CycloneAmphan
— ANI (@ANI) May 20, 2020
is expected to make landfall today. pic.twitter.com/10Aq8Y19CE
NDRF प्रमुख एसएन प्रधान ने कहा कि NDRF की कुल 42 टीमें पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तैनात हैं. ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि इसने तूफान से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारियां की हैं. मंत्रालय राज्य सरकारों और ऊर्जा आपूर्ति के स्टेकहोल्डर्स के साथ संपर्क में है. पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (POSOCO) के नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (NLDC) और ईस्टर रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर (ERLDC) को मुख्य कंट्रोल सेंटर बनाया गया है. ओडिशा और पश्चिम बंगाल में नोडल अफसर नियुक्त किए गए हैं. मंत्रालय ने बताया कि पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (PGCIL) और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) ने भुवनेश्वर और कोलकाता में 24 घंटे का कंट्रोल रूम बनाया है.
Odisha: Heavy rain and strong wind continues to lash Chandipur, as widespread effect of #AmphanCyclone
— ANI (@ANI) May 20, 2020
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कच्चे मकाने में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है. मछुआरों को समुद्र से दूर रहने को कहा गया है. रेल और सड़क परिवहन बंद कर दिया गया है. कोरोना वायरस के बीच तूफान को लेकर लोगों को लगातार सावधान रहने की हिदायत दी जा रही हैं. उनसे घरों में रहने की अपील की जा रही है.
‘अम्फान’ की खबर आई, तो NDRF की टीम पहले से ही खतरे वाले इलाकों पर तैनात हो गई!