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क्रिसमस के बाद वाले दिन को 'बॉक्सिंग डे' क्यों कहते हैं?

इसका मुक्का मारनेवाली बॉक्सिंग से कोई लेना-देना नहीं है मितरों.

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बक्से में बंटती हैं खुशियां.
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25 दिसंबर 2020 (Updated: 25 दिसंबर 2020, 06:48 IST)
Updated: 25 दिसंबर 2020 06:48 IST
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कुछ साल पहले की बात है. बचपन बीत रहा था. बड़े हो रहे थे. क्रिकेट में दिलचस्पी जाग गई थी. इंडिया का क्रिकेट कैलेंडर फॉलो किया जाने लगा था. ऐसे में जब भी दिसंबर में इंडिया की टीम ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड के दौर पर होने का इत्तेफ़ाक होता, एक शब्द बार-बार सुनने को मिलता. 'बॉक्सिंग डे टेस्ट'. 26 दिसंबर से शुरू होने वाले टेस्ट मैच को बॉक्सिंग डे टेस्ट ही कहा जाता. ये तो समझ में आ गया था कि क्रिसमस के बाद वाले दिन को बॉक्सिंग डे कहते हैं लेकिन क्यों कहते हैं ये पता नहीं था.
कई बार ये भी सोचा कि हो सकता है प्राचीन समय में इस दिन से कोई बॉक्सिंग-वॉक्सिंग का कम्पिटिशन शुरू होता रहा हो. अब जा के मालूम पड़ा है कि बॉक्सिंग डे का बॉक्सिंग से कोई कनेक्शन नहीं है.
बॉक्सिंग डे वाले दिन छुट्टी होने से क्रिकेट स्टेडियम में ज़्यादा दर्शक पाए जाते हैं.
बॉक्सिंग डे वाले दिन छुट्टी होने से क्रिकेट स्टेडियम में ज़्यादा दर्शक पाए जाते हैं.


दरअसल ब्रिटेन में क्रिसमस के अगले दिन घर के सभी नौकरों को तोहफे देने की प्रथा थी. ये तोहफा एक ख़ास तरह के क्रिसमस बॉक्स में दिया जाता. नौकरों को तोहफा देने के बाद छुट्टी भी दी जाती. ताकि वो अपने घर जा के अपने परिवार को भी तोहफे वाले बक्से दे सके. तोहफे भरे इन बॉक्सेस की वजह से ही इस दिन को बॉक्सिंग डे कहा जाने लगा.
इसके अलावा इलाके के चर्च में क्रिसमस से कुछ दिन पहले से एक बॉक्स रखा जाता. जिसमें सभी लोग अपनी औकातानुसार पैसे डालते. ये बॉक्स क्रिसमस के अगले दिन खोला जाता. जमा हुए पैसे किसी ग़रीब को दिए जाते.
तोहफे के बक्सों के साथ बंटती हैं खुशियां.
तोहफे के बक्सों के साथ बंटती हैं खुशियां.


एक और प्रथा भी रही है. पानियों के जहाज़ पर सफ़र करनेवाले लोग अपने जहाज़ पर एक पवित्र बॉक्स रखा करते थे. इसमें पैसे या कीमती उपहार हुआ करते थे. जब जहाज़ सही-सलामत अपनी मंज़िल पर पहुंच जाता तो वो बॉक्स वहां के चर्च में पादरी को सौंप दिया जाता. पादरी उस बॉक्स से बरामद सामग्री को क्रिसमस के अगले दिन गरीबों में बांट देता.
इन सारी वजहों से इस दिन का नाम बॉक्सिंग डे पड़ गया. बॉक्सिंग डे की पश्चिमी देशों में बड़ी अहमियत है. इस दिन तमाम बैंक, ऑफिस वगैरह बंद रहते हैं. लोग अपने परिवार के साथ क्रिसमस की थकान उतारते हैं.


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