बीयर नहीं छूट रही तो Beer Belly से निपटने के ये तरीके जान लें
बीयर बेली होने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे बहुत ज़्यादा कैलोरी खाना. शराब में फैट के बाद सबसे ज़्यादा कैलोरी होती है. जब कोई व्यक्ति शराब पीता है, तो वो साथ में अनहेल्दी स्नैक्स भी खाता है. इस वजह से शरीर में कैलोरी का लेवल बढ़ जाता है.
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क्या आप बीयर के शौकीन हैं? क्या आप उन लोगों में से हैं, जो बीयर का कैन अपने दोस्तों को पकड़ाते हुए कहते हैं, ‘पी लो भाई, बीयर शराब थोड़ी न है!’
ये वो लोग हैं, जो हर मौसम में बीयर पी सकते हैं. चाहे भयंकर गर्मी हो या ठंड. ये वो लोग हैं, जिनके लिए ओकेज़न मायने नहीं रखता. ये सुख, दुःख दोनों में ही बीयर की तरफ़ भागते हैं.
अब भले आप बीयर के कितने ही कसीदे पढ़ें, बीयर है तो शराब ही. हर शराब की तरह, ये भी सेहत के लिए नुकसानदेह है. शराब के नुकसानों पर हम बहुत बार बात कर चुके हैं, इसलिए आज आपको बख्श देते हैं. आज बात करेंगे उस फैमिली पैक की, जो बीयर पीने के बाद बन जाती है. यानी आपकी तोंद.
आपने नोटिस किया होगा, ज़्यादा बीयर पीने से तोंद निकल आती है. इसे ‘बीयर बेली’ (Beer Belly) कहते हैं. बीयर बेली से निजात कैसे पाएं, इसके बारे में सबकुछ जानिए डॉक्टर से.
बीयर बेली क्या है?ये हमें बताया फिटनेस एक्सपर्ट कुशल पाल सिंह ने.

बीयर बेली यानी हमारे पेट के इर्द-गिर्द या पेट पर बहुत ज़्यादा फैट जमा हो जाना. इसकी वजह से पेट का आकार गोल या उभरा हुआ दिखता है.
बीयर बेली क्यों बनती है?बीयर बेली होने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे बहुत ज़्यादा कैलोरी खाना. शराब में फैट के बाद सबसे ज़्यादा कैलोरी होती है. जब कोई व्यक्ति शराब पीता है, तो वो साथ में अनहेल्दी स्नैक्स भी खाता है. इस वजह से शरीर में कैलोरी का लेवल बढ़ जाता है.
दूसरी वजह हॉर्मोन्स का असंतुलन है. इसकी वजह से पेट के आसपास बहुत ज़्यादा फैट जमा हो जाता है.
तीसरी वजह मेटाबॉलिज़्म का धीमा होना है. इसके कई कारण हो सकते हैं. जैसे बहुत ज़्यादा शराब पीना. उम्र का बढ़ना. जेनेटिक्स. स्ट्रेंथ या वेट ट्रेनिंग न करना.
बीयर बेली होने के क्या नुकसान हैं?बीयर बेली की वजह से बहुत सारी दिक्कतें हो सकती हैं. कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ यानी दिल और खून की नलियों से जुड़ी बीमारियां होने का चांस बढ़ जाता है. जैसे हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर या स्ट्रोक. विसरल फैट बहुत ज़्यादा होने से इंसुलिन के कामों पर असर पड़ता है. विसरल फैट यानी अंदरूनी अंगों पर जमा चर्बी. इससे टाइप-2 डायबिटीज़ होने की संभावना बढ़ जाती है.
लिवर से जुड़ी बहुत सारी दिक्कतें भी हो सकती हैं. जैसे फैटी लिवर, लिवर में सूजन और सिरोसिस. हॉर्मोन्स के असंतुलन की वजह से मेटाबॉलिक डिसऑर्डर्स भी हो सकते हैं. फैट और वज़न बहुत ज़्यादा होने से रीढ़ की हड्डी और जोड़ों पर दबाव पड़ता है. इससे चलने-फिरने में दिक्कत और दर्द होता है. कुछ खास तरह के कैंसर, जैसे कोलन या पैंक्रियाटिक कैंसर होने का जोखिम भी बढ़ जाता है.

बीयर बेली कम करने के लिए कई बातों पर ध्यान रखना ज़रूरी है. जैसे आपका खान-पान हेल्दी रखें. आपके खाने में प्रोटीन, सब्ज़ियां, फल, साबुत अनाज और हेल्दी फैट होना चाहिए. बहुत ज़्यादा शराब पीने से बचें. प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें. खाने की मात्रा पर कंट्रोल रखें. फिज़िकल एक्टिविटी करें. इसमें कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग दोनों शामिल हैं. रोज़ 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लें. स्ट्रेस कम लें. कोर्टिसोल यानी स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ने से फैट की मात्रा भी बढ़ती है. स्ट्रेस मैनेज करने के लिए योग और डीप ब्रीदिंग कर सकते हैं. आपको ये सारी चीज़ें लगातार करनी पड़ेंगी, तभी असर दिखेगा.
बीयर बेली से बचने के लिए किन गलतियों को अवॉइड करें?बीयर बेली से बचने के लिए कुछ गलतियों पर गौर करना ज़रूरी है. बहुत ज़्यादा कैलोरी न लें. बहुत ज़्यादा शराब पीने से भी बचें. खाने की मात्रा पर कंट्रोल रखें. आपकी जीवनशैली सुस्त न हो. इसलिए फिज़िकल एक्टिविटी ज़रूर करें. अपनी एक्सरसाइज़ में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग शामिल करें. क्रैश डाइट के भरोसे न रहें (इसमें वज़न तेज़ी से घटाने के लिए बहुत कम खाया जाता है). 7 से 8 घंटे की पूरी नींद लें. स्ट्रेस या बिंज ईटिंग बिल्कुल न करें. पोषण पर ज़्यादा तवज्जो दें, सिर्फ़ एक्सरसाइज के भरोसे न रहें. हाइड्रेशन का खास ध्यान रखें. इन सारी चीज़ों को करने में निरंतरता बनाए रखें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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