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कोरोना की तीसरी लहर कब आएगी, पता चल गया है!

तीसरी लहर को लेकर वैज्ञानिकों का क्या कहना है?

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सरकार ने उस खबर का खंडन किया जिसमें दावा किया गया था कि देश में कोविड-19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से 5 से 7 गुना' तक अधिक है. (सांकेतिक फोटो)
सरकार ने उस खबर का खंडन किया जिसमें दावा किया गया था कि देश में कोविड-19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से 5 से 7 गुना' तक अधिक है. (सांकेतिक फोटो)
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20 मई 2021 (Updated: 20 मई 2021, 04:25 PM IST)
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बात कोरोना की लहरों की. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते कुछ दिनों में कोरोना के नए मामले तेजी से घटे हैं. ठीक होने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है. इन आंकड़ों को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से लगातार ये पूछा जा रहा है कि क्या दूसरी लहर अपना पीक पार कर चुकी है? साथ ही लोग संभावित तीसरी लहर के बारे में भी खूब सवाल पूछ रहे हैं. अब इस बारे में सरकारी पैनल की ओर से जवाब आया है. कब खत्म होगी दूसरी लहर? भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी की एक कमिटी का अनुमान है कि जुलाई 2021 में कोरोना की दूसरी लहर खत्म हो जाएगी. और कोरोना की तीसरी लहर 6 से 8 महीने में आ सकती है. यह अंदाजा तीन सदस्यों की एक कमेटी ने एक खास मैथमेटिकल मॉडल के जरिए लगाया है. इस नतीजे पर पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने एक खास मॉडल का इस्तेमाल किया. इसे SUTRA (Susceptible, Undetected, Tested (positive) and Removed Approach) मॉडल कहा जाता है. यह मॉडल उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भविष्यवाणी करता है. एक खास कंप्यूटर प्रोग्राम में आंकड़े डाले जाते हैं. उसके आधार पर कंप्यूटर देश में कोरोना के बढ़ने के रफ्तार के बारे में बताता है. यह मॉडल पिछले साल बनाया गया था. इस मॉडल को भारत सरकार की नेशनल कोविड 19 सुपर मॉडल कमेटी ने मान्यता दे रखी है. मतलब भारत सरकार भी इस मॉडल के आधार पर ही आगे का अंदाजा लगाती है. इस मॉडल के जरिए अंदाजा लगाने वाली सरकारी कमेटी में तीन साइंटिस्ट हैं. IIT कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल, IIT कानपुर की प्रोफेसर माधुरी कानितकर और IIT हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर. जून खत्म होते-होते केस घटकर 20 हज़ार पर पहुंच जाएंगे? इस मॉडल के हिसाब से वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि मई के खत्म होते-होते रोजाना करीब 1.5 लाख कोरोना संक्रमण के केस आएंगे. जून में ये केस घटकर 20 हजार प्रतिदिन हो जाएंगे. वैज्ञानिकों ने ये जानकारी भी दी कि किन राज्यों में कोरोना संक्रमण का पीक आ चुका है. मतलब कोरोना केस अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच गए हैं. कमेटी के एक मेंबर IIT कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल का कहना है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड, गुजरात, हरियाणा के अलावा दिल्ली और गोवा में भी कोरोना संक्रमण का पीक आ चुका है. जबकि देश के उत्तरी राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश और पंजाब में अब भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में 24 मई और पंजाब में 22 मई को पीक आने का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा तमिलनाडु में 29 मई से 31 मई के बीच कोरोना केस टॉप पर पहुंच सकते हैं. पुडुचेरी में 20 मई को पीक आ सकता है. इस मॉडल के अनुसार, नॉर्थ ईस्ट के प्रदेशों में अभी पीक आना बाकी है. असम में 20 से 21 मई के बीच कोरोना केस सर्वोच्च स्तर पर पहुंचकर गिरने शुरू हो सकते हैं. मेघालय में 30 मई और त्रिपुरा में 26 से 27 मई के बीच पीक आ सकता है. ये तो बात हो गई दूसरी लहर की. सवाल ये कि तीसरी लहर कब आएगी? इस मॉडल के आधार पर वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि देश में 6 से 8 महीने के अंदर कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है. तीसरी लहर का ये वक्त अक्टूबर 2021 के आसपास का बताया जा रहा है. हालांकि इसे लेकर राहत भरी खबर भी है. प्रोफेसर अग्रवाल का कहना है कि जिन जगहों पर अच्छी संख्या में वैक्सीनेशन हुआ होगा, वहां तीसरी लहर का असर बहुत कम होगा. SUTRA मॉडल कोरोना केसों के बारे में गुणा-गणित तो करता है, लेकिन बता दें कि दूसरी लहर के बारे में अंदाजा लगाने में ये पूरी तरह से फेल साबित हुआ था. इसके बाद इस मॉडल को लेकर कई तरह से सवाल भी उठे थे. मॉडल के बारे में प्रोफेसर विद्यासागर ने इंडिया टुडे को बताया कि हमने कोरोना की दूसरी वेव की गंभीरता को कम आंक लिया था. हमने रोजाना 1.5 लाख नए केस आने का अंदाजा लगाया था, जो बिल्कुल गलत था. असल में रोजाना सामने आए केस इस बार सवा चार लाख तक पहुंच गए. अब देखने वाली बात ये होगी कि दूसरी वेव खत्म होने और तीसरी लहर आने का इसका अंदाजा कितना सटीक बैठता है. और यहाँ पर इस बात को भी नत्थी कर देना चाह्ये कि चाहे ये मॉडल हो या कोई और मॉडल, सभी सरकारी आँकड़ों पर आधारित हैं. सरकारों पर आँकड़ों में फेरबदल करने के आरोप हैं. RTPCR घटाकर रैपिड एंटीजन टेस्ट बढ़ा दिए गए, ऐसे भी आरोप लगते हैं. गांवों में टेस्ट हो ही नहीं रहे, ऐसा भी कहा जा रहा है. ऐसे में सामने आ रही संख्याएँ और इन पर आधारित मॉडल कितने सटीक हैं, आप ख़ुद अंदाज़ लगाइए. आंकड़ों से चलते हैं जांच की ओर कोरोना की जांच को लेकर सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे शायद जांच से जुड़ी समस्याओं को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. सरकार ने घर पर ही खुद से कोविड-19 टेस्ट करने की इजाजत दे दी है. ICMR ने इसके लिए होम बेस्ड टेस्टिंग किट को मंजूरी दी है. यह एक रैपिड एंटीजन टेस्टिंग किट है. इसका इस्तेमाल कोरोना के हल्के लक्षण वाले या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हुए लोग कर सकते हैं. ये टेस्टिंग किट कैसे काम करेगा, ये भी जान लेते हैं. होम टेस्टिंग किट में एक टेस्टिंग स्ट्रिप होगी. ICMR के मुताबिक, जो लोग होम टेस्टिंग करेंगे, उन्हें टेस्ट स्ट्रिप की फोटो खींचनी होगी. फोटो उस फोन से ही लेनी होगी जिस पर मोबाइल ऐप डाउनलोड होगा. फोन का डेटा सीधे ICMR के टेस्टिंग पोर्टल पर स्टोर हो जाएगा. लेकिन, मरीज की गोपनीयता बरकरार रहेगी. टेस्ट की रिपोर्ट भी मोबाइल पर ही आ जाएगी. जो लोग पॉजिटिव होंगे, उन्हें होम आइसोलेशन को लेकर ICMR और हेल्थ मिनिस्ट्री की गाइडलाइन को मानना होगा. लक्षण वाले जिन मरीजों का रिजल्ट निगेटिव आएगा, उनको RTPCR टेस्ट करवाना होगा. कौन सा ऐप डाउनलोड करना होगा? घर में होने वाले इस टेस्ट के इस्तेमाल को लेकर ICMR ने एक एडवाजरी भी जारी की है. ICMR ने कहा है कि होम टेस्टिंग सिर्फ सिम्प्टोमेटिक मरीजों के लिए है. जिनके लक्षण नहीं हैं, उन्हें इस टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है. यह उनके लिए भी है, जो ऐसे किसी शख्स के संपर्क में आए हों जिसकी लैब जांच में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. होम टेस्टिंग के लिए मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा. इसी ऐप के जरिये पॉजिटिव और निगेटिव रिपोर्ट मिलेगी. ICMR के अलावा DGCI यानी Drug controller General of India ने भी होम बेस्ड टेस्टिंग किट की बाजार में बिक्री की मंजूरी दे दी है. होम बेस्ड टेस्टिंग किट के लिए फिलहाल भारत में सिर्फ एक कंपनी को मंजूरी दी गई है. इसका नाम है मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड. यह पुणे की कंपनी है. टेस्टिंग किट तुरंत बाजार में उपलब्ध नहीं होगी, इसे व्यापक रूप से उपलब्ध होने में अभी कुछ वक्त लगेगा. किट के दाम को लेकर कंपनी की ओर से अभी कुछ नहीं कहा गया है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी कीमत 250 रुपए होगी.

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