62 साल की उम्र. 8 बेटों की मां और काम कॉन्ट्रैक्ट पर हत्याएं करना, अपहरण करना, फिरौती वसूलना और डकैती डालना. ये संक्षिप्त परिचय एक महिला का है, जिसे अपराध की दुनिया के लोग मम्मी के नाम से जानते हैं. दिल्ली की संगम विहार पुलिस ने इस मम्मी को 18 अगस्त को खुफिया सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है.
इस मम्मी का असली नाम है बसीरन, जो पिछले 30 साल से अपने और अपने बेटों के बल पर दिल्ली में अपराध की दुनिया पर राज कर रही है. दिल्ली में बसीरन और उसके बेटों पर कुल 113 मुकदमें दर्ज हैं, जिनमें से अकेले संगम विहार पुलिस में बसीरन के खिलाफ 9 मुकदमे दर्ज हैं. इस बसीरन के अपराध की दुनिया में शामिल होने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है.
62-year-old woman Basheeran alias mummy wanted in 113 criminal cases including murder, arrested from Delhi’s Sangam Vihar on Aug 17. DCP South Romil Baniya y’day said, ‘she was active in crime world for past 16 yrs & committed several crimes with help of her 8 sons in past 9 yrs’ pic.twitter.com/MLFpcJFlq0
— ANI (@ANI) August 19, 2018
पति चराता था बकरियां, पत्नी बेचने लगी शराब
आगरा के बसई अरेला की रहने वाली बसीरन की शादी करीब 40 साल पहले राजस्थान के धौलपुर के रहने वाले मलखान सिंह से हुई थी. मलखान सिंह इलेक्ट्रीशियन का काम करता था, लेकिन उससे उसका और परिवार का गुजारा नहीं हो पाता था. लिहाजा नौकरी की तलाश में मलखान सिंह अपनी पत्नी बसीरन को लेकर दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में आ गया. यहां आने के बाद भी मलखान सिंह को नौकरी नहीं मिली, जिसके बाद मलखान ने बकरियां खरीदीं और उन्हें चराने लगा. 90 के दशक में मलखान पत्नी बसीरन को लेकर संगम विहार रहने चला आया. यहां बसीरन ने अपना परिवार चलाने के लिए कच्ची शराब बेचनी शुरू कर दी. इस दौरान वक्त बीतता गया और बसीरन-मलखान के 8 बेटे और चार बेटियां हुईं. बसीरन के उस शराब के ठेके पर आस-पास के अपराधी भी शराब पीने आने लगे. इसी दौरान बसीरन के दो बेटे शकील और शमीम इन अपराधियों के संपर्क में आए और पढ़ाई-लिखाई छोड़कर अपराध में शामिल हो गए. उन्होंने छोटी मोटी चोरियां, छिनैती और झपटमारी शुरू कर दी. बसीरन के बेटे जैसे-जैसे बड़े होते गए, वो अपराध में शामिल होते गए. और धीरे-धीरे बसीरन और उसके परिवार का आतंक आस-पास के इलाकों में भी छाने लगा.

सरकारी पानी के पंप पर जमा लिया कब्जा
इसके बाद बसीरन और उसके बेटों ने पानी के सरकारी पानी के पंपों पर भी कब्जा जमा लिया और अवैध तरीके से पानी की सप्लाई करने लगे. तीन सरकारी पंपों पर कब्जा जमाने वाली बसीरन आस-पास के घरों से पानी के लिए हर महीने 600 से 1000 रुपये वसूलती थी और उसके डर की वजह से लोग उसे पैसे देने को मजबूर थे. वहीं बसीरन का पति मलखान और उसकी बेटियां इस अपराध जगत से दूर रहीं. अब की हालत ये है कि बसीरन और उसके आठ बेटों पर दिल्ली में कुल 113 मुकदमें दर्ज हैं. बसीरन के बड़े बेटे वकील पर 10, शकील पर 15, शमीम उर्फ गूंगा पर 61, सन्नी पर चार, फैजल पर तीन, राहुल खान पर तीन और 16 साल के एक नाबालिग पर भी एक केस दर्ज है.
60,000 के लिए की हत्या और फिर पकड़ा गया गैंग
बसीरन का खौफ इतना था कि कोई उसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था. उसके खिलाफ पहला मुकदमा 2002 में दर्ज हुआ था और ये मामला एक्साइज डिपार्टमेंट की ओर से दर्ज किया गया था. इस मामले की तहकीकात के दौरान पुलिस ने पाया कि बसीरन और उसके बेटों ने जंगल में ठिकाने बना रखे हैं और पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए वो इन ठिकानों का इस्तेमाल करते रहे. जब पुलिस को बसीरन के ठिकानों का पता चल गया, तो फिर बसीरन और उसके बेटों ने ठिकाने नष्ट कर दिए, लेकिन तब भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई. इसके बाद तो पुलिस बसीरन के बेटों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार करती रही और वो जमानत पर बाहर आते रहे. बसीरन और उसके गैंग पर हालिया मुकदमा सितंबर 2017 में हुई मिराज की हत्या के मामले में दर्ज हुआ था. मिराज अमेठी का रहने वाला था. उसकी सौतेली बहन मुन्नी ने 60 हजार रुपये में मिराज की हत्या की सुपारी बसीरन को दी थी. 8 सितंबर 2018 को धोखे से मुन्नी सौतेले भाई मिराज को लेकर बसीरन के संगम विहार वाले घर में लेकर आई. वहां मौजूद बसीरन के गैंग के आकाश, विकास, नीरज और एक अन्य ने मिलकर मिराज को शराब पिलाई और फिर उसे जंगल में ले जाकर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद सबने मिलकर मिराज की बॉडी को जला दिया और फरार हो गए. वारदात के एक हफ्ते बाद जंगल में किसी को जली हुई बॉडी दिखी, तो उसने पुलिस को सूचना दी.
पुलिस ने घर बेचने की फैलाई अफवाह और गिरफ्त में आ गई बसीरन

पुलिस मामले की तफ्तीश करती रही, लेकिन वो किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही थी. जनवरी 2018 में पुलिस ने संगम विहार में हुई एक डकैती के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें बसीरन का नाबालिग बेटा भी था. पूछताछ के दौरान पुलिस को डकैती के अलावा जंगल में मिली लाश के बारे में भी जानकारी हो गई. इसके बाद पुलिस बसीरन की तलाश में जुट गई. वहीं बसीरन फरार हो गई. पुलिस 25 मई को बसीरन के खिलाफ कुर्की का वॉरंट लेकर आ गई और संगम विहार वाले उसके घर को जब्त कर लिया. लेकिन फिर भी बसीरन की गिरफ्तारी नहीं हो पाई. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने संगम विहार इलाके में एक अफवाह फैलाई कि पुलिस बसीरन के घर को नीलाम करने जा रही है. बसीरन को भी इस बात का पता चला. 17 अगस्त की शाम को बसीरन संगम विहार इलाके में पहुंची और अपने घर में दाखिल होने की कोशिश की. वहीं पुलिस भी बसीरन का ही इंतजार कर रही थी. जैसे ही बसीरन वहां पहुंची, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. डीसीपी साउथ रोमिल बानिया के मुताबिक बसीरन के तीन बेटे शमीम उर्फ गूंगा, फैजल और राहुल खान को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. शमीम पर पुलिस पहले ही मकोका के तहत कार्रवाई कर चुकी है. वहीं एक नाबालिग को बाल सुधार गृह में रखा गया है, जबकि बसीरन के चार और बेटे जमानत पर बाहर हैं और फरार हैं.
ये भी पढ़ें:
कहानी उस महिला की, जो चूल्हा-चौका करते हुए बन गई ‘गॉडमदर’
हसीना पारकर: दाऊद की इकलौती बहन, जो उसके धंधे में आई
दाऊद को मारने के लिए अजीत डोभाल चलाने वाले थे ‘ऑपरेशन मुच्छड़’
Exclusive: दाऊद के साथ संजय दत्त के बाबूजी की तस्वीर
मुंबई में 100 की स्पीड से गाड़ी भगाने वाले टाइगर ने दाऊद की महबूबा की कद्र नहीं की
यूपी के सबसे बड़े गैंगवार की कहानी, दस ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ बन जाए इसमें
25 साल का डॉन जिसने CM की सुपारी ली थी
मुख्तार अंसारी बनाम ब्रजेश सिंह: यूपी का सबसे बड़ा गैंगवार