The Lallantop
Advertisement

कैसे हुआ 11,345 करोड़ रुपए का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला

करोड़ों का घोटाला करके फिर से बैंक पहुंचे थे नीरव मोदी, पैसे मांगे तो पकड़े गए.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
अविनाश
15 फ़रवरी 2018 (Updated: 15 फ़रवरी 2018, 01:36 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
डायमंड की दुनिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने नाम से ब्रैंड बनाने वाले नीरव मोदी से एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि आप बिजनेस करने वाले लोगों को क्या सलाह देंगे. नीरव मोदी ने कहा था-
'आउट ऑफ द बॉक्स सोचिए. रिस्क लेने से मत डरिए और लोगों से अलग बनिए.'
मुंबई में 3,500 रुपये महीने की नौकरी से शुरुआत कर अंतरराष्ट्रीय ब्रैंड बनने वाले नीरव मोदी अपनी सफलता से इतने उत्साहित हुए कि वो किसी से नहीं डरे. उन्होंने आउट ऑफ द बॉक्स सोचा और इतने बड़े घोटाले में उनका नाम आया कि इसे भारतीय बैंकों के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है. सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के मुताबिक 11,400 करोड़ रुपये के इस घोटाले का मास्टर माइंड नीरव मोदी है, जिसने अपनी पत्नी अमी नीरव मोदी, अपने भाई निश्चल मोदी और अपने बिजनेस पार्टनर मेहुल चौकसी के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया है.
कैसे हुआ इतना बड़ा घोटाला
नीरव मोदी, उनकी पत्नी अमी, उनके भाई निश्चल और उनके कारोबारी साथी मेहुल को अपनी तीन कंपनियों डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट और स्टैलर डायमंड के लिए कुछ सामान मंगाना था. ये सामान हॉन्ग कॉन्ग में खरीदा जाना था. सामान मंगाने के लिए इनके पास पैसे नहीं थे. इसके लिए इन्होंने 16 जनवरी, 2018 को मुंबई के पंजाब नेशनल बैंक से संपर्क किया. उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से कहा कि वो इन सामानों को मंगाने के लिए एक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी कर दे. आसान भाषा में समझें तो इस लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जारी करने का मतलब ये था कि पंजाब नेशनल बैंक नीरव मोदी और उनके लोगों को सामान मंगाने के लिए पैसे देने को तैयार है.
nirav

पंजाब नेशनल बैंक इसके लिए तैयार हो गया. बैंक की ओर से कहा गया कि वो बैंक में 280 करोड़ रुपये नकद जमा कर दें. इसके बाद बैंक उनके लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी कर देगा. नीरव मोदी और उनके साथियों की ओर से कहा गया कि बैंक बिना नकद जमा कराए पहले भी ऐसा करता रहा है और वो इस तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवाते रहे हैं. बैंक के एक अधिकारी को शंका हुई तो उसने कहा कि वो कागजात देखकर बताएंगे.
pti

बैंक ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि नीरव मोदी, उनकी कंपनी या फिर उनके किसी पार्टनर का बैंक में कोई रिकार्ड नहीं है. इसके बाद बैंक ने जांच शुरू की. पता चला कि नीरव मोदी इस बैंक के दो अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग बनवाते रहे हैं. जांच हुई तो पता चला कि ऐसे लेटर जारी करने में पंजाब नेशनल बैंक के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने बैंक के ही एक और साथी मनोज खरात के साथ मिलकर खेल किया था. बैंकों में एक स्विफ्ट (Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunication) मैसेजिंग सिस्टम होता है, जिसके जरिए बैंक हर घंटे लाखों डॉलर ट्रांसफर करते हैं. विदेश में क्रेडिट हासिल करने के लिए इस्तेमाल होने वाले 'स्विफ्ट' से जुड़े मैसेज पंजाब नेशनल बैंक के सॉफ्टवेयर सिस्टम में तुरंत नहीं दिखते हैं. ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि इन्हें बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम में एंट्री किए बिना जारी किया जाता है. गोकुलनाथ शेट्टी ने इसका ही फायदा उठाया था. उसने विदेश में क्रेडिट हासिल करने के लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग तो जारी कर दिए, लेकिन वो मुंबई स्थित पंजाब नेशनल बैंक के कोर सिस्टम में दर्ज नहीं हुआ. ऐसे में नीरव मोदी और उनके साथियों को पैसे तो मिल जाते थे, लेकिन वो खुद पंजाब नेशनल बैंक को पैसे देने की जिम्मेदारी से बच जाते थे.
nirvan

जब बैंक ने अपनी जांच पूरी कर ली, तो सीबीआई को सूचना दी गई. पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजिंग एडिटर सुनील मेहता के मुताबिक-
'पूरा खेल 2011 में शुरू हुआ था. बैंक की ओर से इसे जनवरी 2018 में पकड़ा गया, जब नीरव की ओर से बैंक से फिर से लेटर जारी करने की बात कही गई थी. बैंक ने तीन-चार दिनों तक अपनी जांच की और फिर 29 जनवरी को सीबीआई से शिकायत की. 30 जनवरी की सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया. इसके बाद बैंक ने अपने 10 अधिकारियों को निलंबित कर दिया.'
एएनआई के मुताबिक-
नीरव मोदी की पत्नी अमेरिकी नागरिक हैं. उन्होंने 6 जनवरी, 2018 को ही भारत छोड़ दिया था. एक और आरोपी मुकुल चोकसी ने 4 जनवरी, 2018 को देश छोड़ दिया था. नीरव मोदी के भाई निश्चल मोदी बेल्जियम के नागरिक हैं.  निश्चल मोदी ने 1 जनवरी, 2018 को ही भारत छोड़ दिया था. 31 जनवरी, 2018 को ही सीबीआई ने इन सबके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था.
सीबीआई को इन सबकी तलाश 280 करोड़ रुपये के मामले में थी. इस बीच बैंक और सीबीआई जांच कर रहे थे. पता चला कि नीरव मोदी और उनके साथियों ने इसी तरीके से बैंक से अब तक करीब 11,400 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. इससे संबंधित कोई रिकॉर्ड न होने की वजह से बैंक के अधिकारियों को पता भी नहीं चला कि बैंक से पैसे निकाले गए हैं. 14 फरवरी को बैंक की ओर से 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला दर्ज करवाया गया. 15 फरवरी को बैंक के सीनियर अधिकारी सामने आए. घोटाले पर उन्होंने बयान देते हुए कहा कि बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से 2011 से ही ये घोटाला चल रहा था.
अब आगे क्या
nir raid
ईडी और सीबीआई ने नीरव मोदी के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. (फोटो : The Hindu)

केस दर्ज होने के अगले ही दिन 15 फरवरी को ईडी ने देशभर में कई जगह छापेमारी की. वहीं सीबीआई ने मुंबई के हाजी अली दरगाह के पास वर्ली का नीरव मोदी का घर भी सील कर दिया है. ईडी ने नीरव मोदी केस से जुड़ी 9 जगहों पर छापेमारी की. इनमें 4 मुंबई, 2 सूरत और 2 दिल्ली में छापेमारी की गई. ईडी ने नीरव मोदी के शोरूम और घर में भी छापेमारी की है.
नीरव मोदी ने कहा, पैसे लौटा दूंगा
सरकारी एजेंसियों की सख्ती के बाद नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक को खत लिखा है. खत लिखकर नीरव मोदी ने कहा है वो अगले छह महीने में बैंक को पैसे लौटा देंगे. नीरव मोदी के खत के मुताबिक वो फायर स्टार डायमंड्स कंपनी के जरिए पैसे लौटाएंगे, जिसकी कीमत 6,400 करोड़ रुपए है.


ये भी पढ़ें:
बड़ी पहुंची हुई चीज हैं PNB के 11,500 करोड़ रुपए वाले घोटाले के आरोपी नीरव मोदी

प्रिया प्रकाश के साथ दिखने वाला ये लड़का कौन है?

उस संगठन की पूरी कहानी, जो चाह ले तो तीन तलाक और राम मंदिर जैसे मुद्दे एक झटके में सुलझ जाएं

कौन था इंद्रपाल, जो पुलिस एनकाउंटर में मारा गया

वरुण ने अमीर सांसदों से जो छोड़ने को कही है वो सैलरी आखिर है कितनी?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement