मंदिर समारोह में कांस्टेबल ने मंत्री के भाई को 'नो एंट्री' में जाने से रोका तो थप्पड़ मार दिया
कांस्टेबल जसवंत कुमार मंदिर परिसर में भीड़ प्रबंधन के लिए तैनात थे. उन्होंने भूपाल रेड्डी को प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका, जिसके बाद दोनों के बीच बहस हो गई.

आंध्र प्रदेश में एक मंदिर के उद्घाटन समारोह के दौरान तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के मंत्री के चचेरे भाई ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस कांस्टेबल को थप्पड़ जड़ दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मंत्री के चचेरे भाई को गिरफ्तार कर लिया है.
ये घटना आंध्र प्रदेश के नंदयाल जिले के लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के उद्घाटन समारोह के दौरान हुई. TDP के सड़क और भवन मंत्री बीसी जनार्दन रेड्डी के चचेरे भाई बोब्बाला मदन भूपाल रेड्डी भी समारोह में पहुंचे थे. लेकिन उनकी ड्यूटी पर तैनात पुलिस कांस्टेबल जसवंत कुमार से किसी बात पर बहस हो गई. इस पर मदन ने कांस्टेबल को थप्पड़ मार दिया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना 31 जुलाई को कोलिमिगुंडला मंडल में हुई. जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार कांस्टेबल जसवंत कुमार मंदिर परिसर में भीड़ प्रबंधन के लिए तैनात थे. उन्होंने भूपाल रेड्डी को प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका, जिसके बाद दोनों के बीच गरमागरम बहस हुई. वीडियो में भूपाल रेड्डी को कांस्टेबल को धक्का देते और थप्पड़ मारते देखा गया. इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई.
नंदयाल पुलिस ने भूपाल रेड्डी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. 1 अगस्त को पुलिस ने भूपाल रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया.
घटना की निंदाकार्यक्रम में मौजूद टीडीपी मंत्री बीसी जनार्दन रेड्डी ने घटना की निंदा की. उन्होंने एक बयान में कहा,
"मैं कांस्टेबल पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. जैसे ही मुझे इस घटना की जानकारी मिली, मैंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को FIR दर्ज करने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए. सार्वजनिक जीवन में इस तरह के व्यवहार के लिए कोई जगह नहीं है. सार्वजनिक जीवन में रहने वालों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए."
YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने भी इस घटना की आलोचना की. पार्टी ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि ये सत्ताधारी गठबंधन सरकार में पुलिस पर राजनीतिक दबाव और कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है. X पर एक पोस्ट में पार्टी ने कहा,
"ये शर्मनाक काम सत्ता के करीबियों के रसूख को दर्शाता है. जहां अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जाता. इस घटना पर सरकार की चुप्पी आंध्र प्रदेश में कानून के शासन को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती है."
पार्टी ने कहा कि हमला सार्वजनिक रूप से हुआ, फिर भी तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिससे ये पता चलता है कि मौजूदा गठबंधन सरकार में पुलिस बल किस तरह राजनीतिक दबाव का एक हथियार बनकर रह गया है.
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