भारत के इन हिस्सों में रहने वालों को कैंसर होने का खतरा ज्यादा, वजह डॉक्टर ने बताई
जामा नेटवर्क ओपन में एक स्टडी छपी है. इसके मुताबिक, जो पुरुष मिज़ोरम में रहते हैं, उन्हें कैंसर होने का जोखिम 21% से ज़्यादा है. वहीं महिलाओं में ये रिस्क करीब 19% है.
.webp?width=210)
एशिया में कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले चीन में रिपोर्ट होते हैं. उसके बाद भारत में. यानी कैंसर के मामले हमारा देश एशिया में दूसरे नंबर पर है और दुनिया में तीसरे नंबर पर. World Health Organization की एजेंसी है International Agency For Research On Cancer. इसके GLOBOCAN 2022 डेटाबेस के मुताबिक, साल 2022 में भारत में कैंसर के 14 लाख 13 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए थे. वहीं, कैंसर से 9 लाख 16 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान गई थी.
कैंसर के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए एक स्टडी की गई है जो बीती 20 अगस्त को जामा नेटवर्क ओपन में छपी. National Cancer Registry Programme Investigator Group ने ये शोध किया है. इसमें अलग-अलग संस्थानों और अस्पतालों के साइंटिस्ट्स शामिल हैं. जैसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR. टाटा मेमोरियल सेंटर. Dr. Bhim Rao Ambedkar Rotary Cancer Hospital और AIIMS.
इस स्टडी को करने के लिए साइंटिस्ट्स ने 7 लाख से ज़्यादा कैंसर केसों और 2 लाख से ज़्यादा मौतों को अध्ययन किया. ये पूरा डेटा 2015 से 2019 के बीच लिया गया है. देश की 43 कैंसर रजिस्ट्रीज़ से. ये एक तरह का डेटाबेस है, जो कैंसर के मरीज़ों की जानकारी इकट्ठा करता है और उसे मैनेज करता है. इस जानकारी को मई 2024 से दिसंबर 2024 तक स्टडी किया गया.
पता चला है कि भारतीयों को अपनी ज़िंदगी में कैंसर होने का रिस्क 11 % है. हालांकि जो पुरुष मिज़ोरम में रहते हैं. यानी देश के नॉर्थ-ईस्ट हिस्से में. उन्हें जिंदगी में कैंसर का जोखिम 21% से ज़्यादा है. वहीं महिलाओं में ये रिस्क करीब 19% है.
मिज़ोरम की राजधानी आइजॉल में सबसे ज़्यादा कैंसर के मामले सामने आए. यहां हर 1 लाख पुरुषों में से 256 पुरुषों को कैंसर डायग्नोज़ हुआ. वहीं हर एक लाख महिलाओं में से 217 को कैंसर हुआ. अगर देश के दूसरे बड़े शहरों की बात करें, तो दिल्ली में पुरुषों को सबसे ज़्यादा कैंसर डायग्नोज़ हुआ है.

कौन-से कैंसर हमारे देश में सबसे आम हैं, ये भी इस स्टडी में पता चला.
ओरल यानी मुंह का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर- ये सभी पुरुषों में सबसे आम हैं. वहीं महिलाओं में सबसे कॉमन कैंसर हैं- ब्रेस्ट कैंसर, सर्विकल कैंसर और ओवेरियन कैंसर.
देश के नॉर्थ-ईस्ट हिस्से में दो कैंसर बहुत आम हैं. पहला- एसोफैगल कैंसर यानी खाने की नली में होने वाला कैंसर. दूसरा- पेट का कैंसर. शहरों में ब्रेस्ट कैंसर और ओरल कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं. वहीं, गांवों में सर्विकल कैंसर बहुत फैला हुआ है.
फेफड़ों का कैंसर सबसे ज़्यादा श्रीनगर में रहने वालों को पुरुषों को हुआ. हर 1 लाख पर 39.5 मामले. जबकि अहमदाबाद और भोपाल में ओरल कैंसर यानी मुंह के कैंसर के बहुत मामले सामने आए.
रिसर्चर्स का अनुमान है कि सिर्फ 2024 में, देश में कैंसर के साढ़े 15 लाख से ज़्यादा नए मामले सामने आए. वहीं कैंसर से साढ़े 8 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत भी हुई.
रिसर्च बताता है कि हमारे देश में कैंसर इसलिए और गंभीर बन जाता है, क्योंकि एक तो इसका पता देर से चलता है. दूसरा, मेडिकल हेल्प आसानी से नहीं मिल पातीं. इसलिए, कैंसर की रेगुलर जांच ज़रूरी है. साथ ही, ज़रूरी है कैंसर के बारे में जागरूकता. उससे बचाव और कैंसर के लक्षणों को जल्दी पकड़ पाना. कैंसर केयर फैसिलिटीज़ में सुधार की भी ज़रूरत है. खासकर उन इलाकों में, जहां कैंसर के मामले सबसे ज़्यादा सामने आते हैं.
इस रिसर्च से एक बड़ा सवाल खड़ा होता है. आखिर कैंसर के मामले कुछ खास इलाकों में इतने ज़्यादा क्यों है? क्या वजह है कि कोई एक तरह का कैंसर, देश के किसी खास हिस्से में रहने वालों को ज़्यादा होता है? इसका जवाब दिया दिल्ली के सी.के. बिड़ला हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर, डॉक्टर मंदीप सिंह मल्होत्रा ने.

डॉक्टर मंदीप कहते हैं, देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों की लाइफस्टाइल भी अलग-अलग होती है. जैसे अहमदाबाद, भोपाल में मुंह का कैंसर ज़्यादा है. वहीं श्रीनगर में फेफड़ों का कैंसर ज़्यादा है. ये दोनों ही तंबाकू की वजह से हो रहे हैं. लेकिन मध्य भारत में तंबाकू चबाया ज़्यादा जाता है. जैसे पान, गुटखा और खैनी वगैरह. इसलिए मुंह का कैंसर यहां ज़्यादा होता है. वहीं, श्रीनगर और उसके आसपास वाले इलाकों में स्मोकिंग का चलन ज़्यादा है. जैसे बीड़ी, सिगरेट या हुक्का पीना. इस वजह से वहां फेफड़े का कैंसर ज़्यादा होता है.
वहीं शहरों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज़्यादा हैं. इसकी एक बड़ी वजह शहरी महिलाओं का बदलता लाइफस्टाइल है. इसके अलावा, लगातार स्ट्रेस में रहना, शराब, स्मोकिंग और अनहेल्दी खाना शहरों में ब्रेस्ट कैंसर बढ़ने की बड़ी वजहें हैं.
गांवों से सर्विकल कैंसर के मामले ज़्यादा होने की बड़ी वजह मेंस्ट्रुअल हाइजीन की कमी है. यानी पीरियड्स के दौरान गंदा कपड़ा इस्तेमाल करना. सैनिटरी पैड्स की कमी. साफ़ सफ़ाई न रखना. सेफ़ सेक्स न करना और HPV की वैक्सीन न लगवाना. HPV वैक्सीन सर्विकल कैंसर से बचा सकती है.
इन सब कारणों के अलावा, किसी ख़ास जगह पर किसी एक प्रकार के कैंसर होने का बड़ा कारण जीन्स भी है. यानी जेनेटिक.
हमारा देश बहुत बड़ा है. हर जगह का खानपान, रहन-सहन, लाइफस्टाइल अलग-अलग है. जीन्स अलग हैं. इसलिए कुछ ख़ास जगहों पर एक प्रकार का कैंसर ज़्यादा पाया जाता है. आने वाले समय में इस पर और रिसर्च होगी, तभी तस्वीर और साफ़ हो पाएगी.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: क्या शरीर के कई अंगों में फैला कैंसर ठीक हो सकता है?