इंस्टा फिटनेस एक्सपर्ट की बात सुन तुरंत चीनी छोड़ दी? नतीजा जान लें
सवाल उठता है कि क्या एकदम से चीनी पूरी तरह छोड़ना सही है? कहीं इसका उल्टा असर तो नहीं होगा? चलिए समझते हैं.
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वज़न घटाना है? चीनी छोड़ दो. फिट रहना है? चीनी छोड़ दो. शुगर कंट्रोल में रखनी है? चीनी छोड़ दो. शुगर यानी चीनी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है. इस बात में कोई दो राय नहीं. कई डॉक्टर्स चीनी के खिलाफ हैं. कुछ का कहना है कि चीनी एकदम नहीं खानी चाहिए. इससे बड़ा विलेन कोई नहीं. कुछ का कहना है कि सीमित मात्रा में चीनी खाने से कोई दिक्कत नहीं है.
सोशल मीडिया पर शुगर के खिलाफ इतनी बगावत देखकर, कई लोगों ने एकदम से शुगर छोड़ दी. लेकिन इसके बाद उन्हें कुछ दिक्कतें महसूस हुईं. जैसे थकान रहना, एनर्जी लो होना, मूड ख़राब रहना और चिड़चिड़ापन वगैरह. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एकदम से चीनी पूरी तरह छोड़ना सही है? कहीं इसका उल्टा असर तो नहीं होगा? चलिए समझते हैं.
क्या अचानक से शुगर एकदम बंद कर देना सही है?ये हमें बताया सोहोम सिन्हा रॉय ने.

कोई भी चीज़ अचानक बंद कर देना सही नहीं है. अगर आप लंबे समय से चीनी ले रहे हैं और एकदम से बंद कर देते हैं. तब आपको विड्रॉल सिम्पटम्स महसूस हो सकते हैं. यानी किसी चीज़ को छोड़ने के बाद दिखने वाले शारीरिक और मानसिक लक्षण. शुगर हमारे शरीर के रिवॉर्ड हॉर्मोन डोपामीन को एक्टिव करती है. ये हॉर्मोन आपका मूड सुधारता है. इसलिए इसकी आदत एक तरह का एडिक्शन (लत) बन जाती है. अगर आप अचानक शुगर छोड़ते हैं, तो बहुत सारी मानसिक और शारीरिक दिक्कतें हो सकती हैं.
अगर डाइट से शुगर एकदम खत्म कर दी जाए तो शरीर में क्या बदलाव आते हैं?अगर शुगर लेना एकदम बंद कर दिया जाए, तो शरीर एनर्जी के लिए फैट और प्रोटीन पर निर्भर हो जाता है. शुगर शरीर की एनर्जी का मुख्य सोर्स है. शुगर छोड़ने पर आपको थकान महसूस हो सकती है. ब्रेन फॉग यानी दिमाग ठीक से काम नहीं करता. उबकाई आ सकती है. पाचन तंत्र बिगड़ सकता है क्योंकि शुगर न मिलने पर पाचन तंत्र में मौजूद बैक्टीरिया को नए हालात में खुद को ढालना पड़ता है. आपको लेट नाइट क्रेविंग्स हो सकती हैं यानी बेवक्त रात में खाने का मन करता है. खासकर चिप्स और पास्ता जैसी चीज़ें, जिसमें रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं.

हर तरह के फल खाए जा सकते हैं. फलों में नेचुरल शुगर होती है, जिसे फ्रुक्टोज़ कहा जाता है. लेकिन कुछ फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) और ग्लाइसेमिक लोड (GL) ज़्यादा होता है यानी शुगर तेज़ी से बढ़ती है. जैसे आम, तरबूज़ और लीची वगैरह. ऐसे फलों को सीमित मात्रा में ही खाएं, ज़्यादा नहीं. आप रोज़ सेब, नाशपाती, बेरीज़, पपीता और अनानास खा सकते हैं. बस ध्यान रखें कि फलों का जूस न पिएं. आप पूरा फल खा सकते हैं.
ज़्यादा शुगर खाने से शरीर को क्या नुकसान पहुंचता है?ज़्यादा शुगर खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. जैसे टाइप-2 डायबिटीज़, जो भारत में बहुत आम है. टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीज़ों में दिल की बीमारियों का रिस्क ज़्यादा होता है. व्यक्ति का वज़न तेज़ी से बढ़ सकता है. वज़न बढ़ने पर हार्ट अटैक या हार्ट ब्लॉकेज का चांस भी बढ़ जाता है. खून में ट्राइग्लिसराइड (एक तरह का फैट) का लेवल बढ़ जाता है. अगर शरीर में शुगर का लेवल ज़्यादा हो, तो घाव भी जल्दी नहीं भरते. इसलिए चाहे शुगर हो या कोई और चीज़, उसे संतुलन में ही खाएं. किसी भी चीज़ को बहुत ज़्यादा या बहुत कम लेना नुकसानदेह हो सकता है. लिहाज़ा अगर शुगर लेनी है, तो सीमित मात्रा में लीजिए.
मीठा खाना सेहत के लिए ठीक नहीं है. इसे एकदम से बंद करने पर कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं. बेहतर है आप इसके कुछ हेल्दी विकल्प ट्राई करें. जैसे गुड़, शहद, खजूर और कोकोनट शुगर. आप फल खा सकते हैं. ड्राई फ्रूट्स खा सकते हैं. जिनमें हल्दी मिठास होती है. लेकिन, अगर आप डायबिटीज के मरीज़ है. शुगर हाई रहती है तो शुगर से दूर ही रहना बेहतर है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: एकदम से चीनी छोड़ दी, तो शरीर में क्या होगा?