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ECHO, Stress ECHO, ECG, Lipid Profile और Treadmill Test: दिल के इन टेस्ट से क्या पता चलता है?

दिल की बीमारियां अब बुढ़ापे का इंतज़ार नहीं करतीं. कम उम्र में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौतें हो रही हैं. ऐसे में बेहद ज़रूरी है दिल की सेहत जांचते रहना.

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what does ECHO Stress ECHO ECG Lipid Profile and Treadmill Test show
दिल के हर टेस्ट से दिल की अलग दिक्कत पता चलती है (फोटो: Freepik)
3 सितंबर 2025 (Published: 03:09 PM IST)
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चेन्नई में एक 39 साल के कार्डिक सर्जन की अस्पताल में राउंड लेते वक्त मौत हो गई. मौत की वजह हार्ट अटैक. फरीदाबाद के एक जिम में एक्सरसाइज़ करते हुए 35 साल के आदमी की मौत हो गई. मौत की वजह हार्ट अटैक. कर्नाटक के हासन ज़िले में 40 दिन के अंदर 21 मौतें हुईं. मौतों की वजह हार्ट अटैक. अखबार, टीवी, सोशल मीडिया में हर जगह हार्ट अटैक की ख़बरें. यहां तक कि 14 साल की उम्र के बच्चों को हार्ट अटैक पड़ रहे हैं.

दिल की बीमारियां अब बुढ़ापे का इंतज़ार नहीं करतीं. कम उम्र में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौतें हो रही हैं. ऐसे में बेहद ज़रूरी है दिल की सेहत जांचते रहना.

दिल के कुछ आम टेस्ट हैं, जिनसे समय रहते पता चल जाता है कि दिल ठीक से काम कर रहा है या नहीं. हार्ट अटैक आने की संभावना तो नहीं है. दिल में कहीं ब्लॉकेज तो नहीं है.

आपने दिल के अलग-अलग टेस्ट्स के नाम सुने होंगे. जैसे ECG, ECHO, स्ट्रेस ECHO, ट्रेडमिल टेस्ट और लिपिड प्रोफाइल वगैरह.

मगर इन अलग-अलग टेस्ट से क्या पता चलता है, क्या ये आपको पता है? नहीं? चलिए, आज आपको बताते हैं. इनके बारे में जानकारी दी है डॉ. राजीव अग्रवाल ने.

पहला टेस्ट: ECG या इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट
dr rajiva agarwal
डॉ. राजीव अग्रवाल, प्रिंसिपल डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली 

ECG या इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम दिल का बेसिक टेस्ट है. ये दिल में दौड़ने वाले करंट की जांच करता है. ये काफी सस्ता और आम टेस्ट है. इससे हार्ट अटैक का पता लग जाता है. दिल के वॉल्व में लीकेज का भी पता लग जाता है. दिल के बाकी टेस्ट करने से पहले ECG किया जाता है.

दूसरा टेस्ट: ECHO यानी इकोकार्डियोग्राम टेस्ट

ECHO हार्ट का अल्ट्रासाउंड होता है. जैसे अल्ट्रासाउंड वेव्स के ज़रिए पेट में गॉल ब्लैडर और किडनी स्टोन की जांच होती है. ठीक वैसे ही चेस्ट का अल्ट्रासाउंड करके दिल के सारे वॉल्व और चैंबर की जांच होती है.

इससे पता चल जाता है कि दिल ठीक से काम कर रहा है या नहीं. दिल के वॉल्व में सिकुड़न या लीकेज तो नहीं है. हार्ट अटैक की संभावना के बारे में भी पता लगता है. ये बहुत ही सिंपल टेस्ट है. ये महंगा टेस्ट नहीं है. इससे दिल के बारे में बहुत जानकारी मिल जाती है.

तीसरा टेस्ट: स्ट्रेस ECO टेस्ट

कई बार रेस्ट करने की स्थिति में दिल की बीमारी उजागर नहीं होती. इसलिए दिल को ऐसा महसूस कराना पड़ता है, जैसे शरीर एक्सरसाइज़ कर रहा है. एक्सरसाइज़ के दौरान पता लगता है दिल में कोई प्रॉब्लम है या नहीं. इस टेस्ट को स्ट्रेस ECHO कहा जाता है. ये टेस्ट ज़्यादातर ट्रेडमिल पर होता है.

ट्रेडमिल एक्सरसाइज में इस्तेमाल होने वाली मशीन है, जिसकी हाइट और स्पीड को कंट्रोल किया जा सकता है. इस पर एक्सरसाइज़ करवाकर दिल पर लोड डाला जाता है. इस स्थिति में ECG और ECHO दोनों ही जांचें हो सकती हैं. जिसका स्ट्रेस ECHO पॉजिटिव आता है, उसको एंजियोग्राफी करवाने के लिए कहा जाता है.

lipid profile
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की जांच की जाती है (फोटो: Getty Images)
चौथा टेस्ट: लिपिड प्रोफाइल

हमारे खून में अलग-अलग तरह की चर्बी होती है. इससे दिल की बीमारी का रिस्क बढ़ता है. इसे मेडिकल भाषा में डिस्लिपिडेमिया कहा जाता है. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स की जांच की जाती है.

लिपिड प्रोफाइल एक सिंपल-सा ब्लड टेस्ट है. ये बहुत महंगा टेस्ट नहीं है. इससे पता लगता है कि बैड कोलेस्ट्रॉल यानी LDL (लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) की मात्रा कितनी है. और, गुड कोलेस्ट्रॉल यानी HDL (हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) की मात्रा कितनी है. LDL कोलेस्ट्रॉल को कम रखना है. HDL कोलेस्ट्रॉल को हाई रखना है.

एक दूसरा टेस्ट ट्राइग्लिसराइड्स का भी होता है. ये सब एक ब्लड टेस्ट में हो जाता है. आजकल फास्टिंग की भी ज़रुरत नहीं है. खाना खाने के बाद भी ये टेस्ट किए जा सकते हैं. दिल की सेहत जांचने के लिए ये टेस्ट करवाना ज़रूरी होता है.

पांचवा टेस्ट: ट्रेडमिल टेस्ट

कई बार आराम की स्थिति में दिल ठीक काम करता है. लेकिन, अगर उस पर लोड डाला जाए या एक्सरसाइज़ की जाए तो दिल की बीमारियां नज़र आने लगती हैं. दिल के काम करने की क्षमता घट जाती है. दिल का वॉल्व लीक कर सकता है. इस टेस्ट में मरीज़ को ट्रेडमिल पर चलाया जाता है. फिर ECG में देखा जाता है कि क्या खामियां हैं. इससे एंजाइना और हार्ट अटैक की संभावना का पता लग जाता है. अगर ट्रेडमिल टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो एंजियोग्राफी की जाती है.

ये सभी टेस्ट बहुत सिंपल हैं और बहुत आसानी से आपके आसपास मौजूद अस्पतालों में हो सकते हैं. आप इन्हें अपने चेकअप का हिस्सा बना सकते हैं. डॉक्टर से मशविरा करके ये टेस्ट करवा सकते हैं. इनसे समय रहते पता चल जाएगा कि आपका दिल ठीक से काम कर रहा है या नहीं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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