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राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट गए शख्स ने कहा- 'वो PM बने तो तबाही', कोर्ट बोला- 'आपको पता है वो PM बनेंगे?'

ये याचिका अभिनव भारत कांग्रेस नामक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष पंकज कुमुदचंद्र फडनीस ने दायर की थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि राहुल ने सावरकर के खिलाफ ‘अपरिपक्व और गैर-जिम्मेदार’ बयान दिए. इससे काफी भ्रम पैदा हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार फडनीस सावरकर पर रिसर्च कर रहे हैं.

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You know he will become PM? Court berates petitioner over Rahul Gandhi plea
बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का कानूनी उपाय है. (फोटो- PTI)
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प्रशांत सिंह
16 जुलाई 2025 (Updated: 16 जुलाई 2025, 06:53 PM IST) कॉमेंट्स
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बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court ) ने 15 जुलाई 2025 को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया. याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट राहुल गांधी को सावरकर पर लिखी किताबों को पढ़ने का निर्देश दे, ताकि उनकी ‘अज्ञानता’ दूर हो.

इंडिया टुडे से जुड़ीं विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक ये याचिका अभिनव भारत कांग्रेस नामक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष पंकज कुमुदचंद्र फडनीस ने दायर की थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि राहुल ने सावरकर के खिलाफ ‘अपरिपक्व और गैर-जिम्मेदार’ बयान दिए. इससे काफी भ्रम पैदा हो रहा है. रिपोर्ट के अनुसार फडनीस सावरकर पर रिसर्च कर रहे हैं.

हाई कोर्ट के जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस संदीप मार्ने की बेंच ने याचिका पर पूछा,

"आपकी याचिका में राहुल को व्यक्तिगत रूप से याचिका का अध्ययन करने और उसे पढ़ने का निर्देश देने की बात कही गई है. कोर्ट उन्हें आपकी याचिका पढ़ने के लिए कैसे मजबूर कर सकता है?"

इस पर याचिकाकर्ता ने जवाब में कहा,

"वो विपक्ष के नेता हैं और वो भ्रम पैदा कर रहे हैं. अगर वो प्रधानमंत्री बन गए तो वो तबाही मचा देंगे."

अदालत ने पंकज कुमुदचंद्र के इस बयान पर जवाब देते हुए कहा,

"हमें नहीं पता. क्या आपको पता है कि वो प्रधानमंत्री बनेंगे?"

हालांकि, बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का कानूनी विकल्प है. अदालत ने ये भी बताया कि वीर सावरकर के पोते ने पहले ही पुणे की एक मजिस्ट्रेट अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया हुआ है.

रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट जा चुका है. शीर्ष अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट में फडनीस ने सावरकर का नाम Emblems and Names (Prevention of Improper Use) Act, 1950 की अनुसूची में शामिल करने की मांग की थी. ये कानून प्रोफेशनल और कमर्शियल उद्देश्य के लिए नामों के अनुचित प्रयोग को रोकने के लिए बनाया गया था.

बता दें कि अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने सावरकर के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए कांग्रेस सांसद को कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि वो स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ ऐसी टिप्पणियों की अनुमति नहीं देगा. 2022 में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कथित तौर पर सावरकर को एक ‘ब्रिटिश नौकर’ बताया था. ये भी कहा था कि उन्हें ब्रिटिश सरकार से पेंशन मिलती थी.

वीडियो: बॉम्बे हाईकोर्ट ने हिंदुस्तानी भाऊ को फटकार लगाते हुए कौन सा चैनल देखने की सलाह दी?

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