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हज पर Heat Wave से मरने वालों में 65 भारतीय भी थे, मक्का में साढ़े पांच सौ हाजियों की हो चुकी है मौत

बीते रोज़, 19 जून को ख़बर आई थी कि Saudi Arab के Mecca में 550 हाजियों की मौत के पीछे सबसे बड़ी वजह हीट-वेव (Heat Wave) है. मगर अब इनपुट आ रहा है कि 900 से ज़्यादा लोगों ने गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण ही जान गवाई है.

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mecca heatwave
पिछले साल गर्मी से 240 हाजी मरे थे. (फ़ोटो - एजेंसी)
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सोम शेखर
20 जून 2024 (Updated: 20 जून 2024, 11:01 AM IST) कॉमेंट्स
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इस साल मक्का (Mecca) की सालाना तीर्थयात्रा यानी हज (Hajj) के दौरान कम से कम 550 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. इन मृतकों में लगभग 68 भारतीय भी थे. ऐसा एक डिप्लोमैट ने न्यूज़ एजेंसी AFP को पुष्ट किया है. हालांकि, भारत सरकार ने हज के दौरान हुई मौतों पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मक्का में औसत तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है. बीते रोज़, 19 जून को ख़बर आई थी कि 550 हाजियों की मौत के पीछे सबसे बड़ी वजह हीट-वेव (Heat Wave) है. मगर अब इनपुट आ रहा है कि 900 से ज़्यादा लोगों ने गर्मी से संबंधित बीमारियों के कारण ही जान गवाई है. 

मरने वाले अलग-अलग देशों के हैं. इनमें 323 मिस्र के नागरिक थे. 70 से ज़्यादा जॉर्डन के. इनके अलावा हाजी इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और इराक़ के स्वायत्त इलाक़े कुर्दिस्तान से भी थे.

ये भी पढ़ें - हज की पूरी कहानी

गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, कुछ दिन पहले ही सऊदी अरब के अफ़सरों ने जानकारी दी थी कि गर्मी से पीड़ित 2,000 से ज़्यादा हाजियों का इलाज चल रहा है. लेकिन रविवार, 16 जून के बाद से इस आंकड़े को अपडेट नहीं किया गया है. न ही मौतों के बारे में जानकारी दी है.

सऊदी राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक़, सोमवार, 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. AFP के पत्रकारों ने मक्का के बाहर मीना शहर से रिपोर्ट किया था कि हाजियों का बुरा हाल है. वो अपने सिर पर पानी डाल रहे हैं. स्वयंसेवक उन्हें ठंडा रखने के लिए उन्हें कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम दे रहे हैं. 

सऊदी अफ़सरों ने हाजियों को छाते का इस्तेमाल करने, पर्याप्त पानी पीने और दिन के सबसे गर्म घंटों के दौरान धूप में निकलने से परहेज़ करने की सलाह दी है. लेकिन हज की कई प्रथाओं के लिए खुले आसमान के नीचे रहना पड़ता है. जैसे, 15 जून को माउंट अराफात पर हुई प्रार्थना.

पिछले साल अलग-अलग देशों से लगभग 240 तीर्थयात्री हज में मारे गए थे. इनमें से अधिकतर इंडोनेशिया से थे. इस साल लगभग 18 लाख हाजियों ने हज में हिस्सा लिया. इनमें से 16 लाख विदेशी थे. 

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