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बांग्लादेश: दुर्गा पूजा पंडाल को कट्टरपंथियों ने तहस-नहस किया, मूर्तियां तोड़ीं, 3 लोगों की मौत

कुरान को लेकर अफवाह उड़ी और बांग्लादेश के कई हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव फैल गया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (पीटीआई)
14 अक्तूबर 2021 (Updated: 14 अक्तूबर 2021, 16:32 IST)
Updated: 14 अक्तूबर 2021 16:32 IST
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बांग्लादेश में नवरात्रि के लिए लगाए गए पंडाल को कट्टरपंथियों ने तहस-नहस कर दिया. घटना ढाका से 100 किलोमीटर दूर चांदपुर जिले की है. यहां बुधवार 13 अक्टूबर को कट्टरपंथियों की हिंसक भीड़ ने दुर्गा पूजा पंडाल पर हमला कर दिया. उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचाया. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हिंसा में 3 लोगों की मौत भी हुई है. वहीं 50 लोगों के घायल होने की खबर है. इनमें कई पुलिसवाले भी शामिल हैं. क्यों हुई हिंसा? इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक, जिले के कोमिला इलाके में कुरान के अपमान की अफवाह फैली थी. सोशल मीडिया पर इसे लेकर बातें हो रही थीं. कहा जा रहा था कि यहां लगाए गए एक दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान का अपमान किया गया है. दावा किया गया कि दुर्गा पूजा पंडाल में कथित तौर पर हिंदू भगवान हनुमान के चरणों पर कुरान रखी गई थी. ये बात सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो बवाल मच गया जिसे हिंसा में तब्दील होने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. ये भी बताया गया है कि बांग्लादेश के कई हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव का माहौल बना हुआ है. बांग्लादेशी अंग्रेज़ी अख़बार दी डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक़, चांदपुर के हाजीगंज उप-जिला पुलिस थाने के उप-निरीक्षक नजीमुद्दीन ने इस घटना में हुई मौतों की सूचना दी है. नजीमुद्दीन ने बताया कि मृतकों के शरीर पर चोट के निशान थे. लेकिन अब तक इन लोगों की मौत के कारण की पुष्टि नहीं हुई है. नमाज के जुलूस ने किया हमला? चांदपुर के पुलिस अधीक्षक मिलन महमूद ने बताया कि हिंसा बुधवार शाम की नमाज के बाद शुरू हुई. चांदपुर जिले के हाजीगंज बाजार इलाके में हिंदू समाज के लोगों ने दुर्गा पूजा पंडाल बनाया था. नमाज़ के जुलूस ने उस पर हमला कर दिया. पुलिस ने हालात पर क़ाबू पाने के लिए हवा में गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े. हालांकि वो 3 मौतें और कइयों को घायल होने से नहीं रोक पाई. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कुरान के कथित अपमान को लेकर चांदपुर के अलावा बांग्लादेश के दूसरे हिस्सों में भी पहले से तनाव था, जो इस हिंसा के बाद और बढ़ गया है. कोमिला, चट्टोग्राम, कुरीग्राम और मौलवी बाजार जिलों में भी झड़पें होने की रिपोर्टें आई हैं. इन ज़िलों में हिंसक भीड़ ने कई जगहों पर कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ दिया है. सरकार ने क्या कदम उठाए? बांग्लादेशी न्यूज़ चैनल बीडी न्यूज 24 की रिपोर्ट के मुताबिक़ बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने कहा कि सरकार मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारी उन लोगों का पता लगाने में जुटे हैं जो कथित तौर पर कोमिला की घटना में शामिल थे. गृह मंत्री ने ये भी कहा,
"मैं ये नहीं मानता कि कोई हिंदू व्यक्ति कुरान को अपमानित करने की हिम्मत जुटा सकता है."
वहीं, राज्य के धार्मिक मामलों के मंत्री मोहम्मद फरीदुल हक खान ने लोगों से संयम बनाए रखने की गुज़ारिश की. साथ ही उन्होंने लोगों से कानून न तोड़ने की भी अपील की है. बांग्लादेश हिंदू एकता मंच ने जताया विरोध उधर, बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउन्सिल ने इस घटना का कड़ा विरोध किया है. मामले पर ट्वीट करते हुए काउन्सिल ने कहा,
'हम एक ट्वीट में नहीं बता सकते कि पिछले 24 घंटों में क्या हुआ है. बांग्लादेश के हिंदुओं ने कुछ लोगों का असली चेहरा देख लिया है. हमें नहीं पता आगे क्या होने वाला है. लेकिन बांग्लादेश के हिंदू 2021 की दुर्गा पूजा को कभी नहीं भूलेंगे.'
शुभेंदु अधिकारी ने लिखी पीएम को चिट्ठी भारत में इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रिया होनी ही थी. खबर है कि पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने अब इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में उन्होंने कहा है,
'मैं आपका ध्यान बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों में देवी-देवताओं की मूर्तियों के साथ हुई तोड़फोड़ की तरफ़ आकर्षित करना चाहता हूं. कट्टरपंथी ताकतों का बांग्लादेशी हिंदुओं को निशाना बनाना अब आम बात हो गई है. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप इस मसले पर फ़ौरन कुछ कदम उठाएं, ताकि वहां के हिंदुओं को राहत मिल सके.'
वहीं जानी-मानी बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने इस घटना पर विरोध जताते हुए ट्वीट किया.
"कुछ हिंदू विरोधी मुस्लिम कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश के कोमिला में दुर्गा पूजा पंडाल में हनुमान प्रतिमा कs चरणों में चुपचाप कुरान रख दी. ये सिर्फ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के नाम पर हिंदुओं पर हमला करने का बहाना है. आशा है कि सरकार अल्पसंख्यक समुदाय को बचाएगी."
इस सबके बीच बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है. बांग्लादेशी अंग्रेज़ी अख़बार दी ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक़, देश के 22 जिलों में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है.

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