The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • Girls are being sexually exploited in the name of relationships in rural india

'गर्लफ्रेंड है या--? रूम चाहिए? तू भी करना, हम भी'

क्यों लोगों लिए गर्लफ्रेंड और शादी 'मटीरियल' अलग-अलग होता है?

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
लल्लनटॉप
30 सितंबर 2016 (Updated: 30 सितंबर 2016, 10:29 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

1.

सोनीपत चलोगी?हां, चल लूंगी. क्यूं क्या हुआ?अरे ! यार हुक्का लेने जाना है. हम रूममेट पढ़ाई के बीच-बीच में पी लिया करेंगे. हम लोगों ने  दिल्ली में ढूंढा  लेकिन गांव टाइप का हुक्का नहीं मिला. अच्छा ठीक है.शनिवार को चलेंगे. पांच बजे लेने आजाऊंगा.
शनिवार को पांच बजे ही रजत पीजी के बाहर आगया. आंटी ने आवाज़ लगाई. फटाफट बिंदी लगाई और दुप्पटा उठा कर भागी. गेट पर रजत अपनी बुलेट के साथ खड़ा था. हम निकल गए सोनीपत.
मुझे बुलेट पर घूमना अच्छा लगता है. एक दिन बातों-बातों में रजत  को बता दिया था. अच्छे दोस्त थे तो उसने  मुझसे पूछ कर ही सोनीपत जाने का प्लान बनाया . रस्ते भर घर-बार, गांव-पंचायत, डीयू की बातें करते गए. बातें खूब करते थे, चाहे हमारे विचार न मिलते हों.
सोनीपत पहुंचने से पहले एक-दो गांव में पूछा. वहां बैठे ताऊओं ने कहा ,' बेटा आगे सोनीपत मार्केट चले जाओ. दुकान खुली होंगी. वहां मिल जाएगा. ' हम पहुचने ही वाले थे कि साइड में एक गाड़ी आ गई. गाड़ी में दो लड़के बैठे थे. एक ने शीशा ऊपर किया. रजत  ने पूछ लिया - भाई हुक्का कहां मिल सकता है यहां ?
लड़के ने न भाई सुना न हुक्का और कहा, 'गर्लफ्रेंड है या--? अरे भाई रूम चाहिए के?'
रजत ने शायद सोचा न होगा कि ऐसा भी पूछा जा सकता है ,उसने  गुस्से  में बोल दिया ,'अरे तू अपना काम कर, चल यहां से '.
लेकिन उन्होंने  फिर से पूछा ,'अरे बता न. रूम चाहिए तो. अच्छी तरिया *** इसकी"
इस बार रजत ने बाइक तेज़ की. लड़कों ने गाड़ी साइड में ही लगाए रखी, फ़ोन करके दो तीन को आने को कहा.
मुझे नहीं पता रजत को कैसा लगा होगा. जिस हरियाणा के कल्चर, गांव, समाज की बड़ी बड़ी बातें किया करता आज उसी कल्चर के उसके हमउम्र लड़के  उसकी दोस्त के बारे में ऐसा बोल गए थे. हम दोनों डर के भागे, इस गली, उस गली. उस दिन हम हुक्का नहीं ला पाए. खैर! मैं सही सलामत  अपने पीजी पहुंच गई थी.


2.

मैंने कॉलेज के थर्ड इयर में आकर टच स्क्रीन फ़ोन लिया. सेकंड हैण्ड फ़ोन था. जिससे फ़ोन लिया वो जान पहचान में से ही था. फॉर्मेट करने से पहले व्हाट्सऐप्प खुल गई. सबसे ऊपर वाली चैट में कुछ अटपटा सा लगा. खोलकर पढ़ ली. जिससे फ़ोन लिया था वो बाहरवीं क्लास में पढ़ता था. अब डीयू के श्यामलाल कॉलेज में हैं. उस लड़के ने जो चैट की हुई थी तो बहुत ही डिस्टर्बइंग थी.
"भाई तेरी गर्लफ्रेंड कित सै?
भाई वा तो घर सै.
यार बहुत दिन से चो** का मन कर रहा है
तो यार कोई जुगाड़ करनो पड़ेगो.
तू बुला ले उसने, रूम का जुगाड़ में करवा दूंगा. तू भी ** लिए, मनै भी ** लेन दिए."



3.

मेरी दोस्त ने ये इंसिडेंट शेयर किया. उसके पीजी में एक लड़की रहती थी. किसी इंजिनियर से प्यार हो गया था. लड़का जॉब करता था. साकेत में चार-पांच कॉलेज के दोस्तों के साथ ही रहता था. उसकी दोस्त कभी-कभी अपने बॉयफ्रेंड यहां चली जाती थी. एक दिन जब वो आई तो मूड खराब करके आई.
"यार मैंने कभी सोचा नहीं था उसके दोस्त ऐसे सोच रखते हैं. दिल्ली में रहकर SSC की तैयारी करते हैं. लेकिन जो मेरे बारे में जो बोला वो मैं सुन भी नहीं पाई. वैसे तो इतने अच्छे से बात करेंगे फ़ोन पर. लेकिन उनमें एक नें पता है क्या बोला? बोला कि यार मुझे भी ** दे इसकी , मैंने ये गलती से सुन लिया. साला कुत्ता महेंदरगढ़ के सूरज स्कूल में पढ़ाता है."



कल पार्च्ड मूवी देखी. मूवी देखने  के बाद ये तीनो वाकये  दिमाग में घूमने लगे. सोशल मीडिया पर मिलने वाली गालियां याद आगई. हां, वही सेक्शुअल ऑर्गन्स को हर्ट करने वाली गालियां. 'रांड'  वाली  गालियां.  सोशल मीडिया पर  तो ब्लॉक करने  का ऑप्शन होता है. समाज को ब्लॉक करने का ऑप्शन नहीं है न. यहीं  रहना है. कुछ गलत लगता है तो उसे ठीक करके ही रहना है.
सोनीपत वाले लड़कों ने वो हरकत किसी और ज्योति के साथ की होगी. कोई और लोग डर कर भागे होंगे.  चैट में जिस लड़की की बात हो रही थी , वो  क्या पता अपने बॉयफ्रेंड के भुलावे में आ गई हो. इस बहाने  तीन-चार लड़कों ने  फिर हाथ साफ़ किए हों. और जो सूरज स्कूल का मास्टर है,  वो अभी भी सोच के बैठा  होगा अगर उसका दोस्त किसी लड़की से सेक्स कर रहा है तो दोस्ती निभाने के नाते उससे भी सेक्स करवा देगा.
जिन लड़कियों की ये लड़के बात करते हैं.  इन लड़कियों के लिए अलग से एक केटेगरी बनाई हुई है. इन्हें गर्लफ्रेंड  बनाकर छोड़  दिया  जाता है.  इंग्लिश में इन्हें  fuckable women कह देते  हैं. जिस लड़की का साकेत वाला  बॉयफ्रेंड था, उसने अपने दोस्तों को बता रखा था कि यह लड़की सिर्फ गर्लफ्रेंड है. 'सिर्फ गर्लफ्रेंड' का मतलब निकाल कर ही उस लड़के ने कहा होगा ' मुझे भी *** दे इसकी '.  'सिर्फ गर्लफ्रेंड ' थी इसीलिए उस लड़की के बॉयफ्रेंड ने खींच कर चमाट नहीं मारा. आलोकधन्वा ने इस पर लिखा है :
तुमजोपत्नियों को अलग रखते होवेश्याओं सेऔर प्रेमिकाओं को अलग रखते होपत्नियों सेकितना आतंकित होते होजब स्त्री बेखौफ भटकती हैढूंढती हुई अपना व्यक्तित्वएक ही साथ वेश्याओं और पत्नियोंऔर प्रमिकाओं में!
आप कह सकते हैं  कि ये मजाक करने का एक तरीका  है. लड़कों में ऐसे  ही चलता है, तो आप एक घिन्नई सोच फैला रहें हैं . जिसका मतलब है 'गर्लफ्रेंड : सेक्स करने की कोई चीज़ '. ये चीज़  'दोस्त की शर्ट' की तरह है. आप पहन के जा सकते हैं. वो आपकी शर्ट पहन सकता  है. आप शर्ट की अदला-बदली कर सकते हैं. दोस्त की 'अच्छी शर्ट' न  हुई तो बुरा नहीं मानेगा.  'नई शर्ट' हुई तो पहले खुद पहनेगा . उसके  बाद आप पहन  सकते हैं. 'फेवरेट शर्ट ' हुई  तो शायद न पहनने दे.
उफ्फ ! फेमिनिज्म का झंडा फिर से उठ गया. आप बोर  हो गए. ज्ञान सुनने थोड़े ही आए थे. सेक्स स्टोरी पढ़ने आए थे . ह्यूमर नहीं मिला. सॉरी टू डिसअपॉइंट यू. आई विल कीप डिसअपॉइंटिंग यू.


ये स्टोरी ज्योति ने लिखी है.
 

Advertisement