PM मोदी ने खाने में तेल घटाने की अपील की, जानिए किस तेल में खाना बनाना सबसे अच्छा
ओबेसिटी और कुकिंग ऑयल को लेकर डॉक्टर से जानिए कि कौन-से कुकिंग ऑयल से ओबेसिटी का ख़तरा ज़्यादा है. ओबेसिटी से लड़ने के लिए कौन-से कुकिंग ऑयल इस्तेमाल करें. कितना कुकिंग ऑयल इस्तेमाल करना हेल्दी है. और, ओबेसिटी से लड़ने के लिए क्या करना चाहिए.
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ओबेसिटी यानी मोटापा. भारत में ये एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. हालत ये है कि PM मोदी भी देश में बढ़ती ओबेसिटी को लेकर चिंतित हैं. 15 अगस्त को अपने भाषण में उन्होंने इसका ज़िक्र भी किया.
PM मोदी ने कहा, "ओबेसिटी यानी मोटापा भारत में एक बड़ी पब्लिक हेल्थ प्रॉब्लम बनती जा रही है. आने वाले समय में हर 3 में से 1 इंसान ओबीज़ होगा. हमें ओबेसिटी से आज़ाद होना है. इसलिए हर परिवार को 10% कम कुकिंग ऑयल खरीदना चाहिए और 10% कम तेल इस्तेमाल करना चाहिए."
PM मोदी की चिंता जायज़ भी है. मार्च 2025 में द लैंसेट नाम के जर्नल में एक रिपोर्ट छपी. इसके मुताबिक, साल 2050 तक हिंदुस्तान की करीब एक-तिहाई आबादी मोटापे से ग्रस्त होगी. देश के करीब 22 करोड़ पुरुष और 23 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं, साल 2050 तक ओवरवेट होंगी. यानी लगभग 45 करोड़ लोग. सबसे ज़्यादा चिंता की बात ये है कि 15 से 24 साल के लोगों में मोटापा तेज़ी से बढ़ा है. ये आगे और बढ़ेगा.
आज बात करेंगे ओबेसिटी और कुकिंग ऑयल के बारे में. डॉक्टर से जानेंगे कि कौन-से कुकिंग ऑयल से ओबेसिटी का ख़तरा ज़्यादा है. ओबेसिटी से लड़ने के लिए कौन-से कुकिंग ऑयल इस्तेमाल करें. कितना कुकिंग ऑयल इस्तेमाल करना हेल्दी है. और, ओबेसिटी से लड़ने के लिए क्या करना चाहिए.
कौन से कुकिंग ऑयल से ओबेसिटी का ख़तरा ज़्यादा है?ये हमें बताया डॉक्टर अंजना कालिया ने.

कुछ तेल सेहत के लिए फ़ायदेमंद नहीं हैं. इनसे परहेज़ करें या कम मात्रा में इस्तेमाल करें. जैसे पाम ऑयल. इसमें ओमेगा-6 और ओमेगा-3 का अनुपात बहुत ज़्यादा होता है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह है. पाम ऑयल में पामिटिक एसिड पाया जाता है. इसकी वजह से शरीर में अंदरूनी सूजन बढ़ती है. अंदरूनी सूजन बढ़ने से वज़न बढ़ने लगता है. कुकिंग ऑयल और मोटापा साथ-साथ चलते हैं. कुकिंग ऑयल की मात्रा कम करनी ही पड़ेगी, तभी मोटापे से लड़ा जा सकता है.
ओबेसिटी से लड़ने के लिए कौन-से कुकिंग ऑयल इस्तेमाल करें?कुछ कुकिंग ऑयल शरीर के लिए ज़रूरी हैं. इन्हें गुड फैट्स भी कहते हैं. हमें ऐसे ऑयल्स को अपने खाने में शामिल करना चाहिए. कुछ चीज़ें हम सरसों के तेल में बना सकते हैं. कुछ चीज़ें देसी घी में बना सकते हैं. ऑलिव ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन ऑलिव ऑयल को कच्चे रूप में इस्तेमाल करना चाहिए. कुकिंग में अलग-अलग चीज़ों के लिए अलग-अलग तेलों का इस्तेमाल करना चाहिए.
देसी घी को ज़्यादा पकाना नहीं चाहिए. सूखी सब्ज़ी को सरसों के तेल में बना सकते हैं. दाल में देसी घी डाल सकते हैं. रोटी पर भी देसी घी लगा सकते हैं. सलाद पर ऑलिव ऑयल डाल सकते हैं. सर्दियों में लड्डू बनाने के लिए तिल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं.

20-40 ग्राम या 2-3 चम्मच तेल एक इंसान के लिए पूरे दिन में काफ़ी है. लेकिन इसमें सब तरह के तेल शामिल हैं. यानी खाने में डाला गया तेल और ऊपर से डाला गया तेल, दोनों. कुल मिलाकर 2-3 चम्मच आपके पूरे दिन की ज़रूरत है, उससे ऊपर न जाएं. अगर वज़न घटाना है तो इससे थोड़ा कम तेल इस्तेमाल करें.
ओबेसिटी से लड़ने के लिए क्या करना चाहिए?जैसा PM मोदी ने 15 अगस्त के अपने भाषण में बताया, ओबेसिटी या मोटापा कम करने के लिए कम तेल इस्तेमाल करें. खाने में तेल की खपत 10% तक कम कर देनी चाहिए. इससे काफ़ी असर देखने को मिलेगा. खाने में ज़्यादा तेल और फ्राइड चीज़ें अवॉइड करें. ओबेसिटी घटाने का कोई शॉर्टकट नहीं है. मोटापा घटाना है तो खान-पान, लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज और नींद पर ध्यान दें. खान-पान में देखना है कि कब, कैसे और कितना खाएं. जब भूख लग रही है केवल तब खाएं. भूख से ज़्यादा न खाएं. डाइट में फाइबर ज़्यादा लें. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. खाने में प्रोटीन अच्छी मात्रा में लें. कार्बोहाइड्रेट खाएं, लेकिन सीमित मात्रा में. चीनी कम से कम लें क्योंकि उससे कोई पोषण नहीं मिलता. हफ़्ते में 4-5 दिन 30-40 मिनट एक्सरसाइज करें. जैसे चलना, साइकिलिंग और योग. 7-8 घंटे की नींद ज़रूर लें, ताकि शरीर अपनी मरम्मत कर सके और मेटाबॉलिक रेट बढ़े. मेटाबॉलिक रेट यानी हम जो खाना खाते हैं उसके एनर्जी में बदलने की दर.
कुल मिलाकर बात ये है कि मोटापा हमारे देश में एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. इससे निपटने के लिए हमें अपना खान-पान और लाइफस्टाइल सुधारना होगा. जहां तक बात कुकिंग ऑयल की है, तो खाने में हेल्दी कुकिंग ऑयल इस्तेमाल करें, लेकिन लिमिटेड मात्रा में. जैसे मूंगफली का तेल, नारियल का तेल और सरसों का तेल वगैरह. बहुत ज़्यादा तेल वाला खाना और फ्राइड फूड अवॉयड करें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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