क्रिकेट. मुख्यतः दो तरह का होता है, मेंस क्रिकेट और विमिंस क्रिकेट. फॉर्मेट भले तीन हों, लेकिन क्रिकेट सिर्फ इन्हीं दो तरह का होता है. पहले वाले के फैंस पूरी दुनिया में हैं. दूसरी कैटेगरी को पसंद करने वाले बेहद कम हैं. जो हैं, उनमें से विशुद्ध क्रिकेट के लिए इसे पसंद करने वाले और भी कम हैं. इसके पीछे कई कारण गिनाए जाते हैं. लेकिन सबसे अहम कारण बताया जाता है कि विमिंस क्रिकेट बोरिंग होता है, मेंस क्रिकेट की तरह फास्ट नहीं होता.
अफसोस की बात है कि ऐसा कहने वाले लोग तमाम फैक्ट भुला देते हैं. ऐसे तमाम लोगों को याद रखनी चाहिए 5 मई, 2010 की तारीख. विमिंस T20 वर्ल्ड कप का दूसरा एडिशन खेला जा रहा था. कैरेबियन में हो रहे इस वर्ल्ड कप का पहला ही मैच था. साउथ अफ्रीका ने टॉस जीता और विंडीज़ को पहले बैटिंग के लिए बुलाया.
# डीन्ड्रा ने धो डाला
साउथ अफ्रीका का फैसला सही भी साबित हुआ. विंडीज़ ने 12 के स्कोर पर स्टेफनी टेलर और कॉर्डेल जैक के विकेट गंवा दिए. 10वें ओवर में 52 के टोटल पर जूलियाना नेरो और ब्रिटनी कूपर भी वापस जा चुकी थीं. क्रीज पर थीं सिर्फ तीन बॉल खेलीं शैनल डैली और उनका साथ देने आईं 18 साल की डीन्ड्रा डॉटिन. डॉटिन ने पहली 10 बॉल्स पर 16 रन बनाए. 13वां ओवर खत्म होने तक उनके नाम 14 बॉल में 25 रन थे. सबकुछ साउथ अफ्रीका के प्लान के हिसाब से चल रहा था.
14वां ओवर लेकर कोले ट्रिऑन आईं और डॉटिन ने इसमें दो छक्कों के साथ 15 रन बटोर लिए. इसमें डैली का बस एक रन था. 15वें और 16वें ओवर में कुल 18 रन आए. डॉटिन के नाम अब 26 बॉल में 54 रन थे. टीम का टोटल 114 रन था, चार विकेट के नुकसान पर और सिर्फ चार ओवर का खेल बाकी था. 17वां ओवर लेकर आईं चार्लीज़ वान डर वेस्थुज़ेन. उन्होंने अपने पहले तीन ओवर्स में सिर्फ 17 रन दिए थे. इस ओवर में 27 दे डाले. डॉटिन ने चार छक्के मारे. एक डबल लिया और आखिरी बॉल पर सिंगल लेकर स्ट्राइक भी रख ली.
18वां ओवर था एंजेलीक़ ताई के हाथ में. उन्होंने अपने पहले तीन ओवर में सिर्फ पांच रन दिए थे. कैप्टन को लगा था कि वह तेजी से चढ़ रही विंडीज़ को थाम लेंगी. उनकी पहली दो बॉल पर सिर्फ दो सिंगल्स आए. पहली बॉल पर सिंगल लेने वाली डॉटिन तीसरी बॉल खेलने के लिए फिर स्ट्राइक पर थीं. उन्होंने ओवर की तीसरी, चौथी और पांचवीं बॉल पर चौका, छक्का और फिर छक्का जड़ दिया. लास्ट बॉल पर फिर सिंगल आया. 25 बॉल्स में हाफ सेंचुरी पूरी करने वाली डॉटिन अब 37 बॉल में 99 रन बना चुकी थीं. अगले ओवर की पहली दो बॉल पर छह रन आए. डॉटिन की सेंचुरी पूरी हो चुकी थी. सिर्फ 38 बॉल पर.
#OnThisDay in 2010, West Indies’ Deandra Dottin hit the first Women’s T20I century, off just 38 balls against South Africa at #WT20! pic.twitter.com/T1rjLxklM2
— ICC (@ICC) May 5, 2017
यह विमिंस T20 इंटरनेशनल क्रिकेट की पहली सेंचुरी थी. इसके साथ ही डॉटिन ने क्रिकेट की दोनों कैटेगरी का सबसे तेज शतक मार दिया. उन्होंने क्रिस गेल और ब्रेंडन मैकलम से पूरी 12 बॉल कम खेली थीं. इतना ही नहीं गेल और मैकलम से बहुत पीछे, डॉटिन ने छठे नंबर पर बैटिंग करते हुए सेंचुरी मारी. 10वें ओवर में बैटिंग करने आईं डॉटिन ने शैलन डैली के साथ 60 बॉल में 118 रन की पार्टनरशिप की. इसमें डैली के सिर्फ 10 रन थे. अपनी पारी में सात चौके और नौ छक्के लगाने वाली डॉटिन हमेशा से क्रिकेटर नहीं बनना चाहती थीं.
# कौन हैं डीन्ड्रा ?
पूरा नाम डीन्ड्रा जलिसा शकीरा डॉटिन. डॉटिन ने जूनियर लेवल पर गोला फेंक, चक्का फेंक और भाला फेंक जैसे इवेंट में तमाम मेडल जीते थे. एथलेटिक्स से आने वाली डॉटिन के कंधे देखकर ही समझ आ जाता है कि जब इसका बल्ला घूमे, तो नजदीक वाले फील्डर्स का पूरा ध्यान खुद को बचाने पर होना चाहिए. डॉटिन भी इसकी तस्दीक करती हैं. विव रिचर्ड्स की इस फैन ने क्रिक इंफो के साथ एक इंटरव्यू में कहा था,
‘बैट के करीब फील्डर्स रखने की टीमों की हिम्मत भी कैसे होती है. उन्हें मेरे साथ यह नहीं करना चाहिए. विपक्षी कप्तान मुझसे डरते हैं, क्योंकि उन्हें पता कि मैं चुटकियों में गेम उनसे दूर ले जा सकती हूं.’
इस वर्ल्ड कप के बाद वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट बोर्ड ने छह महिला क्रिकेटर्स को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दिया. यह विंडीज़ के इतिहास में पहली बार था, जब महिला क्रिकेटर्स को भी कॉन्ट्रैक्ट मिले. इन छह प्लेयर्स में स्टेफनी टेलर, डीन्ड्रा डॉटिन, मेरिसा एगुलीरा, अनीसा मोहम्मद, स्टेसी एन किंग और शैनेल डैली. यह इन महिलाओं की बड़ी जीत थी. बोर्ड ने भी इसे महिला क्रिकेट की बेहतरी की ओर उठा बड़ा कदम बताया था.
सिर्फ 19 साल की उम्र में क्रिकेट पर छा जाने वाली डीन्ड्रा हमेशा से एथलेटिक्स में जाना चाहती थीं. उन्होंने कई इंटरव्यू में इस बात को स्वीकार किया है कि अगर वह क्रिकेटर न होतीं, तो एथलीट होतीं. डीन्ड्रा का शरीर टैटूज से भरा है. ऐसे ही एक टैटू पर लिखा है, ‘Only God Can Judge Me’ ये लाइन मरहूम अमेरिकी रैपर तुपाक शकूर के फेमस रैप से है.
12. Only God Can Judge Me
Tupac at his introspective best. Shakur is paranoid yet proud here, detailing his thoughts behind his controversial actions. pic.twitter.com/bH0kWpBe1c
— All Love Hip Hop (@AllLoveHipHop) January 15, 2020
शकूर अपने गानों और स्वैग के लिए जाने जाते थे. सिर्फ 25 साल की उम्र में उनकी हत्या कर दी गई थी. डॉटिन को चलते हुए देखेंगे, तो आपको हर कदम में स्वैग दिखेगा. इसमें बड़ा हाथ उनके चौड़े कंधों का भी है. उनकी बैटिंग के साथ चलने का तरीका भी काफी हद तक उनके आइडल सर विवियन रिचर्ड्स जैसा है. लेकिन उनकी आवाज बेहद धीमी और मुलायम है. सिर्फ आवाज सुनाने के बाद अगर किसी को डीन्ड्रा की बैटिंग दिखाई जाए तो उसके लिए भरोसा करना मुश्किल होगा.
सिर्फ 12 साल की उम्र में डीन्ड्रा के पिता की मौत हो गई थी. हालांकि डीन्ड्रा को इससे खास फर्क नहीं पड़ा. क्रिकेट मंथली की एक स्टोरी में उन्होंने इस बारे में कहा था,
‘वैसे भी मैं उन्हें कभी जानती ही नहीं थी.’
एक दौर में डॉटिन के ट्विटर हैंडल का नाम था- वर्ल्ड बॉस. अक्सर बाइबल के क़ोट ट्वीट करने वाली डॉटिन की बातें और उनका ट्विटर हैंडल आपस में मेल नहीं खाते. इस मामले में क्रिस गेल से प्रेरित डॉटिन ने क्रिकेट मंथली से कहा था,
‘वह अब यूनिवर्स बॉस पर मूव कर गए हैं.’
डॉटिन को क्रिकेट कभी पसंद नहीं था. डॉटिन बताती हैं.
‘मैं कभी भी क्रिकेट फैन नहीं थी. मैं अपने भाइयों और पड़ोसी लड़कों के साथ क्रिकेट सिर्फ मज़े के लिए खेलती थी.’
शुरुआत में स्प्रिंटर रहीं डीन्ड्रा ने अपना पहला मेडल 13 साल की उम्र में जीता. कैरेबियन फ्री ट्रेड असोसिएशन गेम्स (CARIFTA) के एज ग्रुप इवेंट में डीन्ड्रा ने भाला फेंक का सिल्वर मेडल जीता. अगले दो सालों में उन्होंने सात गोल्ड और एक सिल्वर मेडल और जीते. यह सारे मेडल्स, भाला फेंक, गोला फेंक और चक्का फेंक में आए.
Triple joy for Deandra Dottin as she sweeps the Annual CWI/WIPA Awards. Hearty congratulations, @Dottin_5! pic.twitter.com/hOSnv7g34D
— Women’s CricZone (@WomensCricZone) August 20, 2019
डीन्ड्रा को क्रिकेट में लाने का श्रेय वेस्टइंडीज़ की पूर्व क्रिकेटर पामेला लैविन को जाता है. उन्होंने पहली बार डीन्ड्रा को मज़े के लिए क्रिकेट खेलते हुए देखा. बारबडोस आकर क्रिकेट खेलने का न्योता दिया. लेकिन डीन्ड्रा की मां इसके लिए तैयार नहीं थीं. काफी कोशिश के बाद वह मानीं और डीन्ड्रा ने 14 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया. अपने 17वें बर्थडे के कुछ ही दिन बाद डीन्ड्रा ने वेस्टइंडीज़ डेब्यू कर लिया. बाद में क्रिकेट पर ध्यान देने के लिए उन्हें एथलेटिक्स छोड़नी पड़ी.
28 साल की हो चुकी डीन्ड्रा आज दुनिया की बेस्ट ऑलराउंडर्स में से एक हैं. वेस्टइंडीज़ के साथ कई सफलताएं अर्जित करने वाली डीन्ड्रा दुनियाभर की T20 लीग में भी एक जाना-माना नाम हैं. उन्होंने विंडीज़ के साथ 2016 में T20 वर्ल्ड कप भी जीता. डॉटिन की 38 बॉल पर लगाई गई सेंचुरी 2017 तक वर्ल्ड रिकॉर्ड रही. T20 इंटरनेशनल की सबसे तेज सेंचुरी का यह रिकॉर्ड 2017 में साउथ अफ्रीका के डेविड मिलर ने तोड़ा. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 35 बॉल में सेंचुरी मार यह कारनामा किया. उसी साल रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ इसकी बराबरी की.
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