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ईसाइयों के दूसरे सबसे बड़े दिन को Good Friday का नाम क्यों दिया गया?

क्रिसमस उल्लास का त्योहार है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था. लेकिन गुड फ्राइडे दुख और शोक का त्योहार है.

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गुड फ्राइडे शोक का दिन है. (फ़ाइल फोटो)
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29 मार्च 2024 (Updated: 29 मार्च 2024, 01:36 PM IST) कॉमेंट्स
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आज, 29 मार्च को गुड फ्राइडे है. क्रिसमस के बाद ईसाइयों का सबसे अहम त्योहार. कुछ जगहों पर गुड फ्राइडे (Good Friday) की छुट्टी है. जहां नहीं है, वहां कहा जा रहा है कि फ्राइडे ही गुड है क्योंकि फिर तो वीकेंड है ही. हालांकि, गुड फ्राइडे की कहानी गुड नहीं है. क्रिसमस उल्लास का त्योहार है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था. वहीं, गुड फ्राइडे दुख और शोक का त्योहार है.

गुड फ्राइडे विश क्यों नहीं करते?

मान्यता है कि गुड फ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह को क्रॉस पर चढ़ा दिया गया था. उनकी याद में लोग इस दिन शोक मनाते हैं. यही कारण है कि इस दिन शुभकामनाएं नहीं दी जातीं. यहां गुड फ्राइडे से मतलब होली या पवित्र फ्राइडे से है, जिसे हिन्दी में 'पुण्य शुक्रवार' भी कहा जाता है.

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असल में गुड फ्राइडे मनाने की शुरुआत तय दिन से 40 दिन पहले हो जाती है. हर साल गुड फ्राइडे कब पड़ेगा, ये रोमन कैथलिक ईसाइयों की सबसे बड़ी संस्था तय करती है. यानी वैटिकन सिटी. जहां रहते हैं कैथलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप.

Ash Wednesday
ऐश वेन्सडे को विशेष प्रार्थना के बाद माथे पर राख मलते चर्च के पुरोहित. (फोटो - PTI)

चालीसा शुरू होती है Ash Wednesday माने राख बुधवार से. इस साल 14 फरवरी को पड़ा था. ऐश वेन्सडे को चर्च में विशेष प्रेयर होती है. इस दिन लोग अपने माथे पर राख मलते हैं, जो याद दिलाता है कि हम मिट्टी के बने हैं और मिट्टी में मिल जाएंगे. इन 40 दिनों के दौरान चर्च और ईसा मसीह में यकीन करने वाले लोग उपवास रखते हैं. उनके दुखभोग में शामिल होते हैं. इस दौरान हर शुक्रवार को विशेष प्रार्थाना होती है. उपवास के दौरान लोग आध्यात्मिक जीवन की ओर लौटने, गलतियों के लिए क्षमा मांगने और विलासिता के जीवन का त्याग करने का संकल्प लेते हैं. चालीसा काल के अंतिम सप्ताह को होली वीक (Holy Week) कहते हैं.

Holy Week में कार्यक्रम क्या होता है?

गुड फ्राइडे से पहले पड़ने वाले संडे से Holy Week की शुरुआत होती है. मतलब इस बार 24 मार्च को शुरू हुआ. संडे को पाम संडे (Palm Sunday) यानी खजूर इतवार कहा जाता है. मान्यता है कि आज से लगभग 2000 साल पहले ईसा मसीह येरुशलेम आए थे, तो उनका स्वागत राजा की तरह हुआ था. लोगों ने उनके स्वागत में खजूर की डाल बिछा दी थी.

पाम संडे के बारे में बाइबिल में संत योहन लिखते हैं,

विशाल जनसमूह को पता चला कि ईसा येरुशलेम आ रहे हैं, इसलिए वे लोग खजूर की डालियां लिए उनकी आगवानी करने निकले. (योहन चैप्टर 12 वाक्य 12-13)

इस दिन लोग खजूर की डालियां लिए चर्च पहुंचते हैं और राजा के रूप में ईसा मसीह का स्वागत करते हैं. चर्चों में विशेष प्रेयर होती है.

Palm Sunday1
पाम संडे मनाते लोग. (फ़ोटो - PTI)

Maundy Thursday (पुण्य बृहस्पतिवार)

गुड फ्राइडे से एक दिन पहले पड़ता है, Maundy Thursday या पुण्य बृहस्पतिवार. बृहस्पतिवार पुण्य इसलिए कहलाता है कि यह दिवस यहूदी जाति के पास्का भोज का पावन दिवस है. यहूदी जाति में जन्म लेने के कारण येसु मसीह ने भी अपनी मृत्यु से पहले पड़ने वाले बृहस्पतिवार को अपने शिष्यों के साथ भोजन किया और अपने शिष्यों के पैर धोए. लोगों के सामने उदाहरण पेश किया. बाइिबल में इसके बारे में कहा गया है,

उन्होंने भोजन पर से उठकर अपने कपड़े उतारे और कमर में अंगोछा बांध लिया. तब वे परात में पानी भरकर अपने शिष्यों के पैर धोने और कमर में बांधे अंगोछे से उन्हें पोछने लगे. (योहन |चैप्टर 13, वाक्य 4-5)

..इसलिए मैंने (तुम्हारे प्रभु और गुरु) तुम्हारे पैर धोए हैं, तो तुम्हें भी एक दूसरे के पैर धोने चाहिए. मैंने तुम्हे उदाहरण दिया है, जिससे जैसा मैंने तुम्हारे साथ किया है, वैसे ही तुम भी किया करो. (चैप्टर 13, वाक्य 14-15)

पुण्य बृहस्पतिवार को पोप और चर्च के पादरी लोगों के पैर धोते हैं. ताकि ईसा मसीह ने जो उन्हें सिखाया है वह उसी रास्ते पर चलें.

Pope
पोप फ्रांसिस लोगों के पैर धोते हुए. (फोटो - catholicnewsagency.com)
शोक का दिन, गुड फ्राइडे

बाइबिल में लिखा है कि सैनिकों ने ईसा मसीह के कपड़े उतारे, उन्हें लाल कपड़े पहनाए, कांटों का मुकुट उनके सिर पर रखा. उन्हें कोड़े मारे गए. क्रूस ढोने के लिए मजबूर किया और अंत में ईसा को क्रूस पर चढ़ा दिया. उनके दोनों हाथों और पैरों में कीलें ठोकी गईं. अंत में ईसा ने अपने प्राण त्याग दिए.

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निर्दोष होते हुए भी ईसा को क्रूस पर चढ़ाया गया. ईसाई समुदाय कि मान्यता है कि ईसा लोगों के पापों के कारण क्रूस पर चढ़े. क्रूस पर पीड़ा सहते हुए ईसा ने कहा था कि 'हे पिता! इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं.' ईसा के बलिदान को याद करते हुए ईसाई समुदाय 'गुड फ्राइडे' मनाता है.

बाइबिल में कहा गया है कि पवित्र शुक्रवार से लेकर शनिवार की मध्यरात्रि तक तीन दिन कब्र में रहने के बाद ईस्टर संडे के दिन ईसा मसीह फिर से जी उठे. वह अलग-अलग मौकों पर कुछ लोगों को दर्शन देते रहे. उन्होंने अपने शिष्यों को दर्शन देने के बाद कहा कि उनका संदेश वह पूरी दुनिया में फैलाएं.

(ये स्टोरी हमारे साथी डेविड ने 2021 में लिखी थी. ये रहा उसका लिंक.)

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