The Lallantop
Advertisement

12 स्टूडेंट्स, एक कोचिंग से शुरू हुई आकाश इंस्टीट्यूट की कहानी, जिसे BYJU's ने 73 अरब में खरीदा है

नया मालिक आने से आकाश इंस्टीट्यूट में क्या कुछ बदल जाएगा?

Advertisement
Img The Lallantop
बायजू’स ने 'आकाश' को खरीद लिया
pic
दर्पण
6 अप्रैल 2021 (Updated: 6 अप्रैल 2021, 02:21 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
ख़बर है कि बायजू’स ने आकाश इंस्टीट्यूट को ख़रीद लिया है. लेकिन बड़ी-बड़ी कंपनियों की ख़रीद फ़रोख़्त ऐसी नहीं होती जैसे हम टीवी फ्रिज ख़रीदते हैं. ऐसी नहीं होती कि, जैसा ग़ालिब कह गए हैं, ‘और बाज़ार से, ले आए अगर टूट गया...’
तो कैसी होती हैं? ये तो इस न्यूज़ के अंदर घुस चुकने के बाद ही पता चलेगा. # क्या है डील- ये पूरी डील ‘कैश एंड स्टॉक डील’ कही जा रही है.
# सिर्फ़ कैश डील होती: तो, आकाश इंस्टीट्यूट के पिछले प्रमोटर्स (डील से पहले के मालिकों) को उनकी कंपनी के लिए पैसे मिल जाते, और फिर उनकी ‘आकाश इंस्टीट्यूट’ में कोई हिस्सेदारी नही रहती.
# सिर्फ़ स्टॉक डील होती: तो, आकाश के प्रमोटर्स को अपनी कंपनी को बायजू’स को बेचने पर कोई पैसे नहीं मिलते. लेकिन पेरेंट कंपनी (बायजू’स) के शेयर्स ज़रूर मिल जाते. और ज़ाहिर है इन शेयर्स या इस पेरेंट कंपनी में मिली हिस्सेदारी का मूल्य भी उतना ही होता जितना कैश का.
Untitled Design (7)
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay.

तो ‘कैश एंड स्टॉक डील’ का साफ़ मतलब है कि आकाश के पूर्व मालिकों को कुछ पैसे मिले हैं और साथ ही बायजू’स में कुछ हिस्सेदारी मिली है.
जिस तरह ‘स्टॉक डील’ के मामले में डील के बाद भी पुरानी कंपनी के मालिकों की हिस्सेदारी नई पेरेंट कंपनी में बनी रहती है, वैसे ही ‘कैश एंड स्टॉक डील’ के मामले में भी पुरानी कंपनी के मालिकों की हिस्सेदारी नई कंपनी में से ख़त्म नहीं होती. और कई बार तो बिक रही कंपनी के मालिक (प्रमोटर्स) डील हो चुकने के बाद भी अपने उन पदों पर बने रहते हैं, जिस पर डील से पहले थे. यही आकाश-बायजू’स की डील में भी हुआ है.Untitled Design (5)

हालांकि बायजू’स को अभी 5-6 साल ही हुए हैं लेकिन ये काफ़ी बड़े-बड़े अधिग्रहण कर चुका है. जैसे ‘वाइट हेड जूनियर’ का अधिग्रहण. लेकिन फिर भी ‘आकाश इंस्टीट्यूट’ का अधिग्रहण बायजू’स द्वारा किए गए सभी अधिग्रहणों में सबसे बड़ा है. साथ ही ये भारतीय एड-टेक कंपनियों की डील्स में भी सबसे बड़ी डील मानी जा रही है. ये डील क़रीब एक अरब डॉलर या क़रीब 73 अरब रुपए की है. # इस डील के बाद क्या बदल जाएगा- कई बार ऐसा होता है कि किसी कंपनी का अधिग्रहण होने के बाद उसका नाम भी बदल जाता है. लेकिन ऐसा इस डील में नहीं होगा ‘आकाश’ का नाम अब भी आकाश रहेगा.
और, ऐसा नहीं है कि डील हो चुकने के बाद बायजू’स के ख़र्चों की इति हो गई. इसके बाद भी बायजू’स ‘आकाश इंस्टीट्यूट’ में इंवेस्ट करेगी और इसके क्लासरूम सेंटर्स के नेटवर्क का विस्तार करेगी. बायजू’स के पास वैसे भी पैसों की कमी नहीं है. उसके पास कितने पैसे हैं और उसने ये पैसे कैसे जुटाए हैं, इसके बारे में हमने विस्तारपूर्वक एक स्टोरी की है.
पढ़ें: जिस BYJU's ने आकाश इंस्टीट्यूट भी खरीदा, क्या है उसकी कहानी

एक चीज़ ज़रूर बदलेगी और वो होगा दोनों कंपनियों का इकोसिस्टम. बायजू’स थोड़ी और ऑफ़लाइन हो जाएगी. आकाश थोड़ी और ऑनलाइन हो जाएगी. # क्यूं हुई ये डील- बिग बाज़र को ख़रीदने वालों में से एक दावेदारी अमेज़न की भी थी. लेकिन अमेज़न, बिग बाज़र को ख़रीदना क्यूं चाहता था? इसलिए ताकि वो भारत की ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों ही मार्केट में अपना आधिपत्य जमा सके. इसे कहते हैं मार्केट एक्सपेंशन. मतलब अपने मार्केट को बढ़ाना. तो यही बायजू’स ने भी किया. उसने आकाश इंस्टीट्यूट को ख़रीदकर एजुकेशन के ऑफ़लाइन मार्केट को भी अपनी पहुंच बढ़ाने का प्रयास किया है. # आकाश एजुकेशन सर्विसेज़ लिमिटेड- 1 अगस्त, 1949 को हरियाणा में जन्मे जे सी चौधरी ने बिरला इन्स्टिटूट (BITS पिलानी) से मास्टर्स इन बॉटनी (वनस्पति विज्ञान) की डिग्री हासिल की. फिर पहले हरियाणा में और बाद में दिल्ली में टीचर रहे. फिर दिल्ली सरकार के स्कूल में प्रिंसिपल के रूप में सेलेक्ट हुए. कुछ सालों बाद दिल्ली के जनकपुरी इलाक़े में एक कोचिंग इंस्टीट्यूट खोला. मेडिकल के एंट्रेस इग्ज़ेम्स की तैयारी करवाने के लिए. इस इंस्टीट्यूट का नाम रखा: आकाश इंस्टीट्यूट.
Untitled Aks
(आकाश इंस्टीट्यूट )

जिस तरह बायजू’स का नाम इसके संस्थापक ‘रविंद्रन बायजू’ के नाम पर है, वैसे ही ‘आकाश इंस्टीट्यूट’ का नाम जे सी चौधरी ने अपने बेटे, ‘आकाश चौधरी’ के नाम पर रखा था. चूंकि 1988 में स्थापित हुए इस संस्थान को अब 33 साल हो चुके हैं तो आकाश बड़े हो गए हैं और वो ही इसका पूरा कामकाज देखने लगे हैं.
आकाश इंस्टीट्यूट सिर्फ़ 12 छात्रों से शुरू हुआ था. और आज पूरे भारत में इसका 190 के क़रीब क्लासरूम सेंटर्स का एक देशव्यापी नेटवर्क स्थापित हो चुका है. आकाश का वार्षिक कारोबार 1,200 करोड़ रुपए से अधिक का है. और वैल्यूएशन एक अरब डॉलर से अधिक का.
वैसे हमें ‘आकाश एजुकेशन सर्विसेज़ लिमिटेड’ और ‘आकाश इंस्टीट्यूट’ के बीच का अंतर भी जान लेना चाहिए.
आकाश की तीन अलग-अलग इकाइयां हैं: ‘आकाश इंस्टीट्यूट’, ‘आकाश आईआईटी-जेईई’ और ‘आकाश फाउंडेशन’. ये तीनों इकाइयां ‘आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड’ (AESL) के तत्वावधान में चलती हैं.
और रही बात बायजू’स की तो उसके बारे में हमने लंबा चौड़ा एक्सप्लेनर किया है. जिसे आप यहाँ पर जाकर
पढ़ सकते हैं.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement