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आरजी कर केस की बरसी पर बंगाल में बवाल, पीड़िता की मां का आरोप- 'पुलिस ने पीटा, चूड़ियां तोड़ीं'

9 अगस्त को पीड़िता ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता और BJP नेता पश्चिम बंगाल के सचिवालय तक मार्च कर रहे थे. यह विरोध-प्रदर्शन बीते साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या की बरसी पर किया गया.

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रेप और हत्या की शिकार हुई डॉक्टर के माता-पिता और प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला. (तस्वीर-इंडिया टुडे)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
9 अगस्त 2025 (Updated: 9 अगस्त 2025, 09:44 PM IST)
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पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले साल रेप और हत्या की शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने कई प्रदर्शनकारियों के साथ बड़ा मार्च निकाला. यह मार्च पश्चिम बंगाल सचिवालय (नबन्ना) तक जाना था, लेकिन कोलकाता पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जोरदार झड़प हुई. पीड़िता की मां का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की, जिससे उनके हाथ की चूड़ियां टूट गईं.

शनिवार, 9 अगस्त को यह विरोध प्रदर्शन पिछले साल 9 अगस्त, 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या की बरसी पर आयोजित किया गया था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी समेत कई भाजपा नेता शामिल थे.

इस दौरान पीड़िता की मां ने कहा,

 "ममता बनर्जी की पुलिस ने बिना उकसावे के मेरे साथ मारपीट की. मेरी चूड़ियां तोड़ दीं. वे हमें क्यों रोक रहे हैं? हम बस सचिवालय पहुंचना चाहते हैं, अपनी बेटी के लिए न्याय मांगना चाहते हैं."

प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़कर सचिवालय की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. शुभेंदु ने दावा किया कि भाजपा विधायकों पर लाठीचार्ज किया गया और पुलिस कार्रवाई में पीड़िता के माता-पिता घायल हो गए.

हालात तब बिगड़े जब विरोध मार्च निर्धारित जगह से हटकर कोलकाता के व्यस्त इलाके पार्क स्ट्रीट की ओर बढ़ने लगा. आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय जाने के लिए पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की.

सुरक्षा को देखते हुए अधिकारियों ने सचिवालय के आसपास BNS की धारा 163 लागू कर दी. पुलिस के रोकने के बाद बाद शुभेंदु अधिकारी ने बीजेपी नेता अग्निमित्रा पॉल और अन्य भाजपा विधायकों के साथ पार्क स्ट्रीट जेएल नेहरू रोड क्रॉसिंग पर धरना देना शुरू कर दिया.

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पुलिस कार्रवाई में उनके साथ-साथ अन्य भाजपा नेताओं समेत 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. शुभेंदु ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि ममता को जाना चाहिए. वहीं भाजपा नेता और पूर्व क्रिकेटर अशोक डिंडा ने कहा,

"वो दिन दूर नहीं जब हमें पुलिस को भी पीटना पड़ेगा. उनकी जमकर पिटाई होगी. एक बार भाजपा ऊपर से निर्देश दे दे, तो हम पुलिस को इतना मारेंगे कि उन्हें ममता बनर्जी के पीछे छिपना पड़ेगा."

तस्वीरों में भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल और अन्य प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़े दिखाई दिए. जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोलकाता पुलिस ने पानी की बौछार की, भारी बैरिकेड लगाए और प्रमुख सड़कों पर बड़े कंटेनर खड़े कर दिए.

यह विरोध प्रदर्शन कोलकाता और हावड़ा, दोनों जिलों में हुआ. इस दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए लोहे के बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की गई. प्रदर्शनकारी तिरंगा और सीएम ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करने वाले बैनर भी लिए दिखे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सचिवालय के पास तीन-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया था.

बता दें कि 9 अगस्त 2024 को 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था. इस घटना का राज्य में भारी विरोध हुआ. इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने केस की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. जनवरी 2025 में CBI कोर्ट ने इस मामले में सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को दोषी ठहराया था.

वीडियो: आरजी कर रेप-मर्डर केस: ममता सरकार ने दोषी को मौत की सजा देने के लिए याचिका दायर की, ट्रेनी डॉक्टर के पिता क्या बोल गए?

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