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उत्तर प्रदेश: योगी सरकार के ये विधायक इस बार स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री बनाए गए हैं

IPS की नौकरी छोड़ने वाले असीम अरुण भी मंत्री बन गए हैं.

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बाएं से दाएं. यूपी के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ लेते असीम अरुण, दयाशंकर मिश्रा दयालु और गुलाब देवी. (फोटो: ANI/ट्विटर)
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साजिद खान
25 मार्च 2022 (Updated: 25 मार्च 2022, 06:11 PM IST)
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 का ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह हुआ. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत 12 प्रदेशों के मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे. योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने बाद 52 मंत्रियों ने भी शपथ ली. यूपी में इस बार 12 लोगों को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी दी गई है. नितिन अग्रवाल योगी मंत्रिपरिषद में नितिन अग्रवाल को मौका दिया गया है. सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नितिन अग्रवाल यूपी विधानसभा डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं. अखिलेश सरकार में उन्हें 2012 में राज्यमंत्री बनाया गया था. हरदोई सदर सीट पर पिता नरेश अग्रवाल से विरासत में मिली सियासत को नितिन अग्रवाल ने संभाला है. कपिल देव अग्रवाल कपिल देव अग्रवाल मुजफ्फरनगर से विधायक हैं. सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी को हराकर कपिल देव अग्रवाल विधानसभा में पहुंचे हैं. 2017 के चुनाव में पूर्व राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के बेटे गौरव स्वरूप से कपिल देव अग्रवाल का मुकाबला हुआ, जिसमें उन्हें जीत मिली थी. कपिल देव अग्रवाल नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे हैं. रवींद्र जायसवाल वाराणसी उत्तरी से जीत हासिल करने के बाद विधायक रवींद्र जायसवाल को योगी 2.0 सरकार में दोबारा मंत्रिपद की जिम्‍मेदारी दी गई है. इस बार उनको राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) का पद दिया गया है. रवींद्र जायसवाल वाराणसी उत्तरी सीट से तीसरी बार विधायक बने हैं. उन्होंने इस बार सपा के अशफाक को हराया है. रवींद्र जायसवाल को पिछली योगी सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टांप न्यायालय शुल्क एवं निबंधन विभाग मिला था. संदीप सिंह संदीप सिंह ने राजनीति में 2017 में एंट्री की थी. अलीगढ़ की अतरौली सीट से उन्होंने जीत हासिल की थी. अब दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. युवा संदीप सिंह को दूसरी बार मंत्री बनाया गया है. अतरौली सीट से कल्याण सिंह 10 बार विधायक रहे हैं. संदीप सिंह ने लंदन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. सियासत उन्हें विरासत में मिली है. उनके दादा कल्याण सिंह यूपी के पूर्व सीएम थे. गुलाब देवी गुलाब देवी संभल की चंदौसी सीट से पांच बार विधायक चुनी गई हैं. बीजेपी की दिग्गज नेता के तौर पर पहचान रखने वालीं गुलाब देवी यूपी में दो बार राज्यमंत्री रह चुकी हैं. पश्चिम यूपी में उनको दलित समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है. ऐसा बताया जाता है कि उनका संघ से भी अच्छा कनेक्शन है. 66 साल की गुलाब देवी पोस्ट ग्रेजुएट हैं. वो कल्याण सिंह और पिछली योगी सरकार में राज्य मंत्री रह चुकी हैं. गिरीश यादव गिरीश यादव ने जौनपुर सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर दूसरी बार जीत हासिल की है. इसके पहले उन्हें शहरी एवं आवास नियोजन मंत्री बनाया गया था. पेशे से वकील गिरीश चंद्र यादव ने छात्र जीवन के दौरान ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर राजनीति में कदम रखा था. धर्मवीर प्रजापति धर्मवीर प्रजापति ने इस बार योगी सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ ली है. इससे पहले जनवरी 2021 में पार्टी ने उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाया था. धर्मवीर प्रजापति मूल रूप से हाथरस जिले के बहरदोई के रहने वाले हैं. जनवरी 2019 में उन्हें माटी कला बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था. वो पिछड़े वर्ग के एक बड़े चेहरे हैं. असीम अरुण IPS की नौकरी छोड़कर चुनाव लड़े असीम अरुण ने समाजवादी गठबंधन के कैंडिडेट अनिल कुमार को कन्नौज सीट से 6,362 वोटों से हराया था. असीम अरुण कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर थे. वो कई आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में शामिल रह चुके हैं. साथ ही साथ नेताओं के सुरक्षा दस्ते में भी ड्यूटी निभाई है. असीम अरुण मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी के भाई हैं. उनके पिता श्रीराम अरुण यूपी के डीजीपी रह चुके हैं. नरेन्द्र कश्यप नरेन्द्र कश्यप बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. वो बसपा की टिकट पर यूपी से राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और दो बार MLC भी. साल 2017 में नरेन्द्र कश्यप बीजेपी से जुड़े. पेशे से एडवोकेट नरेंद्र कश्यप मूल रूप से गाजियाबाद जिले में ग्राम सरवानी के रहने वाले हैं. उनकी गिनती मायावती के करीबियों में होती थी. उन्होंने बसपा में राष्ट्रीय महासचिव तक का सफर तय किया. अपनी बहू की दहेज हत्या में कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद बसपा ने उन्हें 2016 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. दिनेश प्रताप सिंह इस बार के यूपी MLC चुनाव में बीजेपी ने रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली से चुनाव लड़ा था. बीजेपी से पहले दिनेश सपा, बसपा और कांग्रेस में रह चुके हैं. अप्रैल 2018 में दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे. वो दो बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. डॉ. अरुण सक्सेना डॉ. अरुण सक्सेना ने बरेली सदर सीट से जीत हासिल की और जीत की हैटट्रिक लगाई. इस बार उन्होंने सपा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल को मात दी. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें एकतरफा जीत हासिल हुई थी. उन्हें करीब सवा लाख वोट मिले थे. दयाशंकर मिश्र दयालु पूर्वांचल से भाजपा नेता दया शंकर मिश्रा 'दयालु' को इस बार मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है. योगी कैबिनेट में उनको राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) बनाया गया है. दयाशंकर, 2017 के चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. पार्टी ने उनके ऊपर विश्वास जताया और पूर्वांचल विकास बोर्ड में उनको उपाध्यक्ष भी बनाया था.

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