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मुजफ्फरनगर के SDM जयेंद्र सिंह सस्पेंड, भूमाफिया से करोड़ों की रिश्वत लेने का आरोप

मार्च 2024 में SDM जयेंद्र सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू की. 19 जुलाई 2025 को उन्होंने एक विवादास्पद आदेश जारी किया, जिसमें 600 बीघा सोसायटी की जमीन और 150 बीघा सरकारी जमीन को हरबंस से जुड़े एक किसान के नाम कर दिया गया.

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Muzaffarnagar SDM suspended in land corruption case
29 जुलाई को गुलशन ने अपने बेटे ईशान के साथ DM उमेश मिश्रा से मिलकर पूरे मामले की शिकायत की. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
12 सितंबर 2025 (Published: 05:38 PM IST)
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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक बड़ा सरकारी जमीन घोटाला सामने आया है. यहां लगभग 750 बीघा सरकारी जमीन को गलत तरीके से भूमाफिया के नाम दर्ज करने के आरोप में SDM जयेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है (Muzaffarnagar SDM suspended in land corruption case). SDM पर 3 करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर सरकारी जमीन को भूमाफिया के नाम करने का आरोप है.

हाईवे के सामने है जमीन

जमीन घोटाले से जुड़ा ये मामला मुजफ्फरनगर की जानसठ तहसील के इसहाकवाला गांव का है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक 1962 में बनी डेरावाल कोऑपरेटिव फार्मिंग सोसायटी के पास कुल 743 हेक्टेयर जमीन थी. इस जमीन को लेकर सोसायटी के सदस्य जीवन दास के बेटे गुलशन और हरबंस के पोते के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. 2018 में तहसील प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया था कि हरबंस का इस जमीन से कोई लेना-देना नहीं है. कोर्ट ने भी इस जमीन को सरकारी घोषित करते हुए मुआवजे की मांग को खारिज कर दिया था. ये जमीन हाईवे के ठीक सामने है, इस वजह से ये बेहद मूल्यवान है.

SDM ने जारी किया आदेश

रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2024 में SDM जयेंद्र सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू की. 19 जुलाई 2025 को उन्होंने एक विवादास्पद आदेश जारी किया, जिसमें 600 बीघा सोसायटी की जमीन और 150 बीघा सरकारी जमीन को हरबंस से जुड़े एक किसान के नाम कर दिया गया. ये आदेश हाई कोर्ट के फैसले के बावजूद जारी किया गया. जिस वजह से इस पर सवाल उठे. सूत्रों के अनुसार, SDM ने रातोंरात कागजात बदलवाए, जिससे भूमाफिया को फायदा पहुंचा.

मामले की शिकायत मिलते ही कार्रवाई शुरू हुई. 29 जुलाई को गुलशन ने अपने बेटे ईशान के साथ DM उमेश मिश्रा से मिलकर पूरे मामले की शिकायत की. भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सैनी ने भी SDM पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद DM ने फौरन SDM की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई. टीम ने मामले की जांच की और तथ्यों की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट सौंपी. जांच में SDM की लापरवाही और दोष साबित हुआ.

बता दें कि पहले भी SDM जयेंद्र सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. इससे पहले पूर्व विधायक विक्रम सैनी के करीबी लोगों से SDM पर 10 लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगा ता. जिसका खुलासा होने के बाद SDM ने ये पैसे वापस कर दिए थे.

वीडियो: बुलडोजर एक्शन पर बीजेपी विधायक प्रकाश द्विवेदी ने SDM को फटकार लगा दी

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