अजित पवार के सामने डटने वाली IPS को डराने की कोशिश? NCP नेता ने डॉक्यूमेंट चेक करने की मांग की
अजित पवार की पार्टी के MLC अमोल मिटकरी ने UPSC सचिव को लेटर लिखकर IPS अंजना कृष्णा की शैक्षिक योग्यता, जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों के वेरिफिकेशन की मांग की.

बीते दिनों, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से फोन पर बात करतीं, IPS अफसर अंजना कृष्णा का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. अब संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को लेटर लिखकर इन्हीं अंजना कृष्णा के डॉक्यूमेंट्स की जांच की मांग की गई है. ये मांग, अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधान परिषद सदस्य अमोल मिटकरी ने की है. इसे लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं.
अमोल मिटकरी ने 5 सितंबर को UPSC सचिव को ये लेटर लिखा और अंजना कृष्णा की शैक्षिक योग्यता, जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों के वेरिफिकेशन की मांग की. उन्होंने अनुरोध किया कि फाइंडिंग्स को संबंधित सरकारी विभागों के साथ शेयर किया जाए. मिटकरी ने कहा कि ऑफिशियल रिकॉर्ड्स की प्रॉपर स्क्रूटनी के लिए ये जरूरी है.

ये अनुरोध एक वायरल वीडियो के बाद किया गया. जिसमें अजित पवार अंजना कृष्णा से फोन पर बात करते सुने जा सकते हैं. बातचीत के दौरान, अजित पवार ने कथित तौर पर IPS अधिकारी से सोलापुर के कुर्दु गांव में अवैध मिट्टी उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई रोकने को कहा. इस मांग को लेकर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने सवाल उठाए. उन्होंने X पर लिखा,
जो वीडियो वायरल हुआ, वो सिर्फ एक वीडियो नहीं है. ये राजनीतिक दमन का मूर्त रूप है. अजित ने सीधे एक ईमानदार महिला IPS अधिकारी को दायित्व निभाने से रोका. अमोल मिटकरी ने बिना किसी जांच रिपोर्ट के धोखाधड़ी का आरोप लगा दिया. इससे सत्ता का दबदबा साफ नजर आता है. महिला कांग्रेस एक ईमानदार-निडर महिला IPS अधिकारी के समर्थन में खड़ी है.
अलका लांबा ने सवाल उठाए कि IPS एसोसिएशन कब चुप्पी तोड़ेगा?
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दरअसल 4 सितंबर को DSP अंजना कृष्णा सड़क निर्माण में अवैध उत्खनन की शिकायत मिलने पर सोलापुर पहुंची थीं. मौके पर गांव वालों और अधिकारी के बीच बहस छिड़ गई. इसी दौरान NCP के कार्यकर्ता बाबा जगताप ने IPS अधिकारी की शिकायत करने के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार को फोन लगा दिया और फोन DSP अंजना कृष्णा को थमा दिया.
घटनाक्रम से जुड़ा वीडियो भी सामने आया जिसमें अंजना डिप्टी सीएम अजित पवार से फोन पर बात कर रही थीं. डिप्टी सीएम को कथित तौर पर कहते हुए सुना गया- “इतना आपको डेयरिंग हुआ है क्या.” बाद में, अजित पवार की मामले में सफाई आई. उनका कहना था कि वो कानून व्यवस्था में दखल नहीं दे रहे थे, बल्कि हालात को संभाल रहे थे.
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