हजारों का यौन उत्पीड़न, पाकिस्तानियों पर आरोप; 'Grooming Gangs' जिसे लेकर एलन मस्क ब्रिटिश पीएम पर हमलावर हैं
Grooming Gangs: ये क़रीब 15 साल पुराना मामला. आरोप है कि 2010 के दशक में ब्रिटेन में हज़ारों नाबालिगों के साथ यौन शोषण किया गया और ऐसा करने वालों में ज़्यादातर पाकिस्तानी मूल के पुरुष थे.

दुनिया के सबसे अमीर शख़्स एलन मस्क (Elon Musk) इन दिनों ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) के नाम का मोर्चा खोले हैं. मस्क का X अकाउंट खोलकर देखें तो पिछले 2 दिन में दर्जनों पोस्ट स्टार्मर के ख़िलाफ़ मिल जाएंगे. किसी पोस्ट में वो पीएम स्टार्मर को जेल भेजने की ताकीद करते हैं. तो किसी पोस्ट में ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय से गुज़ारिश करते हैं कि संसद भंग करके चुनाव करवा दीजिए. जबकि पिछले साल यानी 2024 की जुलाई में ही ब्रिटेन में चुनाव हुए थे, जिसमें स्टार्मर की लेबर पार्टी ने बंपर जीत हासिल की थी.
स्टार्मर के पीछे क्यों मस्क?वजहों की लिस्ट लंबी हो सकती है. लेकिन हालिया मुद्दा है ग्रूमिंग गैंग्स का. क़रीब 15 साल पुराना मामला. आरोप है कि 2010 के दशक में ब्रिटेन में हज़ारों नाबालिगों के साथ यौन शोषण किया गया और ऐसा करने वालों में ज़्यादातर पाकिस्तानी मूल के पुरुष थे. ये लोग ग्रुप में काम करते थे. इसलिए इन्हें ग्रूमिंग गैंग भी कहा गया. मस्क का आरोप है कि उस वक्त की सरकार ने इस कथित रेप कांड पर कोई एक्शन नहीं लिया.
मस्क का कहना है कि कीर स्टार्मर उस समय डायरेक्टर ऑफ़ पब्लिक प्रॉसिक्यूशन के पद पर थे. अगर वो चाहते तो अपराधियों को सज़ा मिल सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. और इसी दावे के साथ एलन मस्क अब स्टार्मर के विरोध में हैं. ग्रूमिंग गैंग्स शब्द का इस्तेमाल ब्रिटेन में उन लोगों के समूह के लिए किया जाता है, जो बच्चों का शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण करते हैं. ब्रिटेन में 1990 के दशक में अंत में ऐसे गिरोहों की शुरुआत हुई थी. 2010 के दशक में ऐसे गिरोहों की खूब चर्चा होने लगी थी.
कैसे काम करते थे गिरोह?पुरुषों के कई ग्रुप्स होते थे. उनमें अलग-अलग उम्र के लोग शामिल थे. ये लोग पहले अपना टारगेट सेट करते. इनके टारगेट में ज़्यादातर कमज़ोर आर्थिक बैकग्राउंड से आने वाली लड़कियां शामिल होतीं. फिर गिरोह के लड़के उस लड़की से दोस्ती करते. उन्हें महंगी गाड़ियों में घुमाते, गिफ्ट्स देते, क्लब ले जाते. कई केस में लड़कियों को नशे की लत लगवा देते. धीरे-धीरे वो लड़की अपने घर वालों से दूर हो जाती.
फिर इन गिरोह के लोग बारी-बारी उस लड़की से बलात्कार करते. पीड़िता को धमकी भी मिलती कि अगर ज़ुबान खोली तो परिवार के किसी सदस्य को मरवा देंगे. ऐसा एक नहीं सैकड़ों लड़कियों के साथ हुआ है.
रॉदरहैम चाइल्ड सेक्सुअल स्कैंडल- रॉदरहैम, साउथ यॉर्कशायर में बसा छोटा सा शहर है. लंदन से सड़क की दूरी लगभग साढ़े 3 घंटे है. 1997 से 2013 तक यहां सैकड़ों लड़कियों के साथ यौन शोषण किया गया. कई मीडिया रिपोर्ट दावा करती हैं कि पीड़ित लड़कियों की संख्या लगभग 14 सौ थी. इनमें से कई लड़कियों की उम्र तो 11 बरस थी. आरोप लगते हैं कि जब पीड़ित इन केस को रिपोर्ट करवाने रॉदरहैम पुलिस के पास जाते थे, तो उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी जाती और लिखी जाती तो उनपर कोई एक्शन नहीं लिया जाता.
रॉदरहैम शहर में ये कांड कई साल से चल रहा था, लेकिन कोई इसकी सुध लेने वाला नहीं था. फिर सितंबर 2012 में संडे टाइम्स ने इस मसले पर एक डिटेल रिपोर्ट की. इसमें खुलासा हुआ कि 2010 की एक गोपनीय पुलिस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि शहर में हर साल हज़ारों लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न किया जा रहा है. और इसके पीछे ज़्यादातर एशियाई मूल के लोग हैं.
संडे टाइम की रिपोर्ट के बाद ख़ूब हल्ला मचा. जांच बैठाई गई. लेकिन कोई ठोस कदम नहीं लिया गया. फिर 2014 में सोशल एक्टिविस्ट और प्रोफ़ेसर एलेक्स जे ने इस पूरे मसले पर स्वतंत्र जांच की.
उनकी रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस कांड में पाकिस्तानी मूल के कई पुरुष शामिल थे और उन्होंने पीड़ित लड़कियों को मुंह न खोलने की धमकी दी.
रोशडेल ग्रूमिंग केस- रोशडेल, इंग्लैंड के ग्रेटर मैनचेस्टर का शहर है. इसी शहर में 2008 से 2012 तक दर्जनों लड़कियों के साथ यौन शोषण करने के आरोप लगे थे. सबसे पहले मई 2012 में 9 पुरुषों को इसका दोषी पाया गया. जब जांच तेज़ हुई तो दर्जनों और आरोपी सामने आए. जनवरी 2024 तक इस केस के 42 आरोपियों को सज़ा दी जा चुकी थी. 47 लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न वाला मामला साबित हुआ है. कई केस की जांच अब भी चल रही है. आरोप है कि इस कांड में भी ज़्यादातर पाकिस्तानी मूल के पुरुष शामिल थे.
मार्च 2015 में, ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस ने अपनी विफलता के लिए माफ़ी मांगी, बाद में स्वतंत्र जांच में दावा किया गया कि पुलिस सबूत होते हुए भी एक्शन नहीं ले रही थी. बाद में कुछ पुलिस अधिकारियों ने इसी वजह से इस्तीफ़ा भी दिया.
ये तो केवल 2 हाई प्रोफाइल केस थे. इस तरह के दर्जनों और केस हैं जिनमें इसी तरह से यौन शोषण किए जाने के आरोप सामने आए. ब्रिटेन के कई NGO इस मामले में रिपोर्ट पेश कर चुके हैं. ऐसा ही एक NGO है, चिल्ड्रंस सोसाइटी. उन्होंने 'ओल्ड इनफ टु नो बेटर' नाम से एक रिपोर्ट शाया की है. इसमें बताया कि 16 से 17 साल की करीब 50 हज़ार लड़कियों को इन ग्रूमिंग गैंग्स ने शिकार बनाया है. इनमें से केवल 5 हजार लड़कियों ने ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
2017 में इस मामले की फिर से चर्चा हुई जब यहां के थिंक टैंक क्विलियम फाउंडेशन ने एक रिपोर्ट पेश की. उन्होंने दावा किया कि ग्रूमिंग गैंग्स के 84 प्रतिशत अपराधी एशियाई मूल के हैं. और इनमें ज्यादातर पाकिस्तानी मूल के लोग हैं. पर हम इसकी चर्चा क्यों कर रहे हैं. जैसा हमने शुरू में बताया. एलन मस्क पीएम स्टार्मर को इसके लिए ज़िम्मेदार मानते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनके ख़िलाफ़ दर्जन भर से ज़्यादा पोस्ट कर चुके हैं. 3 जनवरी को उन्होंने लिखा था,
ब्रिटेन सरकार का जवाब?“स्टार्मर,‘ब्रिटेन के बलात्कार कांड’ में शामिल थे, जब वो 6 साल तक क्राउन प्रॉसिक्यूशन के प्रमुख थे. ब्रिटेन के इतिहास में सबसे भयानक सामूहिक अपराध में उन पर मिलीभगत के आरोप हैं. उन्हें आगे आना चाहिए और इन आरोपों का सामना करना चाहिए.”
स्टार्मर ने सीधे इन आरोपों पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. लेकिन ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री वेस स्ट्रीटिंग ने इन आरोपों को झूठा बता दिया है. उन्होंने कहा, एलन मस्क ने जो कुछ आलोचनाएं की हैं, वो गलत सूचना पर आधारित हैं.
पर कीर स्टार्मर और एलन मस्क की ये लड़ाई नई नहीं है. स्टार्मर के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही मस्क लगातार उनकी आलोचना कर रहे हैं. टाइमलाइन देखिये- अगस्त 2024 में इंग्लैंड में दंगे हुए. मुसलामानों के ख़िलाफ़ कट्टर दक्षिण पंथियों ने जुलुस निकाले. उनके ख़िलाफ़ कई झूठे दावे किए, जिसके परिणामस्वरूप दंगे भड़के. कीर स्टार्मर ने दक्षिण पंथियों की मज़म्मत की. उस समय एलन मस्क ने स्टार्मर की आलोचना की और कहा कि वो स्थिति को सही ढंग से नहीं संभाल रहे हैं.
नवंबर 2024 में स्टार्मर ने टैक्स का नया नियम लाया. इस पर एलन ने उनकी आलोचना की. कहा ब्रिटेन पूरी तरह स्टालिनवादी होता जा रहा है. दिसंबर 2024 में ख़बर आई कि मस्क नाइजल फराज की रिफार्म पार्टी को फंड करेंगे. इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. मस्क कई मौकों पर नाइजल को ब्रिटेन के लिए स्टार्मर से बेहतर पीएम बता चुके हैं. अब ये ग्रूमिंग गैंग वाला मसला. जिस पर मस्क ने स्टार्मर को घेरना शुरू कर दिया है.
इस मामले पर ब्रिटिश पीएम स्टार्मर का भी जवाब आया है. उन्होंने एलन मस्क के बयानों को 'झूठ और भ्रामक' बताया है. स्टार्मर ने कहा
"लोगों जितना से बन पड़ रहा है, वो लोग झूठ और भ्रम फैला रहे हैं. हमने इस तरह की रणनीति कई बार देखी है. डराना-धमकाना और हिंसा की धमकियां देना. सिर्फ इस उम्मीद में कि मीडिया इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर दे. दक्षिणपंथ का जहर जेस फिलिप्स और अन्य लोगों के लिए गंभीर खतरे का कारण बन गया है. मेरी नजर में अब सीमा पार हो चुकी है. "
स्टार्मर का ईशारा विपक्ष की कंजरवेटिव पार्टी के नेताओं की ओर था. कंजरवेटिव पार्टी के कई नेताओं ने एलन मस्क के दावे को दोहराया था.
वीडियो: दुनियादारी: क्या एलन मस्क ब्रिटेन में सरकार गिरा देंगे? कीर स्टार्मर के पीछे क्यों पड़े हैं?