मां बनी 10 साल की बच्ची के दोनों बलात्कारी मामा को मिली उम्र कैद की सज़ा
जानिए अब क्या कह रहे हैं दोनों.
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सुनकर लगता है कि 10 साल की उम्र में प्रेगनेंट होना मुमकिन नहीं. मगर असलियत में जिस भी लड़की को पीरियड होने लगते हैं वो कोख में बच्चा पाल सकती है. ये बात अलग है कि उसका शरीर जन्म देने जितना विकसित नहीं हुआ होता.
शुरुआती जांच में पता चला कि बच्ची का बड़ा मामा अक्सर उसका रेप किया करता था. बच्चे के बाप और रेपिस्ट की पहचान करने के लिए जब डीएनए टेस्ट हुआ तो मालूम पड़ा कि रेपिस्ट वो मामा नहीं था जिस पर आरोप था. उसका छोटा भाई, यानी लड़की का छोटा मामा था.
दो नवंबर को इस मामले में चंडीगढ़ अदालत की विशेष कोर्ट ने आरोपियों को सज़ा सुनाई. अदालत ने उसके दोनों मामा को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों आरोपियों को तीन लाख पांच हजार रुपए जुर्माना देने को भी कहा है. इसमें से 3-3 लाख रुपए बतौर मुआवज़ा बच्ची को देने का आदेश दिया है और 5-5 हज़ार राज्य को.

10 साल की उम्र में पहले रेप होने आ फिर इच्छा के विरुद्ध मां बन्ने का ट्रॉमा कोई नहीं बांट सकता.
द वीक मैगज़ीन के अगस्त अंक के लिए नमिता कोहली ने पूरे केस पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी. बच्ची के मां-पिता के साथ वक़्त बिताने के बाद नमिता ने लिखा था, 'पड़ोसी ने बताया कि उसका मामा बड़ा ही शर्मीला इंसान था. जिन आंखों को वो ऊंची नहीं करता था, उन्हीं से उस बच्ची को हिंसक नज़रों से देखता था, इस बात पर किसी को भरोसा नहीं होता. पिंकी ने पुलिस को बताया था कि मामा ने कहा कि अगर किसी को बता दिया तो वो उसकी बहन का बुरा हाल कर देगा. हाय! बच्ची का दिल. जो अपनी बहन की सुरक्षा के लिए बलात्कार करवाती रही.'
मामा भी गरीब परिवार से था. उसे ये भी नहीं मालूम था कि अचानक पता चलेगा, लड़की प्रेग्नेंट है. इसलिए दो दिन के भीतर पकड़ा गया. घरवाले कहते थे कि उन्हें उस मामा के लिए फांसी के अलावा कुछ नहीं चाहिए. बाद में अब डीएनए टेस्ट से पता चला कि मामा एक नहीं, दो थे.
डीएनए की जांच के लिए कई संभावित लोगों के डीएनए सैंपल भेजे गए थे. इसमें दोनों मामा और कुछ पड़ोसी शामिल थे.

हाय! बच्ची का दिल. जो अपनी बहन की सुरक्षा के लिए बलात्कार करवाती रही
आरोपों की पुष्टि होने और उम्र कैद की सज़ा मिलने के बाद ये कह रहे हैं बच्ची के दोनों बलात्कारी:
छोटा मामा- अब मैं जेल में ही मर जाऊंगा, मेरी ज़िंदगी खत्म हो गई है.
छोटे मामा की पत्नी कोर्टरूम के बाहर इंतज़ार कर रही थी. उसने वकील को बोला कि उसके पति से डायबिटीज़ की दवाई लेने को कहा जाए. हालांकि छोटे मामा ने कहा, 'अब मैं डायबिटीज़ की दवाई लेकर क्या करूंगा. मैं जेल में ऐसे ही मर जाऊंगा. मेरी ज़िंदगी खत्म हो चुकी है.'
जब पुलिस ने उसे बताया कि उसे जेल में भी अपनी बीमारी के लिए दवाइयां मिलेंगी. तो उसने जवाब दिया, 'मैं जेल में किसी को नहीं बताऊंगा कि मुझे डायबिटीज़ है और बस मर जाऊंगा.'
पहले चंडीगढ़ के एक अखबार के सामने छोटे मामा ने कुबूला था कि उससे गलती हुई है और अब उसे इस चीज़ की सज़ा मिल रही है.
बड़ा मामा: आज मुझे मेरे बच्चे याद आ रहे हैं.
बच्ची का बड़ा मामा, जिसके घर से पिछले तीन महीने में कोई एक बार भी अदालत नहीं आया. वो अपने बच्चों को याद करते हुए कहता है, 'काश आज मैं अपने बच्चों को देख पाता.'
आरोपी का परिवार नेपाल में रहता है. उसकी दो बेटियां और एक बेटा है. उसका कहना है, 'मुझे इस केस में फंसाया गया है. मेरा छोटा भाई मुझे हर बात बताता था, लेकिन उसने कभी नहीं बताया कि वो बच्ची का यौन शोषण कर रहा था.'
रेप की पूरी भयानक दास्तान यहां पढ़ें: