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मिस इंडिया से भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट तक, मिसाल है कशिश मेथवानी की कहानी

Kashish Methwani ने 2023 में मिस इंटरनेशनल इंडिया का खिताब जीता. 2024 में उनको CDS की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 2 प्राप्त हुआ.

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kashish Methwani
कशिश मेथवानी. (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)
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रवि सुमन
12 सितंबर 2025 (Updated: 12 सितंबर 2025, 10:44 AM IST)
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पुणे की कशिश मेथवानी (Kashish Methwani) को भारतीय सेना में एक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है. 6 सितंबर को उनकी पासिंग आउट परेड हुई थी. इसके बाद से ही उनकी खूब चर्चा हो रही है. कारण कि उन्होंने अपनी मेधा का लोहा मनवाया है, सिर्फ एक क्षेत्र में ही नहींंंंंंंं बल्कि कई फील्ड में. क्लासिकल डांस, म्यूजिक और मॉडलिंग… कशिश जहां भी रहीं, छाई रहीं. अब उनके कंधों पर देश सेवा की जिम्मेदारी भी है.

2023 में उन्होंने मिस इंटरनेशनल इंडिया का खिताब जीता. कशिश मेथवानी ने सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी से एमएससी और बेंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस से न्यूरोसाइंस में एमएससी थीसिस की उपाधि प्राप्त की है. 

कशिश अब आर्मी एयर डिफेंस (AAD) में लेफ्टिनेंट हैं. उन्होंने खुद ही इस विंग का चुनाव किया. ये एक लड़ाकू विंग है, जहां काम करने के लिए अत्यधिक दबाव में भी बहुत ज्यादा सटीकता, तकनीकी कौशल और साहस की जरूरत पड़ती है. 2024 में उनको कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (CDS) की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 2 प्राप्त हुआ. इसके बाद वो चेन्नई के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में पहुंचीं. 

‘मुझे सबकुछ करना है’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कशिश की मां शोभा मेथवानी उनके बारे में कहती हैं,

उसे बचपन से ही स्कूल के हर कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेना पसंद था. वो कहती थी कि उसे सबकुछ करना है. आमतौर पर माता-पिता अपने बच्चों को समझाते हैं कि उन्हें प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहिए और परिणाम पर बहुत ज्यादा ध्यान देना नहींंंं देना चाहिए. लेकिन कशिश हमें ही बताती थी कि वो परिणाम की चिंता किए बगैर इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेगी.

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24 साल की कशिश की उपलब्धियां इतनी भर नहींंंंं हैं. वो नेशनल लेवल की पिस्टल शूटर और बास्केटबॉल प्लेयर हैं. इसके साथ ही वो तबला वादन और भरतनाट्यम डांस में भी निपुण हैं. उन्होंने ‘क्रिटिकल कॉज’ नाम से एक NGO की भी स्थापना की है, जो प्लाज्मा दान और अंग दान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम करता है. कशिश को अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए भी चुना गया था, लेकिन इसके बजाय उन्होंने भारतीय सेना को चुना. एक सैनिक के रूप में अब वो फैशन और मॉडलिंग की ग्लैमरस दुनिया से दूर हो गई हैं.

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